
राजकुमार झा,

मधुबनी ।
कहते है कहते है कि पुत कपुत भले हो जाए लेकिन माता कुमाता नहीं होती। हांलाकि मधुबनी की इस मां ने इस कहावत को भी ताख पर रख दिया और अपने नवजात बेटी को छोर कर भाग खड़ी हुई है ! मामला सदर अस्पताल का है महज पाँच से छह दिन के एक नवजात बेटी को एक दम्पति ने अस्पताल की बेड पर छोड़ कर भाग गई है ! वाकया कल दिन का है एक महिला एक नवजात के साथ आयी दो मिनट तक बेड पर बच्चों को प्यार किया और बाहर खड़ा किसी ने बुलाया और वह निकल गई बगल के बेड वालों ने सोचा महिला किसी डॉक्टर से दिखाने गयी है लेकिन वह नहीं लौटी तो मामला खुला डॉ गार्गी सिन्हा की माने तो यह नवजात एक लड़की है और इस बच्चे का पैर से विकलांग है जिस कारण से पहले तो परिवार वालों ने मालिश वगैरह किया होगा लेकिन जब ठिक नहीं हुई होगी तो अस्पताल में छोड़ कर भाग गई होगी वैसे सुना है कोई इस नवजात को गोद लेना चाहता है ! वही ममता की देखभाल में बच्ची का पालन पोषण किया जा रहा है ! cs डॉ नागेंद्र भूषण ने बताया की एक नवजात को अस्पताल में किसी ने बच्ची को छोड़ कर भाग गया है लेकिन यह अस्पताल में जन्मी बच्ची नहीं है !इस बच्ची के गोद लेने की प्रक्रिया किया जा रहा है ! पैर की थोड़ी बहुत समस्या है जिसे हड्डी के डॉक्टर के द्वारा दिखाने पर ठिक हो जाएगा ! सवाल यह है क्या बेटी जनना गुनाह है ? क्या बच्चे की ममता माँ के पैरो की बंधन नहीं बन पाया ?
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