Railway Protection Force 2022-23 :आरपीएफ ने 604 लोगों को तस्करों के चंगुल से छुड़ाया 207 तस्करों को गिरफ्तार किया

आरपीएफ ने 'ऑपरेशन मातृशक्ति' के तहत ट्रेनों में 158 और रेलवे परिसर में 220 महिलाओं की प्रसव में मदद की

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रेल खबर।

भारतीय रेल का रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) रेल यात्रियों, यात्री क्षेत्र और रेलवे संपत्ति की सुरक्षा और सुरक्षा के लिए निरंतर सुरक्षात्‍मक उपाय करने के लिए प्रतिबद्ध है। रेलवे संपत्ति, यात्री क्षेत्र और यात्रियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी आरपीएफ को सौंपी गई है। आरपीएफ, यात्रियों को सुरक्षित और सुविधाजनक यात्रा का अनुभव प्रदान करने के लिए चौबीसों घंटे कार्यरत है। रेलवे यात्रियों को सुरक्षित माल परिवहन सेवा प्रदान करने में भारतीय रेलवे की मदद करता है। आरपीएफ ने सुरक्षात्‍मक उपायों के साथ-साथ रेलवे संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले अपराधियों का पता लगाने के साथ-साथ देश के सुदूर क्षेत्र में फैली रेलवे की संपत्तियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी निभाई है।

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वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान आरपीएफ की उपलब्धियों का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है-

 

बच्चों की सुरक्षा और ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते :-

 

रेल मंत्रालय ने महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के सहयोग से संकट में फंसे बच्चों की बेहतर देखभाल और सुरक्षा के लिए 05 मार्च, 2015 को मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की। एसओपी में सभी दिशा-निर्देशों/प्रावधानों/निर्देशों आदि को शामिल करने के लिए 23 दिसम्‍बर. 2021 को ‘रेलवे के लिए संशोधित एसओपी’ 2021 जारी की गई। एसओपी के अनुसार, वर्तमान में 143 रेलवे स्टेशनों पर सीएचडी कार्यरत हैं। रेलवे सुरक्षा बल ने विभिन्‍न कारणों से गुम/परिवारजनों से अलग हुए बच्चों को उनके परिवारों से मिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और भारतीय रेलवे के संपर्क में आए 17000 से अधिक बच्चों को सुरक्षित बचाया है।

इस संबंध में, ट्रेनों/रेलवे स्टेशनों पर देखभाल और सुरक्षा की आवश्यकता वाले बच्चों को बचाने के लिए एक सघन अभियान ‘नन्हे फरिश्ते’ की शुरुआत की गई। इसके उल्‍लेखनीय परिणाम सामने आ रहे है

 

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मानव तस्करी और अभियान एएएचटी (मानव तस्‍करी के खिलाफ कार्रवाई) –

 

मानव तस्करी को रोकने के लिए एक प्रभावी तंत्र बनाने के लिए 2022 में जारी मानक संचालन प्रक्रिया के अनुसार, आरपीएफ की मानव तस्करी विरोधी इकाइयां 740 से अधिक पोस्ट स्तर (थाना स्तर) पर कार्यरत हैं। एएचटीयू (मानव तस्‍कारी रोकथाम इकाइयां), मानव तस्करी को रोकने में शामिल एजेंसियों के नियमित संपर्क में हैं और इसने तस्करी के शिकार बच्चों को बचाने में उनकी मदद की है। वित्त वर्ष 2022-23 में 207 मानव तस्करों की गिरफ्तारी की गई और 604 व्यक्तियों को तस्करों के चंगुल से छुड़ाया। आरपीएफ ने एसोसिएशन ऑफ वॉलंटरी एक्शन (नोबेल पुरस्कार विजेता श्री कैलाश सत्यार्थी की संस्‍था) के साथ 06 मई, 2022 को एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। इसे बचपन बचाओ आंदोलन के नाम में जाना जाता है। दोनों ने मानव तस्करी के खिलाफ काम करने, आरपीएफ कर्मियों और रेलवे कर्मचारियों के क्षमता निर्माण और मानव तस्‍करी की पहचान करने और इस संबंध में सूचनाएं साझा करने में सहयोग के लिए समझौते पर हस्‍ताक्षर किए। आरपीएफ द्वारा संचालित किए जा रहे एएचटीयू को सुदृढ़ बनाने के लिए गृह मंत्रालय ने 12.6 करोड़ रुपये की राशि स्‍वीकृत की है।

 

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आपातकालीन प्रतिक्रिया और ऑपरेशन ‘यात्री सुरक्षा’ –

 

संकटग्रस्त यात्रियों की सुरक्षा संबंधी शिकायतों के निवारण और तत्काल सहायता के लिए यात्री रेल सहायता पोर्टल पर या हेल्पलाइन नंबर 139 (इमरजेंसी रिस्पांस सपोर्ट सिस्टम नंबर 112 के साथ एकीकृत) के माध्यम से शिकायत कर सकते हैं। वित्त वर्ष (2022-23) के दौरान, 2.4 लाख से अधिक शिकायतें प्राप्त हुईं और उनके समाधान के लिए उचित आवश्यक कार्रवाई की गई। साथ ही, रेलवे यात्रियों की सुरक्षा बढ़ाने और उनकी सुरक्षा चिंताओं को दूर करने के लिए ट्विटर, फेसबुक, कू (Koo) जैसे विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से यात्रियों के नियमित संपर्क में है।

