
सोनम
दुमका। सूबे की उपराजधानी दुमका में गरीबों का निवाला को विचैलियों व सरकारी पदाधिकारियों द्वारा छिना जा रहा है। दुमका जिले के विभिन्न प्रखंडों के सरकारी अनाज गोदामों में बिचैलिया हावी है और एजीएम के साथ मिलकर आनाज को बड़े ही सुनिश्यिोजित तरीके से पश्चिम बंगाल के बाजारों में बेचा जा रहा है। गंभीर बात यह है कि इस बड़े घोटाले पर न सरकार व न जिला प्रशासन की नजर है। नतीजा है कि गरीबों को एक रूप्या की दर से मिलने वाला चावल ,गेहू विचैलिया हड़प रहे है

गरीबी रेखा से नीचे गुजर- बसर करने वाले लोगों को अनाज उपलब्ध कराने के लिए झारखण्ड सरकार ने सरकारी गोदामो से डोर स्टेप डिलेवरी के माध्यम से डीलरों को अनाज उपलब्ध करा रही है लेकिन यह अनाज गोदामो से ही गायब हो जा रहे है और गरीबांे तक यह नहीं पहुँच पा रहा है।
केन्द्र सरकार के सहयोग से राजय सरकार गरीब ,असहाय और वृद्ध लोगों को भूख से राहत देने के लिए एक रुपया के दर से आनाज योजना चला रही है लेकिन सरकार द्वारा चलाया जा रहा यह योजना पूरी तरह फ्लॉप साबित हो रही है । सरकार की यह महत्वाकांक्षी योजना गरीब के घर तक नहीं बल्कि सीधे काले बाजार में पहुच रही है। जिले के रानेश्वर प्रखंड में सरकारी गोदाम से अवैध वाहन और बिना कागजात के अनाज बाहर भेज रहे है। ट्रांसपोर्टर डीलरों को जानकारी दिये बगैर अनाज बाहर भेजते है जो सीधे विचैलिया के सहारे अनाज कालाबाजार में चला जाता है। गौरतलब है कि सरकार ने गरीबों के घर तक आनाज पहुचाने के लिए डोर स्टेप डिलीवरी सिस्टम लागू की है जिसके माध्यम से ट्रांसपोर्टर अपनी निबंधित वाहन से डीलर के गोदाम तक माल भेज सके और डीलर को गोदाम तक आना नहीं पड़े लेकिन यहाँ बिना निबंधित वाहन और बिना कागजात के वो भी ट्रेक्टर के सहारे माल गोदाम से निकाल रहे है मौके पर जब हमने इस सम्बन्ध में एजीएम से जानकारी लेनी चाही तो उनका जवाब अटपटा सा था। उन्होंनें कहा कि सरकारी अनाज भेजने के लिए वाहन में किसी सरकारी कागजात की जरुरत नहीं है । वही जब जिले के सिविल एसडीओ जिसान कमर को इस मामले की जानकारी दी गयी तो वे भी मामला सुनकर भौच्चके रह गये। उन्होंनें इनाडु इंडिया से बातचीत में कहा कि मामला काफी गंभीर है बिना कागजात व टैक्टर से अनाज अन्यत्र कहीं नहीं ले जाना है। वे पूरे मामले की जांच करायेगें और दोषी पदाधिकारियों के विरूद्व सख्त कार्रवाई की जायेगी।
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