Pamban Bridge :आधुनिक इंजीनियरिंग की उत्कृष्ट उपलब्धि

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देश में रेल यात्रा को अधिक सुगम एवं सुविधापूर्ण बनाने के लिए प्रतिबद्ध भारतीय रेल का नया पम्बन ब्रिज, भारत का पहला वर्टिकल लिफ्ट रेलवे सी ब्रिज है, जो न केवल इंजीनियरिंग की एक शानदार उपलब्धि है, बल्कि भारतीय अवसंरचना के विकास का प्रतीक भी है। रामेश्वरम द्वीप को मुख्य भूमि से जोड़ने वाला 2.07 किलोमीटर लंबा यह पुल पाक स्ट्रेट के नीले जल को पार करता है। यह पुल भारत की मुख्य भूमि को पवित्र रामेश्वरम नगर से जोड़ता है, जो लाखों श्रद्धालुओं के लिए एक प्रमुख तीर्थ स्थल है। एक सदी से भी अधिक समय “तक, पुराना पम्बन ब्रिज, भारत का पहला समुद्री पुल व नवाचार और दृढ़ता का उदाहरण बना हुआ था।

आधुनिक परिवहन माँगों के अनुरूप

21वीं सदी की शुरुआत में, पुराना पम्बन ब्रिज आधुनिक परिवहन की माँगों को पूरा करने में असमर्थ हो गया। रेल यातायात की बढ़ती मात्रा और तेज व सुरक्षित कनेक्टिविटी की आवश्यकता ने सरकार को एक नई संरचना का निर्माण करने के लिए प्रेरित किया, जो तकनीकी रूप से उन्नत, टिकाऊ और भविष्य के लिए तैयार हो।
वर्ष 2019 में भारत सरकार ने इस परियोजना को स्वीकृति दी। नए उद्देश्यों के अनुरूप यह पुल पुराने पुल की सीमाओं को समाप्त करते हुए क्षेत्रीय कनेक्टिविटी और आर्थिक विकास के लिए एक नया रास्ता तैयार करेगा। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में, इस परियोजना को प्राथमिकता दी गई और इसे एक प्रमुख अवसंरचना परियोजना के रूप में मान्यता दी गई। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में, यह परियोजना राष्ट्रीय प्राथमिकता बनी और इसे एक प्रमुख अवसंरचना की परियोजना के रूप में मान्यता दी गई, जो क्षेत्रीय कनेक्टिविटी और आर्थिक विकास को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का कार्य करेगी।
*पंबन ब्रिज की प्रमुख विशेषताएँ*
इंजीनियरिंग का अद्वितीय उदाहरण पम्बन ब्रिज संरचना और सौंदर्य का एक अदभुत संगम है जिसके डिजाइन और निर्माण की कुछ प्रमुख विशेषताएं इसे भारत के सबसे उन्नत पुलों में से एक बनाती हैं।

ब्रिज का आयाम

यह पुल 2.08 किलोमीटर (2,078 मीटर लंबा है और इसमें कुल 99 छोटे स्पैन (प्रत्येक 183 मीटर है। इसके अलावा, इसमें एक 72.5 मीटर का वर्टिकल लिफ्ट स्पैन है, जिसे समुद्री यातायात को सुगम बनाने के लिए तैयार किया गया है। यह भिज अपने पूर्ववर्ती पुल की तुलना में 3 मीटर ऊंचा है, जिससे बड़े जहाजों को आसानी से गुजरने का मार्ग मिलता है।

संरचना और अधिरचना

इस पुल की नींव को अत्यंत मजबूत बनाया गया है। इसमें 333 पाइल्स और 101 पाइल कैप्स का उपयोग किया गया है, जो इसे न केवल वर्तमान बल्कि भविष्य के रेल यातायात की जरूरतों को भी संभालने में सक्षम बनाते हैं। पुल का सुपरस्ट्रक्चर पूरी तरह से वेल्डेड बॉक्स सेक्शन से निर्मित है, जिससे स्प्लाइस जोड़ों की आवश्यकता समाप्त हो गई है। इसकी सतह पर एक उन्नत प्रोटेक्शन सिस्टम लगाया गया है, जो इसे लगभग 58 वर्षों तक स्थायी बनाए रखने में सक्षम है।
*नवीन एंटी-करोंजन तकनीक*
पुल को टिकाऊ बनाने के लिए एंटी-करॉजन तकनीकों का भी इस्तेमाल किया गया है। इसमें पॉलिसिलोक्सेन पेंट का उपयोग किया गया है, जो दुनिया के सबसे संक्षारण प्रवण क्षेत्रों में भी प्रभावी है। इसके अलावा, पुल में स्टेनलेस स्टील रिइंफोर्समेंट और फाइबर रिइंफोर्स्ड प्लास्टिक (FRP ) पथ बनाए गए हैं, जो खारे वातावरण में भी इसे सुरक्षित और मजबूत बनाए रखते हैं।