 

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ऑपरेशन “जीवनरक्षा”:

आरपीएफ की सतर्कता और त्वरित कार्रवाई के कारण वित्त वर्ष 2022-23 में टीम आरपीएफ ने ऑपरेशन जीवनरक्षा के अंतर्गत 873 पुरुष और 543 महिला यात्रियों की जान बचाई गई।

 

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लगेज रिट्रीवल और ऑपरेशन अमानत-

 

वित्त वर्ष 2022-2023 के दौरान, आरपीएफ ने 32,337 यात्रियों से संबंधित 50 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के सामान को प्राप्त किया और उचित सत्यापन के बाद उन्हें वापस कर दिया। ”ऑपरेशन अमानत” के तहत आरपीएफ, यात्रियों के लिए यह सेवा करता रहा है।

 

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महिला सुरक्षा और ऑपरेशन “मातृशक्ति” –

 

महिला यात्रियों की सुरक्षा भारतीय रेलवे की प्राथमिकता रही है। इस संबंध में, लंबी दूरी की रेलगाडि़यों में विशेष रूप से अकेले यात्रा करने वाली या अपराध की चपेट में आने वाली महिला यात्रियों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए 17 अक्‍टूबर 2020 से “मेरी सहेली” पहल शुरू की गई है। महिला यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अन्य निवारक उपाय जैसे ट्रेन एस्कॉर्टिंग, 864 स्टेशनों पर सीसीटीवी सिस्टम और लगभग 6646 कोच, महिला विशेष उपनगरीय ट्रेनों में महिला एस्कॉर्ट, रेलगाडि़यों में मिश्रित एस्कॉर्ट, महिला कोचों में अनधिकृत यात्रियों के खिलाफ नियमित अभियान आदि भी लागू किए जा रहे हैं।

इसके अलावा, आरपीएफ कर्मियों में विशेष रूप से 9 प्रतिशत महिला आरपीएफ कर्मी हैं। ये संख्‍या वर्दी बलों में सर्वाधिक अधिक हैं। ये कर्मी रेलयात्रा के दौरान या रेलवे परिसर में गर्भवती महिलाओं की मदद हैं। इन्‍होंने वर्ष वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान आरपीएफ ने ‘ऑपरेशन मातृशक्ति’ के अंतर्गत रेलगाड़ी में 158 और रेलवे परिसर में 220 महिलाओं के प्रसव में सहायता की है।

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दलालों के खिलाफ कार्रवाई और ऑपरेशन “उपलब्ध” :-–

 

इस संबंध में वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान 4280 दलालों को गिरफ्तार किया गया और उनके खिलाफ कानून के अनुसार कार्रवाई की गई है।

भारतीय रेलवे में दलालों के खिलाफ आरपीएफ दल नियमित अभियान चलाते हैं। कार्रवाई के दौरान, 140 से अधिक गैर-कानूनी सॉफ्टवेयर बाधित किए गए और ऐसे गैर-कानूनी सॉफ्टवेयरों के डेवलपर्स, सुपर सेलर्स, विक्रेताओं और खुदरा विक्रेताओं को गिरफ्तार किया गया।

 

ऑपरेशन “रेल सुरक्षा” –

 

रेलवे संपत्ति की सुरक्षा के आदेशानुसार आरपीएफ ने ऐसे अपराधों में शामिल 9179 लोगों को गिरफ्तार किया और और वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान चोरी की गई 6.3 करोड़ रूपये की रेलवे संपत्ति बरामद की।

 

ऑपरेशन “नारकोस” :-

भारत सरकार ने अधिसूचना संख्या 1403 दिनांक 11.04.2019 के माध्यम से भारत के राजपत्र एस.ओ. 1582 (ई) ने सहायक उप-निरीक्षक और उससे ऊपर की श्रेणी के रेलवे सुरक्षा बल के अधिकारियों को नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) अधिनियम के तहत तलाशी लेने, जब्त करने और गिरफ्तार करने का अधिकार दिया है। वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान 1022 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है। 81 करोड़ रुपये मूल्य का एनडीपीएस जब्त किया और गिरफ्तार अपराधियों को कानूनी कार्रवाई के लिए एजेंसियों को सौंपा

 

ऑपरेशन डब्‍ल्‍यूआईएलईपी’ :-

 

वन्यजीवों और जानवरों के अंगों की तस्करी प्रकृति के खिलाफ अपराध है। आरपीएफ इस मुद्दे पर सतर्क होने के साथ-साथ वन्यजीवों के अवैध व्यापार में शामिल तस्करों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते है। आरपीएफ ने कई प्रतिबंधित वन्य जीवों यानी पक्षी, सांप, कछुआ, मोर, सरीसृप आदि और चंदन की लकड़ी और अन्य वनस्पतियों को भी बरामद किया है।

टीम आरपीएफ ने वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान ऑपरेशन डब्ल्यूआईएलईपी के तहत 108 मामलों का पता लगाया और 68 आरोपियों को गिरफ्तार किया।

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