SNEHA DUBEY REPORT जानिए आखिर क्यों ट्वीटर पर मिनटों में ट्रेंड करने लगा स्नेहा दुबे का भाषण, जमशेदपुर से क्या है उनका सबंध जमशेदपुर।

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Sneha Dubey: अपनी पहली ही कोशिश में स्नेहा दुबे ने साल 2011 में सिविल सर्विस की परीक्षा सफलता हासिल कर ली थी।उन्होंने दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) से पढ़ाई की है।

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संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के सलाना सत्र में पाकिस्तान के नेताओं को करारा जवाब देने की भारत के युवा राजनयिकों की परंपरा को जारी रखते हुए प्रथम सचिव स्नेहा दुबे ने उच्चस्तरीय सत्र में अपने संबोधन के दौरान कश्मीर का मुद्दा उठाने को लेकर महासभा में प्रधानमंत्री इमरान खान को तीखा जवाब दिया. उन्होंने शुक्रवार को यूएनजीए हॉल में पूरी मजबूती से भारत का पक्ष रखा, जोकि पिछले कुछ वर्षों में युवा भारतीय राजनयिकों द्वारा पाकिस्तानी नेताओं के जम्मू-कश्मीर और भारत के अन्य आंतरिक मामलों पर उनकी टिप्पणी का जोरदार जवाब देने की परंपरा को आगे बढ़ाता है.

स्नेहा दुबे ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में कहा, ‘ हम हमारे देश के आंतरिक मामलों को सामने लाकर और विश्व स्तर पर झूठ फैलाने के लिए इस प्रतिष्ठित मंच की छवि खराब करने के लिए पाकिस्तान के नेता द्वारा किए गए एक और प्रयास को लेकर जवाब के अपने अधिकार का प्रयोग करते हैं.’ महासभा के 76वें सत्र में अपने संबोधन में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की तरफ से जम्मू-कश्मीर का मुद्दा उठाए जाने पर निशाना साधते हुए युवा भारतीय राजनयिक ने कहा, ‘हालांकि, इस तरह के बयान बार-बार झूठ बोलने वाले व्यक्ति की मानसिकता के लिए हमारी सामूहिक अवमानना और सहानुभूति के पात्र हैं, लेकिन मैं सीधे इस मंच के माध्यम से सही तथ्य रख रही हूं।
शहर के केबुल टाउन में रहता था स्नेहा दुबे का परिवार
आपको बता दे कि पूरे देश में भारत का परचम लहराने वाली स्नेहा दुबे का बचपन जमशेदपुर में बीता है। स्नेहा दुबे का जन्म जमशेदपुर शहर में ही हुआ है। उनके पिता जेपी दुबे शहर के केबुल कंपनी में इंजीनयर के पद पर कार्यरत थे। उनका परिवार केबुल टाउन में ही रहता था. परन्तु 2000 में कंपनी के अचानक से बन्द हो जाने के बाद स्नेहा दुबे का पूरा परिवार गोवा चला गया. वहां उनके पिता को फिनोलेक्स केबुल कंपनी में जॉब मिल गई. जिसके बाद स्नेहा ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा वहीं से की. उनकी मां स्कूल में शिक्षिका हैं.
प्रारंभिक शिक्षा गोवा से, पुणे से स्नातक
स्नेहा की शुरुआती शिक्षा गोवा में हुई. इसके बाद उन्होंने पुणे के फर्ग्युसन कॉलेज से स्नातक किया। इसके बाद स्नेहा ने जेएनयू से एमए और एमफिल किया. वह 12 साल की उम्र से भारतीय विदेश सेवा में शामिल होना चाहती थीं और साल 2011 में अपने पहले प्रयास में ही उन्होंने सिविल सर्विस परीक्षा पास की. वे 2012 बैच की महिला आईएफएस अधिकारी हैं. आईएफएस बनने के बाद उनकी नियुक्ति विदेश मंत्रालय में हुई. इसके बाद साल 2014 में भारतीय दूतावास मैड्रिड में उनकी नियुक्ति हुई. कुछ साल बाद उन्हें संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत की प्रथम सचिव के रूप में नियुक्त किया गया. स्नेहा दुबे को पहले से ही अंतरराष्ट्रीय मामलों में बहुत रुचि थी जिसके चलते उन्होंने भारतीय विदेश सेवा में जाने का फैसला लिया. विदेश सेवा के लिए चुने जाने के बाद स्नेहा दुबे की पहली नियुक्ति विदेश मंत्रालय में हुई थी. फिर अगस्त 2014 में उन्हें मैड्रिड स्थित भारतीय दूतावास भेज दिया गया।
ट्वीटर पर मिनटों में ट्रेंड करने लगा भाषण
स्नेहा दुबे के इस भाषण को सोशल मीडिया पर खूब तारीफें मिल रही हैं. इस भाषण को ट्वीटर पर पोस्ट किए जाने के कुछ ही मिनट बाद यह ट्रेंड करने लगा. भारतीयों ने यूएन में पाकिस्तान के पीएम को दिए गए करारे जवाब की सराहना की. इतनी कम उम्र में जिस तरह से उन्होंने इतने बड़े मंच पर अपनी जिम्मेदारी को निभाया वह काबिलेतारीफ है.

 

 

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