● टेल्को के शिक्षा निकेतन स्कूल के सचिव राजीव रंजन पर वर्ष 2018 में रुपये लेकर वाइस प्रिंसिपल की नियुक्ति करने का आरोप
● पूर्व के इंटरव्यू में ‘अयोग्य’ घोषित हो चुकी टीचर रजनी पांडेय को फ़िर से वाईस प्रिंसिपल बनाने की तैयारी कर रहें शिक्षा निकेतन के सचिव और प्रिंसिपल
जमशेदपुर।
टेल्को के शिक्षा निकेतन स्कूल में व्याप्त फर्ज़ीवाड़ा और रुपये लेकर प्रिंसिपल-वाइस प्रिंसिपल की प्रतिनियुक्ति करने का मामला सामने आया है। शिक्षा सत्याग्रह आंदोलन के नेता सह जिला भाजपा के प्रवक्ता अंकित आनंद ने इस आशय का आरोप लगाया है। अंकित आनंद ने सोमवार देर शाम प्रेस-विज्ञप्ति ज़ारी करते हुए इस मामले को उज़ागर किया। आरोप लगाया कि टाटा मोटर्स कंपनी द्वारा संचालित शिक्षा प्रसार केंद्र द्वारा शिक्षा निकेतन स्कूल प्रबंधन के सचिव राजीव रंजन द्वारा वर्ष 2018 में स्कूल में वाईस प्रिंसिपल नियुक्त करने के दौरान लाखों रुपये लेकर सम्बंधित को स्कूल का उप-प्राचार्य बनाया गया। इसके लिए स्कूल के सचिव राजीव रंजन ने शिक्षा प्रसार केंद्र द्वारा नियुक्ति को लेकर प्रकाशित विज्ञापन के शर्तों की अवहेलना करते हुए अपने पद का न केवल दुरुपयोग किया, बल्कि रुपये लेकर निर्धारित अहर्त्या से अधिक उम्र की टीचर को स्कूल का उप-प्राचार्य नियुक्त करवाया। शिक्षा सत्याग्रह के नेता अंकित आनंद ने आरोपों के संदर्भ में पर्याप्त साक्ष्य होने की बात कही है। कहा कि जल्द ही प्रेस कॉन्फ्रेंस कर शिक्षा प्रसार केंद्र और शिक्षा निकेतन स्कूल की कारगुजारियों का उद्भेदन किया जाएगा। कहा कि इस मामले को लेकर एक शिकायतकर्ता ने अपना नाम और पहचान गुप्त रखते हुए कुछ माह पूर्व भी टाटा मोटर्स के प्लांट हेड, शिक्षा प्रसार केंद्र के अध्यक्ष के अलावे जिला प्रशासन को ज़रूरी सूचना मुहैया कराते हुए कार्यवाई और जाँच का निवेदन किया था। लेकिन टाटा मोटर्स के वरीय अधिकारियों तथा सुरक्षा विभाग के एक वरीय अधिकारियों की मिलीभगत से मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। शिक्षा सत्याग्रह ने आरोप लगाया की 30 जनवरी को शिक्षा प्रसार केंद्र द्वारा शिक्षा निकेतन स्कूल में वाइस प्रिंसिपल की नियुक्ति को लेकर दुबारा इंटरव्यू प्रक्रिया निर्धारित की जाएगा। इसमें फ़िर से भारी फर्ज़ीवाड़ा होने का आरोप लगाया। अंकित आनंद ने कहा कि यह इंटरव्यू प्रक्रिया भी पूरी तरह से ‘सेट’ है। इसमें पूर्व में स्कूल के सचिव राजीव रंजन और स्कूल की प्राचार्य सुमिता डे द्वारा अयोग्य घोषित कर दी गयी एक अंग्रेजी शिक्षिका श्रीमती रजनी पांडेय को उप-प्राचार्या बनाने की सारी तैयारी कर ली गयी है। अंग्रेज़ी शिक्षिका द्वारा ख़ुद की यह बात सरेआम स्कूल की अन्य टीचरों के बीच कही जा रही है कि उनका वाइस प्रिंसिपल बनना फ़ाइनल है। शेष अभ्यर्थियों के महज़ आईवॉश के लिए इंटरव्यू आयोजित की जाएगी। शिक्षा सत्याग्रह के नेता अंकित आनंद ने कहा कि स्कूलों की मनमानी और फर्ज़ीवाड़े के विरुद्ध आंदोलन करने के बाद साक्ष्य सहित एक गुप्त पत्र उन तक भी मुहैया कराई गयी है, जो इन आरोपों को सही साबित करने के लिए पर्याप्त है। अंकित आनंद ने कहा कि शिक्षा निकेतन स्कूल के सचिव राजीव रंजन, चेयरमैन, प्रिंसिपल समेत शिक्षा प्रसार केंद्र के अध्यक्ष और सचिव के आलोक में भी पर्याप्त साक्ष्य मौजूद है। जल्द ही इस मामले को लेकर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की जाएगी तथा जिला प्रशासन और टाटा मोटर्स के प्लांट हेड के संज्ञान में मामले को लाकर दोषियों पर कार्यवाई की माँग होगी। कार्यवाई नहीं होने की स्थिति में ज़ोरदार आंदोलन होगा। अंकित आनंद ने कहा कि टाटा मोटर्स के नाक के नीचे शिक्षा प्रसार केंद्र द्वारा नियुक्त सचिव राजीव रंजन समेत अन्य भारी घोटाले और फर्ज़ीवाड़ा कर रहे और जिम्मेदार लोग मौन बैठे हैं।
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