पोटका प्रखण्ड के भाटिन पंचायत के खड़ियाकोचा गाँव के लोग अभी भी मूलभूत सुविधाओ से वंचित है सबसे बड़ी बता यह है की इस गाँव मे कुल 150 की आबादी रहती है और सभी सबर जनजाति के है , सबर जनजाति को सरकार द्वारा लुप्तप्राय जनजाति घोषित किया गया है और इनके संरक्षण मे करोड़ो खर्च किए जा रहे है ।
लेकिन वास्तविकता मे करोड़ो खर्च का कोई भी हिस्सा इस गाँव मे नहीं पहुंचा है , इस गाँव मे न तो सड़क है , न ही बिजली ही , पानी का कोई व्यवस्था नहीं है , एवं स्वास्थ की भी कोई व्यवस्था नहीं है , कुछ माह पहले ही इलाज़ के अभाव मे ग्रामीण बालक कोंदा सबर की मौत हो चुकी है कोंडा सबर के एक ङ्गुली मे इनफेकसन था जो इलाज़ के अभाव मे पूरे शरीर मे फ़ेल गया और उसकी मौत हो गयी ।
इसी क्रम मे एक आठ वर्षीय बालक शंभू सबर भी है जिसका एक आँख खराब है और वह अपना बचपन बहुत ही कठिन दौर से गुजार रहा है ।
सामाजिक कार्यकर्ता सह आम आदमी पार्टी के सोनू कालिंदी ने खड़ियाकोचा से लौटकर बताया की शंभू सबर के एक आँख मे इनफेकसन है और वह खराब हो चुका है , अगर उसका इलाज़ नहीं किया गया तो हो सकता है उसकी दूसरी आँख भी खराब हो जाये , उन्होने बताया की खड़ियाकोचा आने पर झारखंड के विकास की असली सच्चाई पता चलती है ।
वहीं जिला परिसद सदस्य करुणामय मण्डल ने कहा की मुझे इसकी जानकारी आपके माध्यम से हुई है मे गुरुवार को गाँव जाकर मामले की जानकारी लूँगा और अपने स्तर पर बच्चे का इलाज़ करवाऊँगा । आगे उन्होने कहा की खड़ियाकोचा मे विकाश के प्रति वे प्रतिबद्ध है इस गाँव को मुख्य सड़क से जोड़ने के लिए सड़क बनवाने का हर संभव प्रयासकरुंगा एवं बिजली के लिए मैंने एसडीओ से बात की है ।
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