जमशेदपुर, 18 जुलाई।
टाटा नेटवर्क फोरम ने एथिक्स विभाग, टाटा स्टील के सहयोग से 17 जुलाई 2017 को स्टीलेनियम हॉल में एथिक्स कॉन्क्लेव 2017 का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में टाटा संस लिमिटेड ग्रुप सीएचआरओ एस पद्मनाभन मुख्य वक्ता थे। इस कार्यक्रम में जमशेदपुर स्थित विभिन्न टाटा समूह की कंपनियों के वरीय लीडरशिप ने भाग लिया।
टाटा स्टील के एम डी टी वी नरेंद्रन ने संदर्भ प्रस्तुत करते हुए एक संगठन में नेतृत्व, विश्वास और नैतिकता के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने बताया कि लीडरशिप कैसे दिखाना चाहिए और लीडर्स को कैसा व्यवहार करना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि नैतिकता के कई पहलू हैं जैसे सम्मानजनक कार्यस्थल, ईमानदारी आदि। इस वर्ष एथिक्स मंथ का विषय ’सम्मानजनक कार्यस्थल’ है, इसलिए लीडरशिप की भूमिका यह सुनिश्चित करना है कि कार्यस्थल पर सम्मान और गरिमा बनाए रखा जाए।
इस दौरान एस पद्मनाभन ने अपने सबोंधन में कहा कि जे एन टाटा और जेआरडी टाटा के अनुकरणीय लीडरशिप से उदाहरणों का उल्लेख करते हुए टाटा समूह में ’लीडरशिप विद ट्रस्ट’ के इतिहास पर प्रकाश डाला।
नैतिक संस्कृति को समृद्ध करने पर एक पैनल परिचर्चा भी हुई। चर्चा में मानव व्यवहार, लीडरों की भूमिका में परिवर्तन, निर्णय लेने की दुविधाओं जैसे प्रमुख पहलुओं के बारे में बात की गयी।
पैनल की चर्चा के बाद फादर ओस्वाल्ड एजे मस्केरनहास, एसजे, जेआरडी टाटा चेयर प्रोफेसर ऑफ बिजनेस एथिक्स, एक्सएलआरआई के साथ एक सत्र आयोजित किया गया।
कार्यक्रम के अंत में ’सर्वश्रेष्ठ प्रक्रियाओं’ पर भी एक सत्र आयोजित किया गया। सुकन्या गोपीनाथ, हेड एथिक्स मैनेजमेंट, टाइटन कंपनी लिमिटेड और श्री अशोक लोढ़, हेड ऑपरेशंस और लोकल एथिक्स काउंसेलर, टाटा पावर सत्र के वक्ता थे।
इस कार्यक्रम में जमशेदपुर स्थित टाटा समूह की कंपनियों के वरीय लीडर्स ने हिस्सा लिया।
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