
संवाददाता.जमशेदपुर,15 मई
टाटा स्टील समूह ने 31 दिसंबर, 2014 को समाप्त वित्त वर्ष एवं चौथी तिमाही के समेकित वित्तीय परिणाम आज घोषित कर दिये। समूह की लाभदेयता में काफी सुधार हुआ है और 31 मार्च, 2014 को समाप्त चौथी तिमाही में समूह ने 1036 करोड़ का मुनाफा अर्जित किया, जो कि पिछली तिमाही के 503 करोड़ के मुनाफे से काफी ज्यादा है। इसी प्रकार, 31 मार्च, 2014 को समाप्त वित्त वर्ष में 3,623 करोड़ का शुद्ध मुनाफा अर्जित किया गया, जो 31 मार्च, 2013 को समाप्त वर्ष में अर्जित 332 करोड़ के मुनाफे से काफी बेहतर है। इस प्रकार, पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष 3290 करोड़ ज्यादा मुनाफा अर्जित किया गया। बाजार की स्थिति कमजोर रहने के बावजूद, विभिन्न देशों में बेहतर एवं स्थिरतायुक्त ऑपरेशन्स की वजह से समूह के प्रदर्शन में महत्वपूर्ण सुधार हासिल किये गये।
भारत
बृहत्तर आर्थिक माहौल के कमजोर रहने के बावजूद भारतीय ऑपरेशन्स के प्रदर्शन में महत्वपूर्ण रूप से सुधार हुआ। ऑपरेशन्स एवं वित्तीय प्रदर्शन की दृष्टि से कई उपलब्धियाँ हासिल हुईं।
- हमारी कई स्टीलमेकिंग सुविधाओं ने पिछले वर्ष अपना सर्वाधिक उत्पादन हासिल किया। जमशेदपुर में ब्राउनफील्ड विस्तारीकरण की सुविधाओं ने पिछले वर्ष की दूसरी छमाही में दौरान पूर्ण क्षमता हा सिल कर ली और इसके परिणास्वरूप फ्लैट प्रोडक्ट्स का उत्पादन अबतक का सर्वाधिक रहा। बढ़ी हुई जरूरतों को पूरा करने के लिए लौह अयस्क की खदानों ने बेहतर प्रदर्शन किया और रिकॉर्ड परिमाण में उत्पादन किये। पिछले वर्ष भारत में इस्पात की मांग लगभग स्थिर रही, जबकि ग्राहकों पर ध्यान देने, बेहतर उत्पादों एवं विस्तृत वितरण नेटवर्क की वजह से हमें पिछले वर्ष के मुकाबले 10 लाख टन ज्यादा की बिक्री हासिल करने में मदद मिली। वित्त वर्ष 14 में स्टील की डिलीवरी में 14 प्रतिशत का इजाफा हुआ और यह वित्त वर्ष 13 के 7.48 मिलियन टन से बढ़कर वित्त वर्ष 14 में 8.52 मिलियन टन तक पहुँच गया। वित्त वर्ष 14 की चौथी तिमाही में डिलीवरीज बढ़कर 2.41 मिलियन टन तक पहुँच गयी, जबकि वित्त वर्ष 14 की तीसरी तिमाही में यह 2.07 मिलियन टन और वित्त वर्ष 13 की चौथी तिमाही में 2.28 मिलियन टन थी।
- वित्त वर्ष 14 के दौरान ऑटोमोटिव एवं स्पेशल प्रोडक्ट्स की बिक्री में 15 फीसदी का सुधार हुआ, जबकि वाहन बाजार में तकरीबन 5 फीसदी की गिरावट दर्ज की गयी। ब्रान्डेड उत्पादों, रिटेल एवं सॉल्यूशन्स की बिक्री कुल बिक्री के 34 फीसदी तक पहुँच गयी और इस प्रकार पिछले वर्ष के मुकाबले इसमें 11 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। वित्त वर्ष 13 के मुकाबले इंडस्ट्रियल प्रोडक्ट्स, प्रोजेक्ट्स एवं एक्सपोर्ट्स में 18 फीसदी की वृद्धि हुई। बाजार में सक्रियता की वजह से घरेलू ग्राहकों के आधार में विस्तार करने में मदद मिली, और वित्त वर्ष 14 में कुल बिक्री में निर्यात की हिस्सेदारी थी केवल 2 प्रतिशत।

