विजय सिंह,बी.जे.एन .एन.ब्यूरो,नई दिल्ली


बिहार विधानसभा चुनाव में करारी शिकस्त के बाद हार के मंथन में जुटी रही भाजपा असम में अप्रत्याशित सफलता प्राप्त कर पहली बार पूर्वोत्तर में भाजपा की सरकार बनाकर बिहार के गम को ख़ुशी में बदलते हुए नेतृत्व और कार्यकर्ताओं में जोश भरने में सफल रही.दरअसल भाजपा नेतृत्व को बिहार खोने का जितना दुःख था उससे कहीं ज्यादा चिंता अगले साल देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में होने वाले विधान सभा चुनाव में अधिक से अधिक सीटें जीत कर सरकार बनाने की है. लेकिन भाजपा के अंदर जो चल रहा है उससे से यही प्रतीत होता है कि उत्तर प्रदेश में बिहार के इतिहास को दुहराने के लिए किसी विरोधी की आवश्यकता नहीं है बल्कि खुद भाजपा का अंतर्कलह काफी है.
जितने उत्साह से भाजपा नेतृत्व यू.पी.चुनाव जीतने की रणनीति पर काम कर रही है उतनी ही तेजी से अंदर ही अंदर कब कैसे किस नेता का कद घटाया जाये और मुख्यमंत्री की दौड़ से बाहर किया जाये ,इस पर भी विवेचना हो रही है.हमारी जानकारी के मुताबिक केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह,गोरखपुर के सांसद योगी आदित्यनाथ,सुल्तानपुर के सांसद वरुण गांधी,केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री श्रीमती स्मृति ईरानी में से किसी एक को उत्तर प्रदेश के भावी मुख्यमंत्री के रूप में भाजपा प्रस्तुत कर सकती है.इसमें सबसे ज्यादा आगे योगी आदित्यनाथ ही दीख पड़ते हैं, लेकिन भाजपा नेतृत्व अभी कोई जोखिम नहीं लेना चाहता. भाजपा नेतृत्व का एक धड़ा राजनाथ सिंह को प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व पूर्व अध्यक्ष के अनुभव का हवाला देकर उत्तर प्रदेश के भावी मुख्यमंत्री का लॉलीपॉप दिखा कर केंद्र से राज्य की राजनीति में उलझा सकता है.हालाँकि योगी आदित्यनाथ के लिए यह सुगम ग्राह्य नहीं होगा. इसकी एक झलक योगी आदित्यनाथ के करीबी आजमगढ़ के पूर्व भाजपा सांसद रमाकांत यादव ने एक प्रेस कांफ्रेंस कर दिखला दी है.
रमाकांत ने पत्रकार वार्ता में खुलासा किया कि राजनाथ सिंह २०१४ के लोकसभा चुनाव में अपने परम मित्र सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव के सहयोग से देश के प्रधानमंत्री बनना चाहते थे.पूर्व सांसद यादव ने यू.पी. के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह को भाजपा से निकलवाने और प्रदेश में भाजपा की दुर्गति का ठीकरा भी राजनाथ सिंह के माथे पर ही फोड़ा.यादव ने प्रदेश में कुर्मी,यादव और पिछड़ी जातियों के मतदाताओं का राजनाथ सिंह से छत्तीस का आंकड़ा होने का दावा भी किया. चुनाव की रणनीति बनने के पहले ही देश के गृह मंत्री और उत्तर प्रदेश में भाजपा के चेहरे रहे राजनाथ सिंह पर उनकी ही पार्टी के पूर्व सांसद
द्वारा गम्भीर आरोप लगाना,वह भी संवाददाता सम्मलेन बुलाकर ,कहीं न कहीं गम्भीर साजिश और भाजपा की लुटिया डुबोने का इशारा करती है.