सरायकेला – विस्थापित ने किया टाटा स्पॉन्ज आयरन कंपनी गेट पर धरना-प्रदर्शन

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गम्हरिया
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स्थानीय विस्थापित/प्रभावितों के नियोजन, प्रदूषण समेत अन्य समस्याओं को लेकर ग्रामीणों द्वारा गम्हरिया स्थित टाटा स्पॉन्ज आयरन लिमिटेड कंपनी के समक्ष धरना-प्रदर्शन किया गया। इस धरना प्रदर्शन में गम्हरिया प्रखंड के दूग्धा, रपचा, हरिडीह, पालूबेड़ा समेत कई अन्य गाँवों के सैकड़ों विस्थापित, प्रभावित ग्रामीण शामिल हुए जिसका नेतृत्व दुग्धा के पंचायत समिति सदस्य राम हाँसदा ने किया। इस मौके पर उन्होंने बताया कि वर्षों पूर्व आयडा द्वारा लीज में लिए जमीन को उषा मार्टिन कंपनी को आबंटन कर गम्हरिया में कंपनी स्थापित की गई जिसे वर्तमान में टाटा स्पॉन्ज आयरन कंपनी द्वारा अधिग्रहण कर लिया गया है। उक्त कंपनी की स्थापना सें झुरकुली, छोटा गम्हरिया, झाड़गोविन्दपुर, रपचा समेत कई मौजा के लोग विस्थापित हुए। उक्त सभी मौजा में आदिवासी, मूलवासी परिवार के लोग निवास करते हैं। सभी विस्थापित, प्रभावितों को कंपनी में नियोजित करने का पूर्व में आश्वासन दिया गया था। वर्ष 1975 में 93 विस्थापित परिवारों में से मात्र 25 विस्थापितों को नियोजन दिया गया जिसे बाद में वीआरएस दे दिया गया। इसके बाद अभीतक एक भी विस्थापित, प्रभावित परिवारों को नियोजन नहीं दिया गया। इसके अलावा स्थानीय कई युवक तकनीकि शिक्षा प्राप्त करने के बावजूद बेरोजगार भटक रहे हैं। किन्तु उन्हें स्थानीय कंपनी द्वारा नियोजित नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इन मुद्दों को लेकर पूर्व में कई बार कंपनी प्रबंधन समेत जिला प्रशासन को पत्र देकर समाधान करने की दिशा में पहल करने की मांग की गई। कंपनी प्रबंधन द्वारा आश्वासन भी दिया गया किन्तु उक्त आश्वासन पर कार्रवाई नहीं की गई। इस कारण स्थानीय विस्थापित, प्रभावित व आसपास के ग्रामीणों द्वारा कंपनी गेट के समक्ष धरना-प्रदर्शन करेंगे। इसके बाद भी कंपनी प्रबंधन द्वारा पहल नहीं की जाती है तो शीघ्र ही जोरदार आन्दोलन की रणनीति तय की जाएगी। धरना-प्रदर्शन के प्श्चात् ग्रामीणों को कंपनी प्रबंधन को सात सूत्री ज्ञापन सौंपा गया। उक्त ज्ञापन के माध्यम से विस्थापित, प्रभावित भूमिपुत्रों को कंपनी में स्थायी नियोजन देने, कंपनी में कार्यरत सभी अस्थायी एवं ठेका मजदूरों को न्यूनतम मजदूरी देने, कंपनी के आउसोर्सिंग कार्यों में सहयोग समिति/सहकारी समिति, आदिवासी उद्यमिता को प्राथमिकता देने, विस्थापित, प्रभावित एवं स्थानीय तकनीमि शिक्षा प्राप्त युवक-युवतियों को अप्रेन्टिस में प्राथमिकता देने, एएपी के तहत क्षेत्र में आधारभूत विकास को बढ़ावा देने तथा प्रदूषण नियंत्रण हेतु उचित कदम उठाने की मांग की गई है। इस मौके पर शिवराम बास्के, विमल मार्डी, लखन मार्डी, शंकर मार्डी, राम मुर्मु, मनोज माहली, मंगल किस्कू, सारथी टुडू, संजय मंडल, धनाय मार्डी, अशोक प्रधान, बबलू प्रधान, मानिक प्रधान, पार्वती टुडू, माइको देवी, शंकर टुडू, आसीत रंजन टुडू, योगेन्द्र मांझी, कश्मीर मांझी समेत काफी संख्या में ग्रामीण व विस्थापित, प्रभावित लोग उपस्थित थे।

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