बिलासपुर :
यात्रियों को संरक्षित, सुगम एवं समयबद्ध रेल सेवाएँ उपलब्ध कराने के लिए अधोसंरचना विकास के कार्य निरंतर किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में हावड़ा–मुंबई मुख्य लाइन पर स्थित दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के बिलासपुर–झारसुगुड़ा सेक्शन में चौथी लाइन निर्माण का कार्य तीव्र गति से किया जा रहा है। इस क्रम में किरोड़ीमल नगर स्टेशन में यार्ड रिमाडलिंग एवं चौथी लाइन कनेक्टिविटी का कार्य सफलता पूर्वक सम्पन्न किया गया है।
यह कार्य दक्षिण पूर्व रेलवे के झारसुगुड़ा स्टेशन में किए जा रहे नॉन इंटरलॉकिंग के शैडो कार्य के रूप में पूरा किया गया, जिससे अतिरिक्त गाड़ियों को प्रभावित किए बिना ही यह संभव हो सका। इस कार्य के शैडो में विभिन्न स्टेशनों पर कई महत्वपूर्ण संरक्षा संबंधी कार्य भी संपन्न किए गए। इन कार्यों के लिए यदि आगे ब्लॉक लिया जाता तो रेल यात्रियों को असुविधा का सामना करना पड़ता, किंतु इन्हें इसी ब्लॉक अवधि में संपन्न कर यात्रियों को असुविधा से बचाया गया। यह सब कार्य रेल प्रशासन द्वारा विस्तृत योजना एवं समुचित प्रबंधन के अंतर्गत किया गया है।
इस कार्य में 350 से अधिक श्रमिक, 30 इंजीनियर, 18 स्टेशन मास्टर और 04 मुख्य यातायात निरीक्षक भारी बारिश एवं उमस भरे मौसम में भी दिन–रात जुटे रहे।
इसके अलावा इस कार्य के दौरान संरक्षा से संबन्धित अनेक ऐसे कार्य भी पूरे किए गए जिन्हें सामान्यतः ब्लॉक लेकर और गाड़ियों को रद्द करके ही पूरा किया जा सकता है। इस दौरान यात्रियों की सुविधा का विशेष ध्यान रखा गया और सभी कार्य बिना किसी अतिरिक्त गाड़ी को प्रभावित किए सम्पन्न किए गए। यह कार्य रेलवे के बेहतर योजना और प्रबंधन का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।
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इस कार्य के दौरान इस रेलखंड के अन्य स्टेशनों में संपादित किए गए संरक्षा से संबंधित महत्वपूर्ण कार्य इस प्रकार है:
1. 10 टर्नआउट हटाकर 10 नए टर्नआउट डाले गए।
2. लगभग 2500 मीटर रेल नवीनीकरण का कार्य किया गया।
3. साधारण स्विचों का नवीनीकरण करते हुए 14 TWS स्विच लगाए गए।
4. फोर्स्ड ले-आउट में सुधार किया गया।
5. सामान्य क्रॉसिंग को बदलकर वेल्डेबल क्रॉसिंग स्थापित की गई।
6. 05 गैपलेस क्रॉसिंग में सुधार किया गया।
7. सामान्य SEJ के स्थान पर 05 नए थिक वेब SEJ लगाए गए।
8. रेल लाइन पर 148 AT वेल्ड्स किए गए।
9. 51 ग्लू जॉइंट्स का नवीनीकरण किया गया।
10. 100 स्टील चैनल स्लीपर हटाकर H-BEAM स्लीपर लगाए गए।
11. 03 टर्नआउट्स का टैम्पिंग कार्य किया गया।
इन सभी कार्यों से यार्ड की क्षमता, ट्रैक की मजबूती एवं स्थायित्व में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। भविष्य में परिचालन और अधिक निर्बाध, संरक्षित एवं समयबद्ध होगा । यात्रियों को बेहतर सुविधा के साथ–साथ माल परिवहन की गति में भी वृद्धि होगी। इससे क्षेत्रीय व्यापार, उद्योग और परिवहन को नए अवसर मिलेंगे और सामाजिक–आर्थिक गतिविधियों को नई ऊर्जा प्राप्त होगी।

