नई दिल्ली। देश की सबसे बड़ी एकीकृत पावर कंपनी टाटा पावर को हाल ही में ग्लोबल सीएसआर एक्सीलेंस एंड लीडरशिप अवार्ड 2019 में दो पुरस्कार प्रदान किये गये। टाटा पावर के पर्यावरण एवं संसाधन संरक्षण प्रोग्राम ‘क्लब एनर्जी‘ को ‘कॉज ब्रांडिंग‘ कैटेगरी में सम्मानित किया गया। वहीं, इसकी बायो-डायवर्सिटी पहल ‘एक्ट फॉर महसीर‘ ने ”अवेयरनेस ब्रांडिंग” कैटेगरी में पुरस्कार जीता। वर्ल्ड सीएसआर डे के आयोजकों द्वारा मुंबई के ताज लैंड्स एंड में इस पुरस्कार समारोह का आयोजन किया गया था।
ये पुरस्कार देश भर में स्टुडेंट्स और टीचर्स के बीच ऊर्जा संरक्षण के बारे में जागरूकता फैलाने में क्लब एनर्जी के प्रयासों एवं उपलब्धियों को सम्मानित करते हैं। इसके साथ ही कंपनी के चार दशक पुराने अनूठे प्रोग्राम ऐक्ट फॉर माहसीर को ‘अवेयरनेस ब्रांडिंग’ के लिये सम्मानित किया गया है, जिससे नदियों में रहने वाली मछलियों की प्रजातियों को विलुप्त होने के खतरे से बचाने में मदद मिली है।
टाटा पावर के सीईओ एवं मैनेजिंग डायरेक्टर प्रवीर सिन्हा ने कहा, ”हमारी दो सबसे व्यापक पहलों – ‘क्लब एनर्जी‘ और ‘ऐक्ट फॉर महसीर‘ को सम्मानित किया जाना हमारे लिये बेहद गर्व की बात है। ये दोनों प्रोग्राम्स एक दशक से भी अधिक समय से ऊर्जा एवं संसाधन संरक्षण और पर्यावरणीय संरक्षण लक्ष्यों को हासिल करने पर युवाओं को संवेदनशील बनाने में अग्रणी रहे हैं। हम हमारे प्रयासों एवं परिणामों को पहचानने के लिये सीएसआर लीडरशिप्स अवार्ड्स के आयोजकों का शुक्रिया अदा करते हैं।”
वर्ष 2007 में अपनी शुरूआत के समय से ही, ‘क्लब एनर्जी’ ने देशभर में 533 से अधिक स्कूलों तक पहुंच बनाई है, 19.34 मिलियन से ज्यादा नागरिकों को संवेदनशील बनाया है और 25 मिलियन से अधिक यूनिट्स तक बिजली बचाई है। 1,526 से अधिक मिनी क्लबों के साथ इस पहल से अब तक 2,38,385 एनर्जी चैम्पियंस तक पहुंच स्थापित की है और इसके पास 2,83,473 एनर्जी एम्बेसेडर्स हैं।
टाटा पावर ने चार दशक पहले अपने प्रमुख बायोडायवर्सिटी प्रोग्राम ‘ऐक्ट फॉर महसीर’ की शुरूआत की थी। इन सालों में, इसने तीन थीमैटिक क्षेत्रों- कैप्टिव ब्रीडिंग, इकोलॉजी और अवेयरनेस एवं सेंसिटाइजेशन में परिचालन कर इस लिजेंडरी मछली का संरक्षण करने पर जोर दिया है। इस अनूठे प्रोग्राम ने न सिर्फ विलुप्त होने से महसीर को बचाने में मदद की है, बल्कि स्थानीय समुदायों के लिये आजीविका का एक अतिरिक्त स्रोत भी बन गये हैं और रिक्रिएशनल एंगलर्सके लिये इको-टुरिज्म के लिये एक उपाय बनकर तेजी से उभर रहे हैं।
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