Thursday Positive News:अब आशीष भी पढेगा.बोल सुन नहीं सकता पर हिम्मत की कमी नहीं, नेहा निषाद ने बढाया मदद का हाथ, जिला शिक्षा विभाग की पहल पर हो गया नामांकन

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अन्नी अमृता

चाईबासा.

पश्चिम सिंहभूम के गुटुसाइ गाँव में रहने वाला आशीष बोल और सुन नही सकता लेकिन वह अपनी हिम्मत से शिक्षा हासिल कर सकता है.पढाई के प्रति उसके जज्बे को देखते हुए सोशल वर्कर नेहा निषाद ने मूूक बधिर आशीष के मामले को उठाया जिसका परिणाम यह हुआ कि आशीष का दाखिला रुंगटा मध्य विद्यालय चाईबासा में हो गया.नेहा का कहना है कि इस उदाहरण से उन लोगों की सोच बदलेगी जो समझते हैं कि दिव्यांग बच्चे आम बच्चों की तरह नहीं पढ सकते.

क्या है पूरा मामला
दरअसल कोरोना काल के समय से आशीष स्कूल नही जा पा रहा था. जब आशीष की माँ ने बताया कि चाईबासा सरकारी विद्यालय वाले मूक बधिर होने के कारण उसका दाखिला नहीं ले रहे हैं तब इसकी खबर नेहा निषाद ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर पर साझा की जिसके बाद जिला शिक्षा विभाग हरकत में आया और जिला शिक्षा पदाधिकारी
अभय कुमार शील की पहल पर आशीष का दाखिला मन मुताबिक विद्यालय में हुआ. जिला शिक्षा पदाधिकारी अभय कुमार शील ने बिहार झारखंड न्यूज नेटवर्क से फोन पर बातचीत करते हुए कहा कि शिक्षा विभाग इनक्लूसिव एजुकेशन यानि समावेशी शिक्षा प्रदान करता है जिसके तहत सामान्य और विशेष दोनों प्रकार के बच्चों के लिए शिक्षा की सुविधा प्रदान की जाती है.उन्होंने बताया कि जैसे उन्हें जानकारी मिली और आशीष के संबंध में आवेदन प्राप्त हुआ, अविलंब उन्होंने दाखिला करवाया.

इतना ही नहीं जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी पुनीता तिवारी की पहल पर आशीष को स्पॉनसरशिप योजना से भी जोड़ा जायेगा जिसके तहत उसे 4 हजार रुपये पढाई में मदद हेतु मिलेंगे.

आशीष 100% दिव्यांगता के बावजूद सामान्य बच्चों की तरह विद्यालय में पढ़ सकेगा जो इस क्षेत्र के लिए एक उदाहरण है. इसके साथ ही उसकी पढाई की जिम्मेदारी भी नेहा निषाद ने उठा ली है. नेहा की तरफ से उसे स्कूल जाने के लिए यूनिफॉर्म, जूते, कॉपी, बैग वगैैरह दिया गया. आशीष पढ़ लिख कर अपनी माँ का सहारा बनना चाहता है.आशीष के विद्यालय जाने से उसके परिवार समेत गुटुसाइ गाँव के सभी लोग काफी खुश हैं.सबने नेहा निषाद और जिला शिक्षा विभाग का शुक्रिया अदा किया है.

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