पुर्णिया- पत्रकार अशोक के मामले को भारतीय प्रेस परिषद ने लिया सज्ञान में

128
AD POST

SANJAY KUMAR SUMAN

संजय कुमार सुमन

AD POST

पुर्णिया।

पत्रकार अशोक कुमार के मामले में भारतीय प्रेस परिषद् ने भी संज्ञान लिया है! परिषद् ने मुख्य सचिव बिहार सरकार, प्रधान सचिव निबंधन,उत्पाद एवं मध् निषेध विभाग बिहार, सचिव गृह (पुलिस) विभाग एवं पूर्णिया एसपी को नोटिस किया है, जिसमे दो सप्ताह के अंदर घटना प्रकरण पर जवाब माँगा है!
बिहार के पत्रकार प्रभात चंद्र शर्मा के शिकायत पर प्रेस काउंसिल ने यह कदम उठाया है! पत्रकार प्रभात चंद्र शर्मा जो की जर्नलिस्ट यूनियन ऑफ बिहार के मिडिया इंचार्ज है, ने प्रेस काउंसिल से शिकायत की थी की पूर्णिया के पत्रकार अशोक कुमार को नए उत्पाद कानून की आड़ में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया तथा पुलिस प्राधिकरण भी मामले में निष्क्रिय बना रहा! जबकि पत्रकार पूरी तरह निर्दोष है! उनकी शिकायत के बाद प्रेस काउंसिल के सचिव पूनम सिब्बल ने अपने पत्रांक फाइल सं. 13/129/16-17 पी सी आई दिनांक 15/09/2016 के माध्यम से  मुख्य सचिव बिहार सरकार, प्रधान सचिव निबंधन,उत्पाद एवं मध् निषेध विभाग बिहार, सचिव गृह (पुलिस) विभाग एवं पूर्णिया एसपी को नोटिस किया तथा दो सप्ताह में पूरी रिपोर्ट माँगी है! साथ ही यह भी सुनिश्चित करने को कहा है की बिहार में ऐसा माहौल बनाये ताकि पत्रकार निर्भय होकर अपने दायित्व का निर्वाह कर सके।
भारत के समाचार पत्रो व समाचार एजेंसी के स्तरो बनाये रखने और उनमे सुधार करने तथा प्रेस की स्वतंत्रता की सुरक्षित रखने के लिए संसद के एक अधिनियम द्वारा भारतीय प्रेस परिषद् एक अर्ध न्यायिक,सविधिक निकाय का गठन किया गया है, जिसे ऐसी घटनाओ पर नजर रखने का अधिदेश प्राप्त है, जो प्रेस की स्वतंत्रता को प्रभावित कर सकता है ।
मालूम हो कि 18 अगस्त को पूर्णिया के वरिष्ट पत्रकार अशोक कुमार के घर पर अचानक उत्पाद विभाग की टीम आ धमकी और शराब बेचने का आरोप लगाई! उत्पात विभाग के साथ सुचना दाता भी था जिसने घर के बगल में बगीचे से सिर्फ एक बोतल शराब बरामद की! शराब बरामद होने पर सिर्फ इस बात पर पत्रकार को गिरफ्तार किया गया की बगीचा के समीप उनका घर है! जबकि बगीचा उनका है ही नहीं, दूसरी बात की बगीचा एक आम रास्ता है और उस से काफी दुरी पर पत्रकार का बाउंड्री बॉल और घर है! सुचना दाता से कराई के साथ पूछने पर उसने उत्पाद अधीक्षक के सामने काबुल किया की किसी चाँद नाम के वय्क्ति के कहने पर पत्रकार को फसाया है! सच्चाई सामने आने के बाद भी उत्पाद विभाग ने एक न सुनी और पत्रकार को जेल भेज दिया! विभाग का यह तर्क था की मेरा काम सिर्फ पकड़ना है दोषी है या नहीं यह काम न्यायलय का है! हलाकि सारी तथ्यों से अवगत होने के बाद माननीय न्यायालय ने दो दिन में ही बेल दे दिया!
प्रेस काउन्सिल के इस कदम से अशोक कुमार ने ख़ुशी जताई है! उन्होंने कहा की देर से ही सही पर मुझे इन्साफ मिलेगा! उन्होंने अपने ऊपर हुए केस के खीलाफ पटना हाई कोर्ट में भी याचिका दायर की है! साथ ही उन्होंने बिहार पुलिस एवं उत्पाद विभाग पर फिर शक जाहिर की है की वह किसी भी मामले में फिर फसा सकती है! उन्होंने कहा की जेल से निकलने के बाद से ही उन्हें गलत धंधे से जुड़े लोगो के द्वारा धमकिया मिल रही है!इस बाबत उन्होंने कोर्ट में सनहा भी दर्ज करवाया है!

Comments are closed.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More