सांस्कृतिक महत्व

नया पम्बन ब्रिज तमिलनाडु समेत संपूर्ण भारत के लोगों के लिए विशेष महत्व रखता है। यह केवल एक परिवहन साधन नहीं, बल्कि भावनात्मक और सांस्कृतिक जुड़ाव का प्रतीक है। सदियों से रामेश्वरम हिंदुओं के लिए एक पवित्र तीर्थ स्थल रहा है। ऐसा माना जाता है कि रामायण में उल्लेखित यह वही स्थान है, जहां भगवान श्रीराम द्वारा लंका तक पहुंचने के लिए पुल का निर्माण किया गया था। पुराने पम्बन ब्रिज ने 110 वर्षों तक इस सांस्कृतिक धरोहर को जोड़े रखा और एक प्रतीकात्मक संरचना बन गया। अब नए पम्बन ब्रिज के माध्यम से तीर्थयात्री अधिक आरामदायक यात्रा का अनुभव कर, रामेश्वरम की आध्यात्मिक महत्वता को जान और समझ पाएंगे।

एक युगांतरकारी लैंडमार्क

नया पम्बन ब्रिज भारत की प्रगति, नवाचार, और अपनी विरासत के प्रति सम्मान का अद्भुत प्रतीक है। यह केवल दो भू-भागों को जोड़ता है, बल्कि अतीत और भविष्य परंपरा और प्रौद्योगिकी तथा प्रकृति और अवसंरचना के बीच भी पुल का काम करता है। यह ब्रिज केवल रामेश्वरम को मुख्य भूमि से नहीं जोड़ता, अपितु भारत को वैश्विक इंजीनियरिंग उत्कृष्टता के मंच पर गर्व के साथ स्थापित करता है।

निर्माण की उपलब्धियाँ

नया पम्बन ब्रिज इंजीनियरिंग की एक उत्कृष्ट कृति है जो उपयोग क्षमता एवं सौंदर्य का अनूठा मिश्रण है। नीचे इसकी डिजाइन एवं निर्माण संबंधी मुख्य विशेषताएँ दी गई हैं:
*फाउनडेश कार्य*
पुल की नींव, जिसमें पाइल फाउंडेशन और पाइल कैप्स शामिल हैं, समय से पहले पूरा किया गया। निर्माण के इस महत्वपूर्ण चरण में कड़े सुरक्षा प्रोटोकॉल और तकनीकी मानकों का पालन किया गया, जिससे पुल के सुपरस्ट्रक्चर के लिए एक मजबूत आधार सुनिश्चित हुआ।

निर्माण और स्थापना

ब्रिज की निर्माण प्रक्रिया के तहत 99 स्पैन को सिंगल लाइन के लिए तैयार किया गया है लिफ्ट स्पैन, जिसे साइट से बाहर तैयार किया गया था, को सटीकता से स्थापित किया गया ताकि उसका सही संरेखण और कार्यक्षमता सुनिश्चित हो सके।
*परिचालन परीक्षण और टेस्टिंग*
पुल की संरचनात्मक मजबूती की जांच करते हुए 15 किलोमीटर लंबे खंड पर मंडपम छोर से एक मालगाड़ी का सफल परीक्षण किया गया जिसने पुल की परिचालन तत्परता को प्रमाणित कर एक सुरक्षित और विश्वसनीय मार्ग “सिद्ध किया है।
तकनीकी श्रेष्ठताः डिज़ाइन और सत्यापन

सहयोगात्मक डिजाइन का दृष्टिकोण

ब्रिज में तकनीकी उत्कृष्टता और डिजाइन की विश्वसनीयता को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है। जिसका डिजाइन इंटरनेशनल कंसल्टेंट प्ले द्वारा तैयार किया गया और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान IIT चेन्नई व IIT मुंबई द्वारा प्रमाणित किया गया है। यह दोहरे सत्यापन की प्रक्रिया ब्रिज की संरचनात्मक मजबूती और तकनीकी उत्कृष्टता को रेखांकित करती है।

वर्टिकल लिफ्ट स्पैन

ब्रिज की सबसे अनूठी विशेषता इसका वर्टिकल लिफ्ट स्पैन है भारत में अपनी तरह का प्रथम यह खंड 72.5 मीटर लंबा है, जिसे समुद्री यातायात की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है।

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