- वित्त वर्ष 14 में टर्नओवर 41,711 करोड़ रहा, जबकि वित्त वर्ष 13 में यह 38,199 करोड़ था। वित्त वर्ष 14 में टर्नओवर 20 फीसदी बढ़कर 12,191 करोड़ तक पहुँच गया, जो पिछली तिमाही के 10,143 करोड़ और वित्त वर्ष 13 की चौथी तिमाही के 10,771 करोड़ से बेहतर है। रेवेन्यू में सिक्वेन्सियल इम्प्रूवमेंट मुख्यतः बेहतर वॉल्यूम एवं बेहतर रियलाइजेशन की वजह से हासिल हो सका।
- वित्त वर्ष 14 में ईबीआईटीडीए था 13,281 करोड़, जो वित्त वर्ष 13 के 11स698 करोड़ से 14% ज्यादा है। वित्त वर्ष 14 में ईवीआईटीडीए था 4,052 करोड़, जो वित्त वर्ष 14 की तीसरी तिमाही के 3,131 करोड़ से 29 फीसदी एवं वित्त वर्ष 13 की चौथी तिमाही के 3,714 करोड़ से 9 फीसदी ज्यादा है। पिछली तिमाही की तुलना में वित्त वर्ष 14 की चौथी तिमाही में ईबीआईटीडीए मार्जिन में 237 बेसिस प्वाइंट की वृद्धि हुई।
वित्त वर्ष 14 में करोपरांत मुनाफा था 6,412 करोड़, जो वित्त वर्ष 13 के 5,063
- वित्त वर्ष 14 में टर्नओवर 41,711 करोड़ रहा, जबकि वित्त वर्ष 13 में यह 38,199 करोड़ था। वित्त वर्ष 14 में टर्नओवर 20 फीसदी बढ़कर 12,191 करोड़ तक पहुँच गया, जो पिछली तिमाही के 10,143 करोड़ और वित्त वर्ष 13 की चौथी तिमाही के 10,771 करोड़ से बेहतर है। रेवेन्यू में सिक्वेन्सियल इम्प्रूवमेंट मुख्यतः बेहतर वॉल्यूम एवं बेहतर रियलाइजेशन की वजह से हासिल हो सका।
- वित्त वर्ष 14 में ईबीआईटीडीए था 13,281 करोड़, जो वित्त वर्ष 13 के 11स698 करोड़ से 14% ज्यादा है। वित्त वर्ष 14 में ईवीआईटीडीए था 4,052 करोड़, जो वित्त वर्ष 14 की तीसरी तिमाही के 3,131 करोड़ से 29 फीसदी एवं वित्त वर्ष 13 की चौथी तिमाही के 3,714 करोड़ से 9 फीसदी ज्यादा है। पिछली तिमाही की तुलना में वित्त वर्ष 14 की चौथी तिमाही में ईबीआईटीडीए मार्जिन में 237 बेसिस प्वाइंट की वृद्धि हुई।
- वित्त वर्ष 14 में करोपरांत मुनाफा था 6,412 करोड़, जो वित्त वर्ष 13 के 5,063 करोड़ के मुनाफे की तुलना में 27% ज्यादा है। वित्त वर्ष 14 में मुनाफा 1,979 करोड़ रु. रहा, जो वित्त वर्ष 14 की तीसरी तिमाही के 1,519 करोड़ रु. से 30 प्रतिशत एवं वित्त वर्ष 13 की चौती तिमाही के 1,309 करोड़ रु. से 51 फीसदी ज्यादा है।
- वित्त वर्ष 14 में बेसिक अर्निंग्स पर शेयर (ईपीएस) बढ़कर 64.21 तक पहुँच गया, जबकि वित्त वर्ष 13 में यह 50.28 पर था। वित्त वर्ष 14 की चौथी तिमाही में ईपीएस था 19.93, जबकि वित्त वर्ष 14 की तीसरी तिमाही में यह था 15.18 और वित्त वर्ष 13 की चौथी तिमाही में यह 13.02 था।
यूरोप
यू.के. में ब्लास्ट फर्नेस में सुधार तथा यूरोप में विश्वसनीयता में सुधार की वजह से पिछले वर्ष के मुकाबले बेहतर वॉल्यूम हासिल करने में मदद मिली। इसकी वजह से, बाजार की औसत स्थित पिछले वर्ष के मुकाबले खराब होने के बावजूद वित्तीय प्रदर्शन में सुधार हुआ। सेल्स वॉल्यूम में भी वृद्धि हुई, साथ ही गुणवत्ता भी बेहतर हुई। बेचे गये नये उत्पादों के वॉल्यूम में वित्त वर्ष 14 में पिछले वर्ष के मुकाबले 75 फीसदी से भी की वृद्धि हुई एवं कंपनी ने वायदे के मुताबिक 30 नये उत्पाद लांच किये।
