आज का दौर प्रतियोगिता का दौर है हर कोई अपने दोस्तों और रिश्तेदारों से आगे निकलना चाहता है. हम
हर किसी को अपना प्रतिद्वंदी मानते है, चाहे वो स्कूल में साथ में पढ़ने वाला दोस्त हो, या फिर बाद में
कोई बिज़नेस पार्टनर हो. हर जगह हर फिल्ड में हमें ओरों से बेहतर बनना है, और जीवन में निरंतर
विकास करने के लिए ये जरुरी भी है.
प्रतियोगिता-प्रतिद्वंदी इन दोनों के एक साथ होने के लिए सबसे ज्यादा जरुरी है मौका, एक ऐसा मौका
जो हमें आगे बढ़ने के लिए मिले. खुद को साबित करने और काबिलियत सिद्ध करने के लिए. खुद को
आंत्रप्रेन्योर बनाने के लिए. पर सवाल ये उठता है कि ये मौका हमें देगा कौन, जब हर कोई प्रतियोगिता में
लगा हुआ है तो कोई अपना प्रतिद्वंदी क्यों बनाना चाहेगा ?
अगर हम अपने आस-पास देखें तो हमें कारखानों-कंपनियों में ऐसे कई उदाहरण मिलते है, जहाँ सिर्फ
जान-पहचान से ही नौकरी मिलती है. आपके हुनर और स्किल्स को हर बार नज़र अंदाज़ कर दिया जाता
है. आपके आगे बढ़ने की राहों में पहले से ही बाधा खड़ी कर दी जाती है. आंत्रप्रेन्योर बनने का सपना तो
दूर एक नौकरी मिलना मुश्किल हो जाती है.
इस स्थिति में आपके लिए जरुरी हो जाता है एक ऐसे मौके को ढूढ़ना या संस्थान को ढूढ़ना जो आपको
नौकरी के साथ-साथ आंत्रप्रेन्योर बनने के हुनर भी सीखा सके. ये हुनर आपको इंदौर में स्थापित जानी
मानी पीआर कंपनी PR24X7 में मिलेगा.
PR24X7 के फाउंडर अतुल मलिकराम का मानना है कि, "कोई भी अपनी मां की कोख से सीख कर नहीं
आता है, सभी को अपने आप को साबित करने के लिए एक मौके की तलाश होती है. और हम उनकी
तलाश को एक मौका देते है. कंपनी का उद्देश्य न सिर्फ एम्प्लॉईज़ हायर करना है बल्कि यंग एम्प्लॉई
को आंत्रप्रेन्योर में तब्दील करना भी है। हम लोगों के अंदर वो जुनून वो ऊर्जा लाते है जो उन्हें एक
आंत्रप्रेन्योर में तब्दील कर देती हैं। इसी वजह से उत्तर भारत में लगभग 100 पीआर कम्पनिया
अस्तित्व में आई है।"
पूर्वी कम्युनिकेशन की बात हो या राज कम्युनिकेशन, ऋतू कम्युनिकेशन, स्टार कम्युनिकेशन या फिर
सार कम्युनिकेशन जैसे अनगिनत नाम हम से सीख कर आगे बढ़े हैं और सफलता पूर्वक अपनी कंपनी
का नेतृत्व कर रहे हैं, और यह देख हमे काफी ख़ुशी और हौसला मिलता है कि हमारे सिखाए हुए लोग
आज अपने जीवन में इतनी तरक्की कर पाए.
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