सहरसा-दो बार अंतिम संस्कार करने के बाद भी जिन्दा लोटा युवक

85
AD POST

12932840_852173598242116_3386537699142003648_n

महेन्द्र प्रसाद 

सहरसा

 मामला सहरसा जिले के महिषी प्रखंड का

AD POST

सहरसा जिले के महिषी प्रखंड के राजनपुर रामटोली में रविवार की संध्या तब अफरातफरी मच गई जब एकाएक तीन माह पूर्व मृत शंभू राम उर्फ ठक्कन अपने घर जिन्दा लौट आया। शंभू को देखकर परिजन उसे भूत समझकर भागने लगे और इधर ठक्कन चिल्ला-चिल्ला कर कहता था कि मैं मुर्दा नहीं जिन्दा शंभू हूं। गांव के लोगों के जमा होने पर उसकी मां व घर के अन्य सदस्य सामने आए तब जाकर इस बात का खुलासा हुआ कि जिस ठक्कन को मृत समझ कर परिजन श्मशान में पुतला बनाकर अंतिम संस्कार और श्राद्ध भोज कर चुके हैं, वह शंभू सच में मरा नहीं था। इसके बाद वहां का माहौल गमगीन हो गया। शंभू की मां खोटया देवी व अन्य लोग शंभू से लिपटकर रोने लगे और वहां मौजूद लोगों की आंखें भींग गयी।

–दूसरी बार भी हुआ दाह संस्कार फिर  जिन्दा लौटा मुर्दा

-आश्चर्यजनक बात यह कि यह दूसरी बार था जब शंभू का दाह संस्कार उसके घर वालों ने जिन्दा रहते हुए कर दिया था। शंभू राम चालीस साल पहले दिल्ली काम की तलाश में गया था। वहां रहते हुए इसने अपने पेशे (राजमिस्त्री)में खूब नाम व पैसा कमाया। इसी दौरान उसकी शादी ललिया नामक लड़की से हुई और वो एक बेटी का बाप बन गया। उसकी पत्नी व बेटी राजनपुर में ही रह रहे थे। परिजनों के अनुसार लगभग 18 साल पहले शंभू दिल्ली से अधिक पैसे की लालच में कश्मीर चला गया। उसके बाद उसका कोई पता नहीं चल पा रहा था। दस साल इंतजार के बाद भी जब वो नहीं लौटा और उसकी खबर नहीं मिलने पर घर वालों ने उसे मृत मानकर उसका अंतिम संस्कार कर दिया। इधर इसकी पत्नी ने बेटी की शादी करवा दी और खुद भी दूसरे से शादी कर ली। लेकिन वर्ष 2007 में अचानक ही शंभू अपने घर लौट आया। इसके बाद वो अपने घर पर रहने लगा। कुछ समय बीतने के बाद वो फिर काम की तलाश में दिल्ली जाता-आता रहा।

–दिल्ली में सड़क हादसे में मौत

उसके परिजन बताते हैं कि वो लगभग छह महीने पहले शंभू दिल्ली में अपने ही गांव के जमादार नसीम नामक ठेकेदार के पास काम कर रहा था। इसी दौरान लगभग तीन महीने पहले 28-29 अप्रैल को कार्यस्थल से वो गायब हो गया। गायब होने के कुछ दिन बाद दिल्ली के अखबारों में सड़क हादसे में एक की मौत की खबर तस्वीर सहित छपी। इस हादसे में उसे मृत मानकर ठेकेदार ने इसके घर वालों को सूचना दी। सूचना पर दिल्ली पहुंच अखबार में समाचार देख उसके मौत की तस्दीक घरवालों ने की। उसके बाद राजनपुर में परिजन ने हिन्दू कर्मकांड के साथ मृत शंभू का पुतला बनाकर 20 मई को दाह संस्कार कर दिया।फ़िलहाल शम्भू के परिजन काफी खुश है।

Comments are closed.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More