लोकसभा चुनाव की तैयारी भारतीय जनता पार्टी विधानसभा सीटों के स्तर पर कर रही है। विपक्ष को इस बात का बखूबी भान है कि ऐसा संभव है। …
रांची,। अपने फैसलों से देश की जनता को चौकाने वाली भाजपा झारखंड के संदर्भ में भी बड़ा निर्णय ले सकती है। झारखंड में लोकसभा के साथ-साथ विधानसभा के चुनाव भी कराए जा सकते हैं। सत्ताधारी भाजपा ने भी चुनावों के लिए कमर कस ली है। यही वजह है कि लोकसभा चुनाव की तैयारी पार्टी विधानसभा सीटों के स्तर पर कर रही है। वहीं विपक्ष को इस बात का बखूबी भान है कि ऐसा संभव है। इसे देखते हुए 30 जनवरी तक विपक्षी महागठबंधन का खाका तैयार करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
इस दौरान सीट शेयरिंग के फार्मूले पर भी अंतिम सहमति बनने की गुंजाइश है। गौरतलब है कि राज्य में विधानसभा चुनाव नवंबर-दिसंबर में होना है लेकिन लोकसभा के साथ चुनाव कराने की स्थिति में समय से पूर्व सियासी दांव चला जा सकता है। हालांकि इस मामले में कोई फिलहाल खुलकर नहीं बोलना चाहता। प्रदेश के भाजपा नेता खुद भी अनजान हैं।
दरअसल, इस फैसले पर निर्णय शीर्ष नेतृत्व को ही लेना है। हालांकि विपक्ष सचेत है। विपक्ष के एक प्रमुख नेता की मानें तो भितरखाने जोरों पर इसकी तैयारी चल रही है। कई स्तर पर सर्वे का भी दौर चल रहा है। केंद्रीय योजनाओं को तेजी से धरातल पर उतारने का निर्देश दिया गया है। चर्चा है कि राज्य विधानसभा के बजट सत्र के बाद इस बाबत स्थिति और स्पष्ट होगी।
भाजपा में सम्मेलन का दौर तेज होगा, जिसमें केंद्रीय नेताओं और भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के आने की बात कही जा रही है। वैसे भी भाजपा की लोकसभा चुनाव की तैयारी विधानसभा स्तर पर ही हो रही है। सभी विधानसभा क्षेत्रों के लिए संयोजक भी बनाए गए हैं। प्रदेश प्रवक्ताओं को भी जिलों का रुख करने की नसीहत दी गई है।
कयास की वजहें भी
-केंद्र प्रायोजित योजनाओं पर सरकार का सर्वाधिक फोकस।
-बजट सत्र के बाद तेज होंगे केंद्रीय नेताओं के दौरे।
-हर तबके को आकर्षित करने के लिए बजट में किए गए प्रावधान।
-हाल ही में की गई बड़ी घोषणाओं का दोनों चुनावों में मिल सकता है लाभ।
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