शेखपुरा-चर्चित क्षेत्रीय चैनल पर झूठी खबर चलाये जाने पर डीएम ने चैनल के शेखपुरा रिपोर्टर पर कार्रवाई करने के लिए डीपीआरओ को दिया चैनल हेड को लिखने का निर्देश

ललन कुमार

झूठी खबर दिखाए जाने को लेकर विपक्ष ने बिहार विधान सभा में किया था हंगामा,सरकार को उठानी पड़ी थी परेशानी ।
शेखपुरा ।
बिहार के एक चर्चित क्षेत्रीय टीवी चैनल द्वारा शेखपुरा जिला के झूठी खबर दिखाए जाने पर चैनल के शेखपुरा रिपोर्टर के खिलाफ डीएम ने डीपीआरओ को रिपोर्टर से स्पष्टीकरण पूछते हुए उसके चैनल हेड को लिखने का निर्देश दिया है ।हुआ यूँ की उत्पाद अधीक्षक विकेश कुमार ने जिले के शराब बंदी मामले पर मिडिया को ब्रीफ कर रहे थे ।विकेश ने मीडिया को ब्रीफ करते हुए कहा था कि जिले के16 गाँव महुआ शराब बनाने के लिये चिन्हित किया गया है ।बिहार में शराब बन्दी के बाद उस धंधे से विस्थापित लोगों को जीविका के माध्यम से स्वरोजगार से जोड़ने का कार्य किया जा रहा है ।लेकिन सदर प्रखंड के मुरारपुर गाँव के ढाढी टोला के लोग चोरी छिपे अभी भी महुआ शराब बनाने का कारोबार जारी रखे हैं ।इस टोले से अक्सर छापेमारी के दौरान महुआ शराब बरामद होते रहे हैं ।उत्पाद विभाग इस टोले से परेशान है ।इसलिए उस टोले के लोगों पर उत्पाद विभाग के लोक मांग अधिनियम के तहत डीएम से सामूहिक जुर्माना लगाने की सिफारिस की गयी है ।उत्पाद अधीक्षक के इस ब्यान को उस टीवी चैनल के रिपोर्टर ने अपने चैनल पर दिखवाया कि शेखपुरा जिले के16 गाँवों के लोगों पर महुआ शराब को लेकर डीएम ने लगाया सामूहिक जुर्माना ।टीवी पर दिखाए गए इस झूठी खबर को लेकर विपक्ष ने बिहार विधान सभा में जमकर हंगामा किया जिससे सरकार को परेशानी भी उठानी पड़ी ।इसकी जानकारी देते हुए डीपीआरओ योगेन्द्र कुमार लाल ने कहा कि इस मामले को लेकर डीएम दिनेश कुमार ने उस चैनल के रिपोर्टर से शेखपुरा की झूठी खबर दिखाए जाने को लेकर स्पष्टीकरण पूछने का निर्देश दिया है ।साथ ही रिपोर्टर के चैनल हेड को इस संबंध में लिखने को कहा है ।पूर्व के डीएम वीरेंद्र प्रसाद यादव ने भी उस रिपोर्टर पर अपराधिक मामलों में संलिप्त रहने के चलते डीपीआरओ को उसके बारे पूरा बायोडाटा जुटाने का निर्देश दिया था । तत्कालीन डीपीआरओ दीपक चन्द्रदेव ने अपने नोट सीट में साक्ष्य के साथ कॉमेंट कर डीएम को लिखा था कि वह रिपोर्टर ,रिपोर्टर रहने लायक नही है। आज भी वह फ़ाइल डीएम गोपनीय में पड़ी होगी। पदाधिकारियों को अपने हित में ब्लैक मेल करना उसकी आदत में शामिल है । चूँकि वह रिपोर्टर अपना निजी एनजीओ बनाकर कई स्वास्थ केंद्रों में सफाई, भोजन ,जेनेरेटर का काम भी लिए हुए हैं ।पदाधिकारियों को अपने चैनल के माध्यम से ब्लैक मेल कर अपनी पत्नी को अरियरि प्रखण्ड में शिक्षका में फर्जी सर्टिफिकेट पर नौकरी भी लगवा लिया है जो नियोजन के बाद भी आज तक नियोजित स्कुल नही गयी ।लेकिन हर महीने उसकी पत्नी के बैंक खाते में सरकारी सैलरी जाते रह रही है ।।तत्कालीन डीएम आनंद किशोर ने उस रिपोर्टर के बड़े भाई को अरियरि पीएचसी से फर्जी सर्टिफिकेट पर किरानी का नौकरी करने को लेकर सेवा से बर्खास्त कर दिया था ।चैनल का धौंस दिखाकर आज अपने भाई को भी उसी पद पर तत्कालीन सीएस गोबिंद प्रसाद तम्बाकू वाला से पैरवी कर उसी जगह बहाल करवा रखा है । इतना ही नहीं जिले के चेबाड़ा प्रखण्ड में फर्जी किरोसिन का ठेला भेंडर का लाइसेंस बनाकर वर्षों तक किरोसिन का कालाबाजारी कर सरकार की राशि को लूटते रहा है ।तत्कालीन एसडीओ मंजूर अली ने इसका खुलासा होने पर फर्जी लाइसेंस तो रद्द कर दिया लेकिन सरकार की राशि को रिकभरी नहीं कर सके ।तत्कालीन डीएम चन्द्रशेखर सिंह को भी माइनिंग में अबैध उत्खनन में भिजुअल रिपोर्ट में झूठा बाइट दिखाए जाने पर उन्हें परेशानी उठानी पड़ी थी तब से जबतक जिले में डीएम पदस्थापित रहे उस चैनल के रिपोर्टर को बाइट देना भी बन्द कर दिया था ।इस रिपोर्टर के करतूत से जिले के मिडिया से जुड़े लोग भी शर्मसार हो रहे हैं ।उस रिपोर्टर पर कई फर्जीवाड़े किये जाने के मामले भी हैं ।जिला कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष शंकर महतो ने कहा कि वह रिपोर्टर अपने एनजीओ के माध्यम से स्वास्थ विभाग में काम लेकर सरकार के लाखों रूपये फर्जी दस्तावेज बनाकर लूट रहे हैं । इसकी शिकायत सीएस से भी की थी।लेकिन चैनल के रिपोर्टर होने के चलते कोई कार्रवाई नही हुई । उन्होंने कहा कि जो रिपोर्टर खाने खाने को तरसता था आज वह करोड़ों के सम्पति का मालिक है ।आखिर सवाल उठता है कि ये सम्पति आई तो कहाँ से ।
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