रांची।
झारखंड में पहली बार शुरु हुए तीर्थ दर्शन योजना के तहत 1000 भक्तों का पहला जत्था 13 नवंबर की सुबह 11 बजे साक्षीगोपाल स्टेशन पहुंचा… करीब 18 धंटे का यह सफर यात्रियों के लिए एक नए अनुभव की तरह रहा.. यात्रा कर रहे लोगों में कई लोग ऐसे है जो कभी इतनी लंबी यात्रा पर नही गये… 12 नवंबर की शाम 5:45 में ट्रेन में बैठने को बाद सबसे पहले उन्हें हल्का नाश्ता दिया गया, फिर चाय दी गयी… रात करीब 8:30 में सभी यात्रियों को रात का भोजन दिया गया.. पानी और अन्य सुविधाओं के साथ ट्रेन में समय समय पर एलॉन्समेंट के जरिये जरुरी निर्देश भी दिये गये… साक्षीगोपाल से सभी यात्रियों को बस के जरिये पुरी लाया गया वहां से सभी को होटल लाया गया.. जहां हल्के विश्राम के बाद सभी को जगन्नाथपुर मंदिर दर्शन के लिए लाया गया… भगवान जगन्नाथ के दर्शन पा कर सभी यात्री खुश हैं और सरकार को धन्यवाद दे रहे है…
यात्रा में सभी लोग 60 साल की उम्र से अधिक हैं ऐसे में सरकार की तरफ से डक्टरों का एक दल भी उनके प्राथमिक उपचार के लिए सफर में भेजा गया है.. पूरे सफर के दौरान डॉक्टर का एक दल सभी बॉगी में जा कर लोगों से उनका हाल चाल पूछा और जरुरत के हिसाब से यात्रियों को दवाईयां दी.. डॉ विपिन कुमार श्रीवास्तव, रोहित कुमार मिश्रा और फार्मासिस्ट एम एच सिद्दीकी लगातार यात्रियों के स्वास्थ का ध्यान रख रहे है.. डॉ विपिन ने बताया कि ज्यादातर यात्रियों को सर दर्द और दमा की बिमारी है, जिसके लिए उन्होंने मरीजों को दवाईयां दिया गया है, साथ ही रेलवे को ऐसे मरीजों के लिए खाने में रोटियां देने का भी आग्रह किया गया है…
झारखंड सरकार पहली बार राज्य के बुजुर्गों के लिए श्रवण कुमार की भुमिका में है और हर संभव सुविधा का ख्याल रखते हुए उन्हें तीर्थ करवा रही है… पर्यटन मंत्री श्री अमर कुमार बाउरी लगातार फोन पर यात्रा की जानकारी ले रहे है और जरुरी दिशा निदेश भी दे रहे हैं.. उनका कहना है कि इस यात्रा में किसी भी तरह की गड़बड़ी को नजरअंदाज नही किया जायेगा..
सफर के दौरान जहां भी ट्रेन रुकी, स्थानीय लोगो इस विशेष ट्रेन को बारे में जानने की कोशिश की और झारखंड सरकार की सराहना की… राउलकेला स्टेशन के एक दुकानदार ने कहा कि झारखंड बदल रहा है और इसकी एक झलक यह ट्रेन है.. दूसरे राज्य के लोगों में भी झारखंड सरकार के प्रति साकारात्मक सोच बनी है…
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