उत्पाद एवं सेवाओं के पोर्टफोलियो में प्रगति को देखते हुए और अर्ली वेंडर इनिशिएटिव्स की सफलता के मद्देनजर, कंपनी ने अपने ग्राहक आधार का विस्तार किया और इसकी वजह से क्वालिटी के क्षेत्र में कंपनी के योगदान को देखते हुए टोयोटा ने टाटा स्टील को प्रमाणपत्र देकर सम्मानित कियावित्तय वर्ष 14 में लिक्विड स्टील का उत्पादन वित्त वर्ष 13 के 13.37 मिलियन टन से 16 फीसदी बढ़कर 15.46 मिलियन टन तक पहुँच गया। वित्त वर्ष 14 की चौथी तिमाही में 4.04 मिलियन टन का उत्पादन हुआ, जो वित्त वर्ष 14 की तीसरी तिमाही के 3.91 मिलियन टन से 3 फीसदी ज्यादा और वित्त वर्ष 13 की चौथी तिमाही के 3.22 मिलियन टन से 26 प्रतिशत ज्यादा है
. वित्त वर्ष 14 में स्टील की डिलीवरी में 6 प्रतिशत का इजाफा हुआ और यह वित्त वर्ष 13 के 13.07 मिलियन टन से बढ़कर 13.86 मिलियन टन तक पहुँच गया। वित्त वर्ष 14 की चौथी तिमाही में 4.07 मिलियन टन की डिलीवरी हुई, जो वित्त वर्ष 14 की तीसरी तिमाही के 3.19 मिलियन टन से 27 फीसदी ज्यादा और वित्त वर्ष 13 की चौथी तिमाही के 3.42 मिलियन टन से 19 प्रतिशत ज्यादा है।
- वित्त वर्ष 14 में टर्नओवर 84,666 करोड़ था, जबकि पिछले वर्ष में यह आंकड़ा था 78,012 करोड़। वित्त वर्ष 14 की चौथी तिमाही में टर्नओवर 24,276 करोड़ था, जबकि वित्त वर्ष 14 की तीसरी तिमाही में यह 20,709 करोड़ और वित्त वर्ष 13 की चौथी तिमाही में 19,166 करोड़ था।
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- वित्त वर्ष 14 में ईबीआईटीडीए तकरीबन चार गुनी होकर 3,008 करोड़ तक पहुँच गयी, जबकि वित्त वर्ष 13 में यह 764 करोड़ थी। वित्त वर्ष 14 की चौथी तिमाही में ईबीआईटीडीए घटकर 817 करोड़ हो गया, जो वित्त वर्ष 14 की तीसरी तिमाही के 860 करोड़ से कम और वित्त वर्ष 13 की चौथी तिमाही के 613 करोड़ से बेहतर है।
- वित्त वर्ष 14 में ईबीआईटी था 158 करोड़ का नुकसान, जो पिछले वर्ष के 2,425 करोड़ के नुकसान से बेहतर है। वित्त वर्ष 14 की चौथी तिमाही में ईबीआईटी था 16 करोड़ का नुकसान, जबकि वित्त वर्ष 14 की तीसरी तिमाही में यह आंकड़ा था 2 करोड़ का नुकसान और वित्त वर्ष 13 की चौथी तिमाही में 213 करोड़ का नुकसान।
दक्षिण पूर्व एशिया
दक्षिण पूर्व एशियायी ऑपरेशन्स में स्थिरता देखी गयी और इस क्षेत्र में आयात के दबाव और थाईलैंड में जारी राजनीतिक अस्थिरता के बावजूद ऑपरेशन में सुधार हासिल किया गया, लागत में कटौती की गयी और रिस्ट्रक्चरिंग हासिल की गयी।
- वित्त वर्ष 14 में डिलीवरीज थी 3.98 मिलियन टन। इसमें वित्त वर्ष 13 की 3.11 मिलियन टन डिलीवरीज की तुलना में 28% की बढ़ोतरी हुई। वित्त वर्ष 14 में 1.07 मिलियन टन की डिलीवरी हुई, जो वित्त वर्ष 14 की तीसरी तिमाही के 1.09 मिलियन टन से 27 थोड़ा कम और वित्त वर्ष 13 की चौथी तिमाही के 0.8 मिलियन टन से 34 प्रतिशत ज्यादा है।
