जमशेदपुर -शिक्षा सत्याग्रह और जागो जमशेदपुर जागो की पहल पर “नो स्कूल नो फ़ीस” विषय पर अभिभावकों ने किया वर्चुअल संवाद, गिनाई समस्याएं, कहा “हम पैरेंट हैं एटीएम नहीं”
● प्राइवेट स्कूलों की मनमानी के ख़िलाफ़ आगे आ रहें पेरेंट्स
● मंगलवार को ऑनलाइन बैठक में बनेगी आंदोलन की रणनीति
निज़ी स्कूलों के मानवीय और संवेदनशून्य रवैये के ख़िलाफ़ अभिभावकों में गुस्सा है। कोरोना के महा संक्रमणकाल में पेरेंट्स लॉकडाउन के कारण आर्थिक कठिनाइयाँ झेल रहे हैं। वहीं स्कूल प्रबंधन की ओर से लगातार फ़ीस भुगतान करने को लेकर मेसेज द्वारा दबाव बनाया जा रहा है। इस विषय को लेकर जमशेदपुर सहित आदित्यपुर से सौ से अधिक अभिभावकों ने “नो स्कूल नो फ़ीस” विषयक वर्चुअल संवाद में हिस्सा लिया। जमशेदपुर की सामाजिक संस्था जागो जमशेदपुर जागो के संस्थापक सदस्य संजय विश्वकर्मा और शिक्षा सत्याग्रह के संस्थापक अध्यक्ष अंकित आनंद की पहल पर सोमवार शाम वर्चुअल संवाद का आयोजन हुआ जिसमें अभिभावकों ने अपनी समस्याओं को रखा। अभिभावकों में प्राइवेट स्कूल के अमानवीय रवैये को लेकर नाराज़गी है। संवाद में कई पेरेंट्स ने कहा कि निज़ी स्कूलों ने उन्हें एटीएम मशीन समझ लिया है। तरह तरह के शुल्क जबरन उनपर थोप दिये जा रहे हैं और सरकार भी नियंत्रण नहीं कर पा रही है। वर्चुअल बैठक में शिक्षा सत्याग्रह के संस्थापक अंकित आनंद ने पेरेंट्स के समस्याओं को सुना और विधि सम्मत संघर्ष के निमित्त उचित सुझाव दिया। जहाँ सरकार और शिक्षा मंत्री निज़ी स्कूलों की मनमानी के आगे खुद को कमज़ोर मान रहे हैं, वहीं अब फ़ीस माफ़ी की लड़ाई के लिए अभिभावक ख़ुद आगे आने को तैयार हैं। ऑनलाइन वर्चुअल संवाद में कई पेरेंट्स ने अभी समस्याओं को रखा। कदमा के जुस्को स्कूल को लेकर एक अभिभावक ने कहा कि नर्सरी कक्षा के बच्चे क्या ऑनलाइन पढ़ाई करते हैं, यह ख़ुद में एक बड़ा सवाल है। पेरेंट्स ने कहा कि नर्सरी से तीसरी कक्षा तक ऑनलाइन क्लास महज़ दिखावा है और पेरेंट्स से फ़ीस ऐंठने का माध्यम हैं। एक अभिभावक ने बताया कि उनका कपड़े का छोटा दुकान है जो लॉकडाउन में बंद है। पैसों की कठिनाई हो रही है। एक महिला अभिभावक ने कहा कि वे एक प्राइवेट सेक्टर कंपनी में काम करती हैं। उनकी कंपनी ने कर्मचारियों की छंटनी कर दी है और उन्हें अबतक लॉकडाउन अवधि की सैलरी नहीं मिली है। ऐसे में फ़ीस के बोझ से पूरा परिवार परेशान है। आदित्यपुर की एक महिला अभिभावक ने बताया कि डीएवी एनआईटी स्कूल लगातार फ़ीस भुगतान करने के लिए मेसेज भेज रही है और सरकार की ओर से भी अबतक पेरेंट्स को कोई राहत नहीं मिली है। एक अभिभावक ने कहा कि उनका बच्चा टेल्को के गुलमोहर स्कूल में नर्सरी कक्षा में पढ़ता है। चिंता की बात यह है कि छोटा बच्चा आख़िर ऑनलाइन क्या पढ़ेगा। एक ओर स्कूल बच्चों को कार्टून्स और मोबाइल, टीवी से दूर रखने को कहतें हैं और इधर छुटपन से ही उन्हें मोबाइल की लत लगाई जा रही है। एक स्कूल के व्हाट्सएप ग्रूप में अश्लील मैसेज भेजे जाने के मामले में भी अभिभावकों ने चिंता जताई। मंगलवार शाम छह बजे से पुनः एक ऑनलाइन बैठक आयोजित होगी जिसमें प्राइवेट स्कूलों में तीन महीनों के फ़ीस माफ़ी के विषय पर संघर्ष की रणनीति तैयार होगी। वर्चुअल संवाद में विशेष रूप से जागो जमशेदपुर जागो के संजय विश्वकर्मा, शिक्षा सत्याग्रह के अप्पू तिवारी, अंकित आनंद एवं विजय तिवारी सहित बतौर अभिभावक रेणुका कुमारी, जगदीश प्रसाद, शाहनवाज खान बिन अहमद, रौशन सिंह, मंटी सेनगुप्ता, सुष्मिता, अमित सिंह, राजू राव, मनोज सिंह, संजय प्रसाद, अमरनाथ चौधरी, शेखर, हरीश प्रसाद, बीरेंद्र नारायण मित्रा, प्रवीण राय, बंटी सरकार, तस्लीम खान, सहित लगभग सौ अभिभावकों ने हिस्सा लिया। शिक्षा सत्याग्रह की ओर से बताया गया कि यह संघर्ष अभिभावकों के लिए अभिभावकों के द्वारा लड़ी जायेगी जिसमें शिक्षा सत्याग्रह और जागो जमशेदपुर जागो हर संभव सहयोग मुहैया करायेगी।
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