जमशेदपुर।

खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय ने प्याज की खुदरा कीमत में वृद्धि पर चिंता व्यक्त किया है और विभागीय सचिव को निर्देश दिया है कि वे प्याज की कीमत में वृद्धि में अंकुश लगाने के लिए हर संभव प्रयास करें। उन्होंने कहा है कि प्याज की थोक कीमत और खुदरा कीमत में ₹5 प्रति किलोग्राम का अंतर नहीं रहना चाहिए। उन्होंने विभागीय सचिव से राज्य के सभी कृषि उत्पादन बाजार समिति या समितियों से प्रत्येक दिन सुबह और शाम प्याज के आवक तथा थोक मूल्य और विभिन्न जिलों में प्याज के खुदरा मूल्य के आंकड़े मगाएं और सुनिश्चित करें कि राज्य के सभी जिलों में प्याज की आपूर्ति सुनिश्चित कराएं। राज्य में चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद मंत्री की भूमिका सीमित हो गई है फिर भी प्रशासनिक उपायों से मूल्य नियंत्रण सरकार की भूमिका को नजर अंदाज नहीं किया जा सकता है। विगत कुछ दिन पहले जब प्याज की कीमतों में वृद्धि नजर आई थी और थोक भाव तथा खुदरा भाव में अंतर बढ़ गया था तब खाद्य आपूर्ति विभाग ने तत्परता पूर्वक राज्य के सभी जिलों में सुविधा केंद्र खोलकर प्याज के खुदरा मूल्यों को नियंत्रित किया था। मंत्री ने विभागीय सचिव से कहा है ऐसे सभी उपाय किए जाए ताकि आम जनता को प्याज के लिए अधिक कीमत नहीं चुकानी पड़े और खुदरा एवं थोक भाव में ₹5 प्रति किलोग्राम से अधिक का अंतर नहीं रहे। उन्होंने विभागीय सचिव से नासिक सहित महाराष्ट्र के अन्य आपूर्ति केंद्रों पर प्याज की कीमत उपलब्धता की जानकारी प्राप्त करने और इस हिसाब से झारखंड के विभिन्न क्षेत्रों में प्याज का थोक भाव कितना होना चाहिए और खुदरा भाव कितना होना चाहिए इसका निर्धारण करने तथा कृषि उत्पादन बाजार समिति के सचिवों को भी बाजार पर पैनी नजर रखने का निर्देश दिया है। अधिकारियों के पास कीमतों के नियंत्रण के लिए कानूनी अधिकार प्राप्त हंै, उन अधिकारियों से भी इस मामले में चुनाव की जिम्मेदारी के साथ-साथ तत्परता बरतने का निर्देश जनहित में जारी करने को कहा। किसी को भी बढ़ती कीमतों के मद्देनजर अधिक लाभ कमाने की छूट नहीं दी जा सकती है। विगत दिनों केंद्र सरकार ने मूल्य नियंत्रण आदेश जारी किया था। यदि आदेश आज भी प्रभावी है उपयोग किया जाना चाहिए और यदि इन आदेशों की अवधि समाप्त हो गई है तो भारत सरकार से बातचीत करके इन आदेशों को पुनः जारी कराया जाना चाहिए ताकि प्याज की कीमतों को नियंत्रित किया जा सके।