नई दिल्ली: सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक बिंदेश्वर पाठक का मंगलवार को निधन हो गया है. तबीयत ज्यादा बिगड़ने के बाद उन्हें आज दिल्ली एम्स ले जाया गया था. लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. बिंदेश्वर पाठक के करीबी सहयोगी ने बताया कि उन्हें दिल का दौरा पड़ा था.
सहयोगी ने बताया कि पाठक ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर सुबह राष्ट्रीय ध्वज फहराया और उसके तुरंत बाद गिर गए. इसके बाद उन्हें दिल्ली एम्स ले जाया गया. जहां दोपहर 1.42 बजे उन्हें मृत घोषित कर दिया गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिंदेश्वर पाठक के निधन पर दुख जताया है।
बता दें कि दिवंगत बिंदेश्वर पाठक ने वर्ष 1970 में सुलभ इंटरनेशनल सोशल सर्विस ऑर्गनाइजेशन की स्थापना की थी। बिंदेश्वर पाठक की पहचान बड़े भारतीय समाज सुधारकों में से एक है।उन्होंने सुलभ इंटरनेशनल की स्थापना की, जो मानव अधिकारों, पर्यावरण स्वच्छता, ऊर्जा के गैर-पारंपरिक स्रोतों, अपशिष्ट प्रबंधन और सामाजिक सुधारों को बढ़ावा देने के लिए काम करती है।
बिंदेश्वर पाठक बिहार के वैशाली जिले के रहने वाले थे। उनकी उम्र 80 साल थी। बिंदेश्वर पाठक को साल 1999 में पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया। साल 2003 में विश्व के 500 उत्कृष्ट सामाजिक कार्य करने वाले व्यक्तियों की सूची में उनका नाम प्रकाशित किया गया। बिंदेश्वर पाठक को एनर्जी ग्लोब समेत कई दूसरे पुरस्कारों से भी सम्मानित किया जा चुका है।
बिंदेश्वर पाठक द्वारा स्थापित शौचालय संग्राहलय को टाइम पत्रिका ने दुनिया के दस सर्वाधिक अनूठे संग्राहलय में स्थान दिया था। सिर पर मैला ढोने की प्रथा की समाप्ति को लेकर इनके द्वारा किए गए कार्यों की पूरी दुनिया में प्रशंसा हुई। देशभर में सुलभ इंटरनेशनल के करीब 850 शौचालय और स्नानघर हैं। शौचालय के प्रयोग के लिए 5 रुपये और नहाने के लिए दस रुपये लिए जाते हैं। कई जगहों पर इन्हें मुफ्त भी रखा गया है।
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