- वित्त वर्ष 14 में टर्नओवर 23% की बढ़कर 16,988 करोड़ तक पहुँच गया, जबकि वित्त वर्ष 13 में यह 13,829 करोड़ था। वित्त वर्ष 14 में टर्नओवर 4,365 करोड़ था, जबकि वित्त वर्ष 14 की तीसरी तिमाही में यह 4,537 करोड़ और वित्त वर्ष 13 की चौथी तिमाही में 3,486 करोड़ था।
- वित्त वर्ष 14 में ईबीआईटीडीए 9 फीसदी घटकर 439 करोड़ रहा, जबकि वित्त वर्ष 13 में यह था 483 करोड़ और इसका कारण था कॉस्ट-प्राइस स्क्वीज। वित्त वर्ष 14 की चौथी तिमाही में ईबीआईटीडीए 80 करोड़ रु. था, जो वित्त वर्ष 14 की तीसरी तिमाही के 137 करोड़ रु. एवं वित्त वर्ष 13 की चौथी तिमाही के 224 करोड़ रु. से कम है।
वित्तीय प्रदर्शन का विश्लेषणः
31 मार्च 2014 को समाप्त वित्त वर्ष एवं चौथी तिमाही के लिए समेकित वित्तीय परिणाम का सारांश (भारतीय जीएएपी के अनुसार)
यदि अन्यथा निर्दिष्ट न हो, तो सभी आंकड़े करोड़ में हैं
वित्त वर्ष 14 |
वित्त वर्ष 13 |
विशेष बिंदु |
चौथी तिमाही वित्त वर्ष 14 |
तीसरी तिमाही वित्त वर्ष 14 |
चौथी तिमाही वित्त वर्ष 13 |
26.56 |
24.13 |
स्टील डिलीवरीज (मिलियन टन) |
7.62 |
6.38 |
6.56 |
148,614 |
134,712 |
टर्न ओवर |
42,428 |
36,736 |
34,650 |
16,377 |
12,654 |
ईबीआईटीडीए |
4,917 |
3,921 |
4,368 |
5,841 |
5,575 |
डेप्रिसिएशन |
1,472 |
1,522 |
1,470 |
3,855 |
3,517 |
नेट फिनांस चार्जेज |
999 |
1,001 |
913 |
6,722 |
-4,133 |
कर पूर्व मुनाफा |
2,436 |
1,395 |
-5,576 |
कर, माइनॉरिटी इंटरेस्ट एवं एसोसिएट्स के शेयर के बाद मुनाफा | |||||
3,595 |
-7,058 |
. |
1,036 |
503 |
-6,529 |
बेसिक ऐंड डाइल्यूटेड अर्निंग्स पर | |||||
35.19 |
-74.54 |
शेयर (`) |
10.20 |
4.73 |
-67.69 |
क्या कहते है टाटा के अधिकारी
श्री टी वी नरेन्द्रन, प्रबंध निदेशक, टाटा स्टील इंडिया एवं साउथ ईस्ट एशिया, ने कहा: “टाटा स्टील में यह उच्च प्रदर्शन साबित हुआ और संतोषजनक भी क्योंकि हमने भारत एवं दक्षिण पूर्व एशिया दोनों ही स्थानों पर चुनौतीपूर्ण बाजार के बीच प्रदर्शन किया। हमने सभी उत्पादों/मार्केट सेगमेंट में उद्योग के विकास के आंकड़ों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया है और सेल्स वॉल्यूम में काफी वृद्धि हासिल की है। वाहन उद्योग को हाई एंड प्रोडक्ट की बिक्री सर्वाधिक रही, हालांकि भारत में वाहन बाजार में गिरावट दर्ज की गयी है। एसएमई सेगमेंट में नये बाजार विकसित करने के हमारे प्रयासों की वजह से हमारे ब्रान्डेड एचआर क्वॉयल्स की बिक्री में वृद्धि हासिल करने में मदद मिली है। हम अपनी पहुंच का विस्तार कर रहे हैं और रिटेल रूट के जरिए ग्राहकों के साथ बेहतर संबंध स्थापित कर रहे हैं। वैल्यू ऐडेड डाउनस्ट्रीम ऑपरेशन्स पर हम ध्यान दे रहे हैं और अपने व्यवसाय के सभी वर्टकल्स में क्वालिटी एवं इनोवेटिव प्रोडक्ट्स / सेवाएं डेलीवर करने पर हमारा विशेष जोर है। जमशेदपुर में 2.9 मिलियन टन प्रतिवर्ष का हमारा ब्राउनफील्ड विस्तारीकरण दूसरी छमाही में पूरी तरह से रैम्प अप हो गया है और इसकी वजह से तीसरी तिमाही में मेन्टेनेन्स शटडाउन के बावजूद क्रूड एवं सेलेबल स्टील में रिकॉर्ड उत्पादन हासिल किया गया।
