जमशेदपुर। जीवन में मार्गदर्शन का कार्य करती है श्रीमद् भगवद्गीता, आज विश्व के अधिकांश मैनेजमेंट स्कूल कॉलेज अपने पाठ्यक्रम में गीता का अध्ययन एक प्रमुख विषय के रूप में रख रहे हैं, क्योंकि उन्हें यह ज्ञात हो गया है कि जीवन के हर कठिन समस्या का हल इसमें छुपा है, ऐसे में चुकि जब यह महान समृद्ध विरासत भारत द्वारा विश्व को दी गयी है तो हमारा दायित्व है कि हम उसे और लोगों से ज्यादा बेहतर समझें और उपयोग करें, इसलिए चिन्मया विद्यालय अपनी परम्परानुसार अपने बच्चों के बीच गीता ज्ञान को प्रसारित करने में अग्रसर है। उक्त विचार गीता जयन्ती के अवसर पर आयोजित गीता चैन्टिंग कम्पीटीशन (गीता पाठ प्रतियोगिता) पर चिन्मया विद्यालय साउथ पार्क बिष्टुपुर की प्रिन्सिपल श्रीमती मिक्की सिंह ने व्यक्त किया, इससे पहले प्रतियोगिता शुभारंभ के लिए दीप ज्योति की आराधना के साथ भगवान श्रीकृष्ण तथा अध्यात्मिक गुरु चिन्मयानंद की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्जवलित किया गया, जिसमें श्रींमती मिक्की सिंह के साथ स्कूल की शिक्षिका एवं इस प्रतियोगिता की निर्णायक टीम श्रीमती बेबी प्रसाद, मनी पाण्डे, रुमा गुप्ता तथा इस कार्यक्रम का संचालन कर रहे संगीत शिक्षक श्री इश्वर राव द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। स्कूल के कक्षा 1 से लेकर कक्षा 10 के 120 प्रतिभागियों ने गीता चैन्टिंग में भाग लिया तथा कंठस्थ गीता के निर्धारित श्लोक का उच्चारण किया। कार्यक्रम के अंत में घोषित परिणाम के अनुसार ग्रुप ए जिसमें कक्षा 1 तथा 2 के बच्चे शामिल थें, उनमें क्रमशः प्रथम, द्वितीय तथा तृतीय स्थान 2बी के आकर्षण, 1ए के बलराम तथा 2बी के श्रेष्ठ राज को प्राप्त हुआ, ग्रुप बी जिसमें कक्षा 3 से लेकर 5के बच्चों ने हिस्सा लिया, उसमें क्रमशः प्रथम द्वीतीय तथा तृतीय स्थान 3बी के मनित राज, 4बी की विद्या एवं 4ए के कल्याणी पाण्डे को प्राप्त हुआ। ग्रुप सी जिसमें कक्षा 6 से 8 के बच्चों ने हिस्सा लिया, उसमें क्रमथः प्रथम, द्वितीय तथा तृतीय स्थान 7ए के मुकुन्द मोह, 6बी की निधि शर्मा तथा 7बी के अभिषेक प्रधान को प्राप्त हुआ। ग्रुप डी जिसमें 9 तथा 10वीं कक्षा के बच्चों ने हिस्सा लिया, उसमें 9ए के ही गौरी पाण्डे, अंशिका अग्रवाल तथा अंजू महतो को प्रथम, द्वितीय तथा तृतीय स्थान प्राप्त हुआ। इस अवसर पर बच्चों को प्रोत्साहित करने व आशीष देने आए स्कूल के वाईस चेयरमैन श्री सुरेन्द्र नाथ ने सभी विजयी बच्चों सहित प्रतियोगी बच्चों को भी पुरस्कृत करने की घोषणा की तथा सभी को आशीर्वचन देते हुए कहा कि श्रीमद् भगवतगीता और रामायण हमारे देश के समृद्ध सांस्कृतिक विरासत है, जिसमें जीवन के सम्बन्धों को जोड़ने तथा हर मुश्किल को हर करने का सार छुपा है। सभी बच्चे न सिर्फ याद करें बल्कि इनमें लिखी बातों को अपने जीवन में उतारें।
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