जमशेदपुर।
एमजीएम अस्पताल के डॉक्टर की लापरवाही के कारण एक और मरीज की मौत हो गई।इस अस्पताल में एक माह के भीतर ऐ दुसरी घटना है। वही इस घटना के विरोध में डाक्टरो पर कार्रवाई की मांग को लेकर मृतक के शव के साथ मरीज के परिजनो अस्पताल का गेट जाम कर दिया। इस दौरान अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी की गई। इस हंगामे के बाद जमशेदपुर की प्रखण्ड विकास पदाधिकारी पारुल सिह के द्वारा आश्वसन और कार्रवाई की बात कहने के बाद सभी वहां से हटे।
बताया जाता है कि सरजामदा निवासी सूरज नायक और उसकी पत्नी दो दिनों पहले ही खाना बनाने के क्रम में स्टोफ़ से झुलसकर घायल हो गए थे। इलाज के लिए दंपति को एमजीएम अस्पताल में भर्ती कराया गया था । इधर इलाज के बाद पत्नी की स्थिति में इलाज के दौरान सुधार हुआ। उसके बाद डॉक्टरो ने उसकी छुट्टी देदी थी। लेकिन पति सूरज नायक की स्थिति और बिगड़ती चली गई । सोमवार की देर शाम सूरज नायक को अस्पताल के नर्स ने दवा दी। मरीज के दवा खाने के साथ ही उसकी मौत हो गई। इधर मृतक के परिजनों ने सोमवार की रात को भी एमजीएम अस्पताल के डॉक्टरों व अन्य कर्मचारियों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया और शव अस्पताल के बर्न वार्ड से उठाने से साफ इंकार कर दिया काफी देर तक अस्पताल प्रबंधन और सुरक्षा कर्मी परिजनों को समझाते रहे लेकिन वह आरोपी डॉक्टरों व कर्मचारियों पर कार्रवाई की मांग कर रहे थे।
वही इस सबंध में एम जी एम अस्पताल के अधीक्षक डॉ भारतेदु भुषण नें मरीज के परिजनो के द्वारा लगाए गए आरोप को निराधार बताया है। उन्होने कहा कि मरीज गला काफी झुलस गया था। उसे सांस लेने मे काफी परेशानी हो रही थी। इस बात की जानकारी उनके परिजनो को दे दी गई थी। उन्होने कहा साफ तौर पर कहा गला मे अधिक जख्म ही मौत का कारण बना।
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