वे अपने को आत्मनिर्भर बनाने के लिए बना रहे है राखी

जमशेदपुर।
राखी का इंतजार हर बहनो को होता है। साल मे एक बार आने वाला त्योहार के लिए बहन कई ,सपनो को संजोए रहती है।और बाजार जा कर अपनी मन पसंद राखी को ले आती है।लेकिन आज हम उन राखियो की बात करेगे जिसे वैसे बच्चो ने तैयार किया है जो शारीरिक और मानसिक रुप है।
शहर के बिष्टुपुर में एक ऐसा विद्यालय जिसमे केवल स्पेशल (मंदबुधि) बच्चे पढाई करते है। स्कूल के बच्चो को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रबंधन द्गारा कई कालाओ को सिखाया जाता हैं।उन्ही मे से एक कला के माध्यम से बच्चो के द्वारा राखी बनाई जा रही है। जिसे लोग काफी प्रसंद कर रहे है ।
ऐ बच्चे अपने स्कुल के शिक्षक से सिख कर ऐसी अदभुत रखिया बनाते है की मानों किसी राखी कारीगर ने बनाया हो । शायद ये कुदरत का करिश्मा ही है कि ये मंद बुधि छात्र द्वारा आम लोगो को पसंद आने वाली रखी बना पा रहे हैं ।
बच्चो की इस प्रतिभा को देख कर स्कूल की प्राचार्या श्यामला राजु कहना है कि कोई भी किसी से कम नहीं होता है । भगवान ने इन बच्चो को इस तरह बनाया है तो आप उसको न देख कर उसकी प्रतिभा को देखे की वे कितने प्रतिभावान है।उन्होने कहा कि इस राखी को बना हर छात्र अपने को खुश महसूस करता है हर वर्ष ये बच्चे रखिया बनाते है जो जमशेदपुर के कई स्कुल कॉलेजो में भेजा जाता है और वे लोग इसकी खरीदारी करते है ।
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