जमशेदपुर -नई श्रम कानून 2019 के खिलाफ आयकर विभाग में प्रदर्शन

114
AD POST

जमशेदपुर। आयकर विभाग, जमशेदपुर कार्यालय के प्रांगण में कर्मचारियों ने भोजनावकाश के दौरान सरकार द्वारा लाये जा रहे नई श्रम कानून 2019 के खिलाफ प्रदर्शन किया।आयकर कर्मचारी महासंघ, जमशेदपुर के द्वारा केंद्रीय मुख्यालय, नई दिल्ली और अंचल मुख्यालय, पटना के आह्वान पर केंद्रीय सरकार द्वारा लोक सभा के अगले सत्र में पेश होने वाली नयी श्रम कानून के खिलाफ प्रदर्शन किया गया और नारेबाजी की गई।

विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व आयकर कर्मचारी संघ, जमशेदपुर यूनिट के सचिव अबिनाश कुमार और अध्यक्ष, नरेंद्र कर्ण ने किया।यूनिट सचिव अबिनाश कुमार ने सभा को संबिधित करते हुए 44 श्रम कानूनों को चार श्रम कोड या लॉ में समायोजन को केंद्रीय सरकार की एक छिपी हुई चाल बताया। उन्होंने कहा कि कर्मचारी यूनियन को कमजोर या समाप्त करने की साजिश की जा रही है। इसके विरोध में सबको आना पड़ेगा।

सभा की अध्यक्षता करते हुए नरेंद्र कर्ण ने सभी कर्मचारियों को आने वाले दिनों में एकजुटता दिखाने के लिए आह्वान किया। उन्होंने कर्मचारियों को “56जे जैसे नियमो जिसमे 30 वर्ष या 55 वर्ष की नौकरी” में बांध कर नौकरी से असमय बेदखल करने के केंद्रीय सरकार की साजिश के खिलाफ आवाज बुलंद करने का आह्वान किया।

AD POST

सभा को प्रदेश संगठन सचिव संतोष चौबे ने भी संबोधित किया और श्रम कानूनों में बदलाव से बाद में होने वाले दुष्प्रभाव पर वृस्तित रूप से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि 44 श्रम कानून ऐसे ही नहीं बने, प्रत्येक क़ानून और एक्ट बनाने के पीछे मजदूर और कर्मचारियों को शोषण से बचाना था। 44 कानून मज़दूरों और कर्मचारियों की पिछले 70 से 80 वर्षों के आंदोलन का नतीजा है। आज सरकार इन कानूनो को हटा के चार कोड में समाहित कर रही है और इस क्रम में इन क़ानूनो में निहित कई मज़दूर और कर्मचारी हित की बाते हटा रही है। सरकार ये सब बाहरी इन्वेस्टर्स को खुश करने के लिए कर रही जो अंततः कर्मचारी और फिर देश हित में नहीं होगा। सरकार कर्मचारी संगठन का गठन, बिना नोटिस कर्मचारी हटाना, अपरेंटिस शिप, ओवरटाइम, भविष्य निधि, महिला कार्यावधि आदि कई क्षेत्रों में बदलाव ला रही है।

सभा में उपस्थित प्रदेश उपाध्यक्ष मनोज कुमार, पूर्व सचिव प्रवीण चौहान और मनोज सिन्हा सहित अन्य कर्मचारियों ने भी अपने विचार रखे।

उपरोक्त विरोध देश के सभी मज़दूर यूनियन और संगठनो ने सरकार के मज़दूर और कर्मचारी विरोधी रवैये से क्षुब्ध होकर बुलाया था। पुरे देश में प्रदर्शन किया गया।

Comments are closed.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More