संवाददाता
जमशेदपुरः अपनी 11 सूत्री मांगों कौ लेकर झारखंड राज्य अरापत्रित कर्मचारी महासंघ के बैनर तले बड़ी संख्या में कर्मचारियों उपायुक्त कार्यालय के समक्ष धरना दिया. धरना का नेतृत्व प्रदेश अध्यक्ष शशांक कुमार गांगुली ने किया. मांगों में मुख्य रुप से केंद्रीयकर्मियों की भांति बोनस, वाहन भत्ता, एलटीसी, वेतन विसंगती निराकरण, तृतीय वर्ग के रिक्त पदों पर चतुर्थ वर्ग के योग्यकर्मियों की पदोन्नति, उचित परिवहन भत्ता, दैनिक वेतन भोगी, दैनिक नामावली, श्रम पुस्त एकमुश्त न्यूनतम वेतन व अनुबंध पर नियुक्त कर्मचारियों को नियमित करने, आंगनबाड़ी सेविकाओं व सहायिकाओं को नियमित करने, तृतीय व चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों के वेतन विसंगती को दूर करने, एसीपी का लाभ देने, आदि मांगें शामिल हैं.
धरना के दौरान कर्मचारियों जोरदार तरीके से नारेबाजी की. साथ ही लंबित मांगों को अविलंब पूरा करने की मांग की. धरना स्थल पर गालूडीह, मानगो, घाटिशला आदि स्थानों से कर्मचारी बड़ी संख्या मे पहुंचे थे.
धरना स्थल पर कई नेताओं ने संबोधन भी किया और कहा कि किस तरह से राज्य सरकार कर्मचारियों की जायज मांगों को पर ध्यान नहीं दे रही है और उपेक्षा कर रही है. वक्ताओं का कहना था कि राज्य सरकार झारखंड गठन के बाद से राज्यकर्मियों के साथ भेद-भाव अख्तियार कर रही है, जिसे कर्मचारी कभी भी सहन नहीं करेंगे. अगर उन्हें सड़कों पर उतरने पड़े, तो पीछे नहीं हटेंगे. अपनी जायज मांगें मनवा कर ही रहेंगे.
इस मौके पर सम्मानित अध्यक्ष विमल कुमार सिंह, अध्यक्ष शशांक कुमार गांगुली, उपाध्यक्ष प्रफुल्ल चंद्र गोराई, तपन महतो, प्रणव शंकर, रामकृष्ण दास, महेद्र तिवारी, अरुण कुमार, मधुसूदन कुमार, अशोक घोषाल, दुर्गाचरण मांझी, कार्तिक चंद्र साव, शिव चरण दे, शिशिर पात्र आदि नेताओं ने जम कर संबोधित किया. अंत में 11 सूत्री मांगों वाला एक ज्ञापन उपायुक्त को सौंपा गया, जो मुख्य सचिव, राज्य सरकार के नाम संबोधित था.

