नई दिल्ली-राष्ट्रपति ने राष्ट्रीय राइफल्स के असम रेजिमेंट/ 35वीं बटालियन के 13622536 एन हवलदार हंगपन दादा (मरणोपरांत) को अशोक चक्र प्रदान
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26 मई, 2016 को जब आतंकवादियों ने जम्म् एवं कश्मीर के कुपवाडा जिले में नौगाम सेक्टर में घुसपैठ की तो दिवंगत हवलदार हंगपन दादा पर उनके सेक्शन के साथ भाग रहे आतंकवादियों का पीछा करने एवं उन्हें जाल में फंसाने का दायित्व सौंपा गया। बहादुरी का परिचय देते हुए और मौके की नजाकत को भांपते हुए दिवंगत हवलदार हंगपन दादा ने ऊंची पहाड़ी पर दुर्गम परिस्थितियों में बेहद तेजी से आतंकवादियों के भागने के रास्ते को अवरूद्ध कर दिया और बेहद वीरता प्रदर्शित करते हुए दो आतंकवादियों को मार गिराया। गोलियों के आदान-प्रदान में वे गंभीर रूप से घायल हो गए लेकिन इसके बावजूद उन्होंने शेष आतंकवादियों का पीछा करना नहीं छोड़ा और तीसरे आतंकवादी के समक्ष आ गए जिसे उन्होंने आमने-सामने की लड़ाई में मार गिराया और खुद भी शहीद हो गए। इस प्रकार, हवलदार हंगपन दादा ने अकेले ही इस ऑपरेशन में तीन आतंकवादियों को मार गिराया तथा अपनी कार्रवाई से चौथे आतंकवादी की मौत के भी कारण बने।
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