राँची।
प्रधान मंत्री, समन्वित सैन्य बल और सूचना तंत्र के पराक्रम और दृढ़ इच्छा शक्ति ने भारत के स्वाभिमान और मनोबल को उच्चतम स्तर पर पहुँचा दिया है. वर्षों से इंतज़ार था कि सेना पाकिस्तान मे घुसकर आतंकी ठिकानों को तबाह कर, परिणाम चाहे जो भी हो.
1971 में पाकिस्तान ने भारत के एक विमान का अपहरण कर फूँक दिया था. तब देश ने नारा लगाया था कि “पाक ने फूँका एक विमान – हम फूंकेंगे पाकिस्तान”. भारतीय वायु सेना की रणनीति और प्रधानमंत्री की दृढ़ इच्छाशक्ति ने 48 साल बाद इस नारे को हक़ीक़त मे बदल दिया. इतना ही नही इस बीच हुये सभी कायराना आतंकी हमलों का जवाब दे दिया है. कारगिल विजय के समय नियंत्रण रेखा नही लाँघकर पाकिस्तान की सीमा मे घुसने के तत्कालीन सरकार के संयमित एवं मर्यादित कदम की सीमा को भी पार कर दिया है. इसके लिये नया भारत और भारतवासी सेना और सरकार के प्रति कृतज्ञ है.
युद्ध की प्रबल संभावना है. देश आश्वस्त है कि पहले की युद्धों में सेना द्वारा जीते गये पाकिस्तानी भू-भाग को तत्कालीन सरकारों ने जिस प्रकार वार्ता की मेज़ पर गँवा दिया था इस बार ऐसा नही होगा. बल्कि 1971 मे दो की जगह पाकिस्तान इस बार चार भागो मे बँट जायेगा जिसमें किसी भाग का नाम पाकिस्तान नही रहेगा. यानी विश्व के राजनीतिक नक़्शे से पाकिस्तान का नामो-निशान मिट जायेगा.
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