JAMSHEDPUR
सिंहभूम चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री एवं जमशेदपुर चार्टर्ड एकाउंटेंट सोसायटी के संयुक्त तत्वावधान में केन्द्रीय बजट के प्रभावों को लेकर एक पोस्ट बजट सेमिनार का आयोजन चैम्बर भवन में पूर्वाह्न 10.30 बजे से किया गया है ।
यह सेमिनार चैम्बर के पूर्व उपाध्यक्ष (वित्त एवं कराधान) दिवंगत सीए दिनेश चौधरी की स्मृति में किया गया जिन्होंने वर्षों तक विभिन्न पदों पर रहते हुए चैम्बर एवं व्यापारियों को अपनी सेवाएं दी ।
इस पोस्ट बजट सेमिनार में इस क्षेत्र के प्रोफेशनल एक्सपर्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे। इन्होंने व्यापारियों, उद्यमियों एवं प्रोफेशनल्स को केन्द्रीय बजट से व्यापार एवं उद्योग पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी तथा उपस्थित व्यापारी, उद्यमी एवं प्रोफेषनल के द्वारा पूछे गये प्रश्नों के उत्तर दिये तथा बजट पर चर्चा की । चैम्बर अध्यक्ष विजय आनंद मूनका ने स्वागत भाषण देते हुये सदस्यों को संबोधित किया। मंच संचालन मानद महासचिव मानव केडिया ने किया तथा अधिवक्ता पीयूष कुमार चौधरी, सचिव, वित्त एवं कराधान ने विषय प्रवेष करते हुये अतिथियों का विस्तृत रूप में परिचय कराया। इसके पश्चात चैम्बर के उपाध्यक्ष, वित्त एवं कराधान सीए दिलीप गोलेच्छा एवं जमशेदपुर सीए सोसायटी के अध्यक्ष सीए जगदीष खंडेलवाल ने भी उपस्थित सदस्यों को संबोधित किया। धन्यवाद ज्ञापन कोषाध्यक्ष किशोर गोलछा ने किया ।
वक्ता के रूप में कलकत्ता से आये अनुभवी सीए आर.के. व्यास ने डायरेक्ट टैक्स पर चर्चा करते हुए जहाँ इसके कई प्रावधानों पर अपना सकारात्मक रुख दिखाया साथ ही कई प्रावधानों पर व्यापारियों को होने वाली मुश्किलों से भी अवगत कराया। उन्होंने बताया कि सामान्य व्यापारी अगर किसी से दोस्ताना कर्ज लेता है तो उस कर्जदार के पास वह रकम कहाँ से आयी उसका स्तोत्र भी अब करदाता को इनकम टैक्स विभाग को बताना होगा। इसके अलावा उन्होंने बताया कि देश की जीडीपी में सेवा प्रदाताओं की 55 प्रतिशत हिस्सेदारी है। छोटे व्यवसायिओं, माध्यम वर्ग एवं बुजुर्गों को कर में विशेष राहत की आवश्यकता थी जो इस बजट में नहीं मिली। इनडायरेक्ट टैक्स/जीएसटी पर सी.एस. आदित्य सिंहानिया ने विस्तृत रूप में व्यापारियों, उद्यमियों एवं प्रोफेशनल्स को बजट से व्यापार एवं उद्योग पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में बताया तथा इसपर चर्चा की। उन्होंने विशेष रूप से इनपुट टैक्स को लेकर बजट में आये नए प्रावधानों पर बताया कि सरकार बोगस बिलिंग को रोकने के लिए अत्यधिक कड़े प्रावधान करने जा रही है लेकिन ईमानदार करदाताओं को इससे काफी परेशानी का सामना करना पड़ेगा। सरकार ने अपनी विभागीय मशीनरी का क्षमता अनुरूप कार्य नहीं करने के कारण ईमानदार करदाताओं पर काफी बोझ लाद दिया है जिससे आने वाले समय में सरकार को करदाताओं की नाराजगी झेलनी होगी।
इस अवसर पर पूर्व अध्यक्ष अधिवक्ता मुरलीधर केडिया, पूर्व अध्यक्ष सीए जी.आर. गोलेच्छा, उपाध्यक्ष मुकेश मित्तल, नितेश धूत, सचिव पीआरडब्लू भरत मकानी, पूर्व महासचिव भरत वसानी, सीए गोपाल हरलालका, सीए रमाकांत गुप्ता, अधिवक्ता राजीव अग्रवाल, अधिवक्ता के.एल. मित्तल, अधिवक्ता सतीश सिंह, अधिवक्ता राजेश अग्रवाल, सीए मनीष केडिया, सीए किशन चौधरी, सीए अनिल रिंगसिया, सीए सौरव सोंथालिया, सीए सुगम सरायवाला, पवन नरेड़ी एवं श्रवण देबुका के अलावा काफी संख्या में व्यवसायी, उद्यमी एवं प्रोफेशनल्स उपस्थित थे ।
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