दक्षिण पूर्वी एशियायी ऑपरेशन्स का प्रदर्शन मजबूत बना रहा और इसने कंपनी की लाभदेयता में सकारात्मक योगदान किया है। हमें उम्मीद है कि विकास की यह यात्रा जारी रहेगी और हम अपने विस्तारीकरण योजनाओं को बेहतर ढंग के क्रियान्वित करेंगे।”
टाटा स्टील यूरोप के प्रबंध निदेशक एवं सीईओ, डा. कार्ल-अलरिक कोहलर, ने कहा: “पिछले वर्ष हमने ऑपरेशनल रिलाएबिलिटी पर काफी ध्यान दिया था, जिसकी वजह से हमारे एसेट्स बेस में सुधार हुआ और उत्पादन को सामान्य स्तर तक लाने में मदद मिली। इसके परिणामस्वरूप, वित्तीय प्रदर्शन में सुधार हुआ। साथी ही, हमने हाई क्वालिटी पोर्टफोलियो प्रोग्राम को आगे बढ़ाया, वायदे के अनुसार 30 नये उत्पाद लांच किये और नये उत्पादों की बिक्री में 75 फीसदी से ज्यादा की वृद्धि हासिल की। इनोवेशन के क्षेत्र में अपने सुधारो की वजह से वाहन निर्माताओं को की जानेवाली बिक्री में सुधार हुआ और इस बिक्री का एक तिहाई हिस्सा डिफरेन्शिएटेड उत्पाद थे, जिससे ग्राहकों को लागत, वजन एवं प्रदर्शन में सुधार हासिल करने में मदद मिली। ऐसा प्रतीत होता है कि यूरोप आर्थिक विकास के चरण में प्रवेश कर रहा है, जो स्टील की मांग में बढ़ोतरी को समर्थन दे रहा है। पर विश्व स्तर पर अत्यधिक क्षमता की पृष्ठभूमि में, यूरोपीय यूनियन ऐतिहासिक रूप से मांग के निम्न स्तर पर बना रहेगा। इन चुनौतियों को देखते हुए हम बेहतर वित्तीय प्रदर्शन हासिल करने का प्रयास जारी रखेंगे और ग्राहकों को दिये जानेवाले सपोर्ट और सेवाओं में सुधार करते रहेंगे तथा लागत एवं दक्षता पर ध्यान देंगे।”
श्री कौशिक चटर्जी, ग्रुप एक्जीक्यूटिव डाइरेक्टर (फिनांस ऐंड कॉर्पोरेट) ने कहा: “महत्वपूर्ण क्षेत्रों में मजबूत प्रदर्शन की वजह से समूह की लाभदेयता में निरंतर सुधार देखा गया। भारत में बाजार की कमजोर स्थिति के बावजूद, हमारे व्यवसाय ने ज्यादा बिक्री हासिल की और वर्ष के लिए ज्यादा बेहतर 32 फीसदी का ईबीआईटीडीए मार्जिन हासिल किया। यूरोपीय ऑपरेशन्स ने भी वित्त वर्ष 13 की तुलना में मजबूत रिकवरी दिखायी, और ज्यादा वॉल्यूम और ईबीआईटीडीए मार्जिन में सुधार हासिल किया। हमने वर्ष के दौरान तकरीबन 16,400 करोड़ का कैपेक्स खर्च किया, और इसका एक बड़ा हिस्सा उड़ीसा के ग्रीनफील्ड के लिए इस्तेमाल किया गया। इतने बड़े व्यय के बावजूद, हमने शुद्ध कर्ज का स्तर पिछले तिमाही की तुलना में स्थिर रखा है। लिक्विडिटी 18,000 करोड़ की नगदी एवं नगदी समतुल्य तथा अनड्रान क्रेडिट लाइन्स के पर्याप्त स्तर पर है, जो अनड्रॉन केपीओ फिनांसिंग के अतिरिक्त है।”