जमशेदपुर -6ठा मिथिलाक्षर साक्षरता सम्मान समारोह आयोजित

206

जमशेदपुर-

मिथिला की धरोहर लिपि मिथिलाक्षर की साक्षरता को बढ़ाने के लिए कृतसंकल्प मिथिलाक्षर साक्षरता अभियान की जितनी भी तारीफ की जाए कम है। अभियान से बड़ी संख्या में महिलाओं का जुड़ना इसकी खासियत है जो इस बात का स्पष्ट संकेत देती हैं कि वह अपने नौनिहालों को इस धरोहर लिपि को सशक्त बनाने की दिशा में पूरे मनोयोग से लगी होंगी। उक्त बातें कोल्हान विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ शुक्ला मोहंती ने रविवार को शहर के होटल दि केनेलाइट में आयोजित मिथिलाक्षर साक्षरता अभियान के छठे सम्मान समारोह का उद्घाटन करते हुए कही।
उन्होंने कहा कि बहुत ही कम समय में एक लाख से अधिक की संख्या में मिथिलाक्षर साक्षरों की टीम खड़ा किया जाना एक एक शुभ संकेत है। उन्होंने कहा कि कोई अपनी भाषा में बेहतर सोच सकते है तो उसे अपनी लिपि के प्रति भी ममत्व होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में कोल्हान विश्वविद्यालय में उड़िया विषय के साथ पीजी की पढ़ाई शुरू करने को लेकर अभियान चलाया गया और आज वहां उड़िया विषय में पीजी की पढ़ाई शुरू हो चुकी है। अपने संबोधन में उन्होंने समारोह में उपस्थित मैथिल जनों का आह्वान किया कि वह भी पीजी में मैथिली भाषा की पढ़ाई शुरू किए जाने का प्रस्ताव लाएं ताकि उन्हें कोल्हान विश्वविद्यालय में संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल मैथिली की पढ़ाई स्नातकोत्तर की कक्षा में शुरू किए जाने में सहूलियत हो ।
कार्यक्रम में अपने विचार रखते हुए आइडा की क्षेत्रीय उप निदेशक रंजना मिश्रा ने साहित्य के विकास में लिपि के महत्व को विशेष रूप से उल्लेखित करते हुए मिथिलाक्षर साक्षरता अभियान को हरसंभव मदद उपलब्ध कराने का भरोसा दिलाया।
कार्यक्रम में साहित्य अकादमी में मैथिली भाषा के प्रतिनिधि डॉ अशोक अनवेचल ने कहा कि मिथिलाक्षर साक्षरता के प्रति जमशेदपुर के लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से निकाली गई भव्य शोभायात्रा ने यह साबित कर दिया है कि दूसरी राजभाषा का ओहदा पाने वाली मैथिली और इसकी धरोहर लिपि मिथिलाक्षर बिरसा की भूमि पर अपने उद्देश्य को हासिल करने में सक्षम साबित होगी। अपने संबोधन में उन्होंने जमशेदपुर के तमाम मैथिली सेवी संस्थाओं का एक मंच पर आकर मिथिला, मैथिली व मिथिलाक्षर के विकास के प्रति कृतसंकल्प होने का आह्वान किया।
कार्यक्रम में अपना विचार रखते हुए मिथिलाक्षर साक्षरता अभियान के संस्थापक एवं नासिक से प्रकाशित मासिक पत्रिका मैथिल पुनर्जागरण प्रकाश के संपादक पंडित अजय नाथ झा शास्त्री ने मिथिला क्षेत्र में प्राथमिक शिक्षा में संविधान की आठवीं सूची में शामिल मैथिली भाषा को विषय के रूप में पढ़ाई से वंचित किए जाने के सरकार के कदम की निंदा की। उन्होंने कहा कि झारखंड एवं दिल्ली जैसे राज्यों में जहां मैथिली के मान सम्मान की बात हो रही है। वहीं बिहार में इस दिशा में बरती जा रही कोताही एक नए आंदोलन का संकेत दे रही है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ साहित्यकार योगानंद झा ने कहा कि मिथिला, मैथिली और मिथिलाक्षर के भविष्य की रक्षा के लिए सभी मैथिलों को एकजुट होना समय की मांग है। उन्होंने कहा कि मिथिलाक्षर साक्षरता अभियान के द्वारा जिस प्रकार से धरोहर लिपि मिथिलाक्षर के संरक्षण का पुनीत कार्य किया जा रहा है यह काबिले तारीफ है।
मिथिलाक्षर साक्षरता अभियान के वरीय संरक्षक एवं मीडिया प्रभारी प्रवीण कुमार झा एवं अरुणा झा के संयुक्त संचालन में आयोजित सम्मान समारोह में अंतरराष्ट्रीय मिथिला परिषद के संयोजक अमलेश झा, परमहंस लक्ष्मीनाथ गोसाई समिति के उपाध्यक्ष तृप्ति नारायण झा आदि ने भी अपने विचार रखे।
समारोह में देश के विभिन्न कोनों से आए कुल 274 मिथिलाक्षर प्रवीण उपाधि अर्जित करने वाले अभियानियों को प्रमाण पत्र वितरित किए गए। जबकि अभियान में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले अभियानियों को मुख्य अतिथि के हाथों सम्मानित किया गया। सम्मान पाने वाले प्रमुख लोगों में वरीय संरक्षक धर्मेंद्र कुमार झा, प्रवीण कुमार झा, आचार्य बंशीधर झा, डॉ हरे कृष्ण झा, कृष्ण कांत झा, सुधीर कुमार झा, उग्र नाथ झा, आशीष कुमार मिश्रा, रूनू मिश्रा, रंजना झा, कुमकुम झा, उमा झा, गायत्री झा एवं शीला झा आदि के नाम उल्लेखनीय हैं। कार्यक्रम में पंकज कुमार कर्ण एवं कृष्ण कांत झा को उत्कृष्ट मार्गदर्शन सम्मान से सम्मानित किया गया जबकि कार्यक्रम के बेहतर आयोजन के लिए पंकज कुमार राय एवं विक्रम आदित्य सिंह को विशेष सम्मान से नवाजा गया।
शीला झा, गायत्री झा एवं उमा झा के द्वारा प्रस्तुत गोसाउनि गीत के साथ शुरू हुए कार्यक्रम में रुनू मिश्रा ने धन्यवाद ज्ञापन किया । कार्यक्रम में मिथिला सांस्कृतिक परिषद के अध्यक्ष लक्ष्मण झा, महासचिव ललन चौधरी, ललित नारायण सांस्कृतिक समिति के अध्यक्ष परमानंद झा, महासचिव शंकर पाठक, अंतरराष्ट्रीय मिथिला परिषद के अध्यक्ष रविंद्र कुमार चौधरी एवं महासचिव पंकज कुमार झा आदि की उल्लेखनीय उपस्थिति रही।
इससे पहले मिथिलाक्षर साक्षरता के प्रति स्थानीय लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से स्थानीय लक्ष्मीनाथ गोसाई मंदिर से कार्यक्रम स्थल तक भव्य शोभायात्रा निकाली गई। जिसमें 300 से अधिक मिथिलाक्षर साक्षरता अभियानियों ने अपनी सक्रिय उपस्थिति दर्ज की।

Comments are closed.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More