सोनी सब के कलाकारों की बालदिवस पर राय

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देव जोशी (सोनी सब के बालवीर रिटर्न्स में बालवीर)

मैं बालदिवस को लेकर बहुत रोमांचित रहता हूँ, क्योंकि यह मेरे जन्मदिन के महीने में आता है और इसलिये मुझे नवंबर में दो बार उपहार मिलते हैं। मेरे माता-पिता हमेशा बालदिवस पर किसी न किसी उपहार से मुझे चौंका देते हैं और आमतौर पर ऐसी चीज देते हैं, जिसकी मुझे जरूरत होती है। स्कूल के समय से ही बालदिवस से जुड़ी कई यादें मेरे पास हैं। हम एक कार्यक्रम करते थे, जिसमें विद्यार्थी भाषण देते थे और मैं प्रसिद्ध व्यक्तित्व के रूप में भाषण देता था, हर साल बालदिवस के मौके पर। मेरे बचपन के दौरान एक बालदिवस पर मैं और मेरे माता-पिता मेरे पिता के कारखाने के एक कर्मचारी के घर गये और मैंने उनके बच्चों को अपने खिलौने और कपड़े दिये। हमने साथ में खाना भी खाया और हमारी वजह से किसी को खुश होते देखकर हमें बहुत अच्छा लगा।

हालांकि अब हम बड़े हो चुके हैं, लेकिन किसी भी व्यक्ति के भीतर का बच्चा हमेशा जीवित रहता है और ऐसा होना भी चाहिये। मैं सभी को बालदिवस की शुभकामनाएं देता हूँ और सभी के लिये मेरा संदेश यह है कि अपने भीतर के बच्चे को हमेशा जीवित रखें।

अक्षिता मुदगल (सोनी सब के भाखरवड़ी में गायत्री)

बालदिवस वह दिन होता है, जब माता-पिता अपने बच्चों को शरारत करने की कुछ अतिरिक्त आजादी देते हैं, उनकी बात मानते हैं और ऐसे काम करते हैं, ताकि बच्चे खुद को खास मानें। अब हम बड़े हो चुके हैं, लेकिन हम सभी के भीतर अब भी एक छोटा बच्चा है। तो उस बच्चे के लिये आनंद लें, मैं बालदिवस के मौके पर अनाथालय जाती हूँ, ताकि वहाँ के बच्चों को खास होने का अनुभव हो और इस काम में मेरे माता-पिता भी मेरा साथ देते हैं। इसके अलावा, मेरे माता-पिता बालदिवस के मौके पर हमेशा मुझे कोई खास चीज देते हैं।

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मुझे वह पहला उपहार आज भी याद है, जो मेरे माता-पिता ने मुझे बालदिवस पर दिया था, वह एक बड़ा टैडी बीयर था, जो आज भी मेरे पास है, चाहे थोड़ा बिगड़ गया है। वह मेरे लिये बहुत खास था, क्योंकि वह मेरे माता-पिता के प्रेम की अभिव्यक्ति है। माता-पिता अपने बच्चों में सकारात्मकता का संचार करते हैं, उनकी मदद करते हैं और उनकी मासूमियत को जिंदा रखते हैं। मुझे खुशी है कि मेरे माता-पिता ने हमेशा मेरा साथ दिया और हर काम में मेरा सहयोग किया।

वंश सयानी (सोनी सब के बालवीर रिटर्न्स में विवान)

बालदिवस मेरे लिये बहुत खास है, क्योंकि हर वर्ष इस दिन मेरे माता-पिता मुझे विश करते हैं और मुझे उपहार देते हैं। यह साल के उन दिनों में से एक है, जो मुझे रोमांचित करते हैं, क्योंकि मेरे माता-पिता मुझे बाहर घुमाने ले जाते हैं और हम साथ मिलकर एक मस्ती भरा दिन बिताते हैं। यह परंपरा शुरू से चली आ रही है। बालदिवस पर स्कूल की छुट्टी रहती है, लेकिन हम उससे एक दिन पहले स्कूल में जश्न मनाते हैं और हमें पढ़ने के लिये विभिन्न किताबें दी जाती हैं और यह मुझे बहुत अच्छा लगता है।

मेरे माता-पिता ने मेरे कॅरियर में हमेशा मेरा साथ दिया है और उनके कारण ही मैं अपने बचपन का पूरा आनंद ले सका और उसे हमेशा जीवंत रख सका। मेरी सबसे अच्छी यादों में से एक यह है कि शूटिंग के पहले दिन मैंने कैमरे और पूरा सेट देखा और बाद में खुद को स्क्रीन पर परफॉर्म करते देखा। तब से ही मुझे इसमें आनंद आ रहा है। इस बालदिवस पर मैं ज्यादा मेहनत करना चाहता हूँ और अपने साथी कलाकारों तथा माता-पिता के साथ इस दिन का आनंद लेना चाहता हूँ।

अथर्व शर्मा (सोनी सब के तेरा क्या होगा आलिया में रोहन)

मेरे लिये हर बालदिवस एक उत्सव होता है, क्योंकि इस दिन मेरे माता-पिता मेरी पसंद का हर काम करते हैं, जैसे मेरी पसंद का खाना बनाना और मुझे उपहार देना। वह इस दिन को खास बना देते हैं और पूरा दिन केवल मजे करने के लिये होता है, कोई पढ़ाई नहीं। स्कूलों में भी हम एक मजेदार आयोजन करते हैं, जिसमें मैं भाग लेता हूँ और हमारे प्रिंसिपल हमें चाचा नेहरू के बारे में बताते हैं। यह सभी विद्यार्थियों के लिये एक मस्ती भरा दिन होता है। इस बार बालदिवस पर मेरी शूटिंग रहेगी, तो मैं सोनी सब के तेरा क्या होगा आलिया के सेट पर सभी के साथ खूब मस्ती करूंगा।

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