रांची -पूर्वी सिंहभूम जिले के बहरागोड़ा ब्लॉक के सारथी ने नई दिल्ली में कनाडा उच्चायोग का काम संभाला

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इंटरनेशनल डे ऑफ द गर्ल चाइल्ड के मौके पर प्लान इंडिया गर्ल चेंजमेकर्स ने दिल्ली में कनाडा दूतावास और 26 लड़कियों ने ग्राम पंचायतों का काम संभाला

रांची। भारत के 10 राज्यों की प्लान इंडिया की गर्ल चेंजमेकर्स ने इंटरनेशनल डे ऑफ द गर्ल चाइल्‍ड – आईडीजी (अंतरराष्‍ट्रीय कन्‍या दिवस) के मौके पर नई दिल्ली में 22 राजनयिक मिशनों के राजदूतों और उच्चायुक्तों की भूमिका निभाई। झारखंड के कई जिलों में लड़कियों ने महत्वपूर्ण ग्राम पंचायतों और सरकारी पदों को भी संभाला।

हर साल, 11 अक्‍टूबर को, प्‍लान के समर्थन वाले समुदायों से लड़कियां अधिकार संपन्‍न और महत्‍वपूर्ण पदों को अपने हाथों में लेती हैं और लड़कियों की आवाज़, ताकत और नेतृत्‍व को सुने जाने के लिए अपनी पुरज़ोर आवाज़ उठाती हैं ताकि‘गर्ल्‍स गैट इक्‍वल’ कैम्‍पेन के तहत्, जो कि वैश्विक स्‍तर पर की गई नवीनतम पहल है, लड़कियों की ताकत, सक्रियता और नेतृत्‍व को प्रोत्‍साहन दिया जा सके।

वरिष्‍ठ पदों से लड़कियों और युवतियों के लिए समान अवसर उपलब्‍ध कराने की आवश्‍यकता को और अधिक मजबूती से रेखांकित करने में मदद मिलती है। साथ ही, उन्‍हें फैसले लेने की अपनी क्षमता को प्रदर्शित करने तथा यह सुनिश्चित करने कि वे भी खुशहाल, स्‍वस्‍थ और सुरक्षित माहौल में सीख सकती है, नेतृत्‍व प्रदान कर सकती हैं और यह भी कि उनकी आवाज़ सुनी जाए, और समस्‍याओं पर ध्‍यान दिया जाए।

बहरागोड़ा ब्लॉक के सारथी ने नई दिल्ली में कनाडा उच्चायोग का काम संभाला। उन्होंने सक्रिय रूप से भारत में कनाडा के उच्चायुक्त के पद पर काम किया और एक दिन के लिए अपनी भूमिका निभाई, बैठकों की अध्यक्षता की और मुख्य कर्मचारियों से मिलीं। सारथी सात भाई-बहनों में से एक हैं जिन्हें उनकी मां ने अकेले पाला है। उन्होंने कम उम्र में शिक्षा की ताकत को समझा और अपने स्कूल की फीस का पैसा जमा करने के लिए अपनी मां के साथ खेतों में मजदूर के रूप में काम किया।

एक उज्ज्वल युवा छात्र के तौर पर वह यह सुनिश्चित करने के लिए कड़ी मेहनत करती हैं कि उनकी तरह सभी लड़कियों को पढ़ने का मौका मिले। वह बच्चों, युवाओं और उनके परिवारों की काउंसलिंग करती है ताकि बच्चे विशेषकर लड़कियां पढ़ाई जारी रखें और उसे पूरा करें। दूतावास में अपने अनुभव के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, “मैं कक्षाओं में डिजिटल और सीखने के मज़ेदार तरीकों की शुरुआत करना चाहती हूं ताकि लड़कियां स्कूल आने के लिए प्रेरित हों।”

दूतावास के टेकओवर के अलावा, झारखंड की लगभग 26 प्लान इंडिया गर्ल चेंजमेकर्स ने अपने संबंधित शहरों में महत्वपूर्ण ग्राम पंचायत में पद संभाले। गाँव के टेकओवर का मकसद एक लड़की के ख़ुद पर विश्वास को बढ़ाकर यह दिखाना कि वह क्या करने में सक्षम है और लड़कियों को महत्वपूर्ण पद दिए जाने का समर्थन करनाथा। टेकओवर में शामिल होने वाले कुछ प्रमुख जिलों में सिंहभूम, हजारीबाग आदि शामिल हैं।

दुनियाभर में, गर्ल्‍स टेकओवर्स 60 देशों में आयोजित किया गया जिसमें 1,000 से अधिक लड़कियों ने भाग लिया। लड़कियों ने विभिन्‍न महत्‍वपूर्ण पदों पर काम किया और बंधी-बंधाई लीक को तोड़ते हुए भेदभाव, शोषण और असमानता के खिलाफ अपनी राय रखी। गर्ल्‍स चेंजमेकर्स ने, लड़कियों और युवतियों को शिक्षा, स्‍वास्‍थ्‍य, सामाजिक-आर्थिक एवं राजनीतिक भागीदारी में बराबर अधिकार दिलाने की सख्‍त आवश्‍यका के बारे में भी पुरजोर संदेश दिया। साथ ही, उन्‍होंने प्रभावशाली पदों पर तैनात अपने मित्रों-सहयोगियों से भी लड़कियों के अधिकारों का समर्थन करने का आह्वान किया।

लैंगिक समानता का लक्ष्‍य हासिल करना उन सतत् विकास लक्ष्‍यों (एसडीजी 5) में से है जिन पर विश्‍व नेताओं ने 2015 में सहमति जतायी थी, और ये 2030 तक दुनिया को बदलने का भरोसा दिलाते हैं। अब वाकई बराबर, निष्‍पक्ष और न्‍यायसंगत दुनिया का समय आ चुका है। प्‍लान इंडिया की गर्ल्‍स टेकओवर्स जैसी पहल जो कि सतत् विकास लक्ष्‍यों (एसडीजी 5) के साथ तालमेल रखती है, भेदभाव, शोषण और हिंसा मुक्‍त तथा लैंगिक रूप से समान विश्‍व की संकल्‍पना करती है।

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