जमशेदपुर।
वैश्विक महामारी घोषित कोरोना वायरस के संक्रमण रोकथाम हेतु जब देश में लॉक डाउन घोषित किया गया तो शुरूआत के दिनों में किसानों को अपने उत्पाद को बाजार पहुंचाने में कड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ा। किसानों की परेशानियों को देखते हुए उपायुक्त, पूर्वी सिंहभूम श्री रविशंकर शुक्ला की पहल पर किसानों के उत्पाद को ऑनलाइन बाजार उपलब्ध कराने एवं अंतर्राज्यीय तथा अंतर्राष्ट्रीय बाजार तक पहुंच सुनिश्चित कराने का प्रयास किया गया जिसमें बाजार समिति एवं जिला कृषि विभाग के पदाधिकारियों ने समन्वय स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। जिला प्रशासन के प्रयासों को मूर्त रूप देने में कृषि उत्पादन बाजार समिति एवं कृषि विभाग द्वारा स्वीकृत ऑल सीजन फॉर्म प्रेश एवं APEDA(Agriculture and Processed Food Products Exports Development Authority) ने भी अपना महत्वपूर्ण सहयोग दिया जिससे कृषि उत्पादों को बाजार मिलने के साथ-साथ होम डिलिवरी भी आसान हुई।
पोटका के खेतों में उगी भिंडी पहुंची दुबई
पोटका प्रखंड के किसान खेलाराम मुर्मू के खेतों से एक टन भिंडी कोलकाता के इंटरनेशनल एक्सपोर्ट कार्गो डिविजन से दुबई भेजी गई। खेलाराम ने ड्रिप इरिगेशन की मदद से खेती की जिससे काफी अच्छी उपज हुई। खेलाराम ई-कारोबार से जुड़े हैं ऐसे में झारखंड सरकार के कृषि विभाग के पहल पर ऑल सीजन फॉर्म फ्रेश और APEDA(Agriculture and Processed Food Products Exports Development Authority) की मदद से उन्हें अपने उत्पाद को दुबई भेजने में आसानी हुई।
बंधा गोभी, तरबूज की ऑनलाइन ट्रेडिंग
1. राष्ट्रीय कृषि बाजार(E-NAM) पोर्टल पर कृषि उत्पादन बाजार समिति, रांची तथा बाजार समिति, जमशेदपुर के बीच बंधा गोभी की ऑनलाइन ट्रेंडिंग की गई। कृषि उत्पादन बाजार समिति जमशेदपुर से जुड़े व्यवसायी अब्दुल हमिद खान ने तोरपा(खूंटी) के सुंदरी गांव के किसान से 10 क्विंटल गोभी की खरीदारी 10 रूपए प्रति किलो के दर पर किया।
2. ऑल सीजन फॉर्म फ्रेश, जमशेदपुर द्वारा रातू(रांची) के चित्राकोटा गांव की किसान किरण खलखो के खेत में उगे 1.5 टन तरबूज की खरीदारी की गई।
उपायुक्त के निर्देश पर किसानों के लिए वाहन पास उपलब्ध कराते हुए राज्य के दूसरे हिस्से एवं दूसरे राज्यों तक कृषि उपज भेजने का भी प्रयास किया गया। पटमदा के प्रगतिशील किसान यदुनाथ गोराई समेत अन्य बड़ें किसानों ने बिहार के कई जिलों में खीरा, तरबूज एवं टमाटर की बिक्री की। बाजार समिति के सचिव श्री संजय कच्छप के मुताबिक लॉक डाउन के दौरान औसतन 250-300 घरों में प्रतिदिन सब्जी की होम डिलिवरी की गई। उन्होने बताया कि सामानों के होम डिलिवरी के लिए विदेशों से भी कॉल आए, जिनके बुजुर्ग मां-बाप लॉकडाउन में अकेले रह रहे थे उनके बच्चों के ऑनलाइन ऑर्डर या फोन कॉल पर उनके घर तक सब्जी एवं अन्य सामग्री पहुंचाई गई। जिला कृषि पदाधिकारी श्री मिथलेश कालिन्दी के मुताबिक किसानों के लिए ऑनलाइन ट्रेडिंग इस लॉकडाउन में जीवनदान साबित हुआ है। किसान जो खेंतों में ही अपने फसल के बर्बाद होने से चिंतित थे उन्हें मुनाफे के साथ बाजार उपलब्ध कराया गया।
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