होली का त्योहार पूरे भारतवर्ष में बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता हैं। लोग एक दूसरे पर अबीर, गुलाल और रंग डालते हैं। यह त्योहार उमंग और उल्लास को दर्शाता है । जैसा कि हम सब जानते हैं प्रत्येक वर्ष फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि को होलिका दहन किया जाता है और उसके अगले दिन कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि को रंग वाली होली मनाते हैं। आपको बता दें कि इस बार 28 मार्च 2021 को होलिक दहन किया जाएगा और 29 मार्च 2021 को होली का पर्व मनाया जाएगा।
हम सब जानते हैं कि हमारे देश में कई त्योहार मनाए जाते हैं हर त्यौहार मनाने के पीछे कोई ना कोई कहानी या पौराणिक कथाएं जरूर जुड़ी होती हैं वैसे ही होली मनाने के पीछे भी एक प्राचीन कथा प्रचलित है।
आपको बता दें कि हिरण्यकश्यप प्राचीन भारत का एक राजा था जो कि राक्षस की तरह था। वह अपने छोटे भाई की मौत का बदला लेना चाहता था जिसे भगवान विष्णु ने मारा था। इसलिए अपने आप को शक्तिशाली बनाने के लिए उसने सालों तक प्रार्थना की। जिसके बाद उसे वरदान मिला ही गया। लेकिन इससे हिरण्यकश्यप खुद को भगवान समझने लगा और लोगों से खुद की भगवान की तरह पूजा करवाने लगा। इस दुष्ट राजा का एक बेटा था जिसका नाम प्रहलाद था जो भगवान विष्णु का परम भक्त था।बेटे द्वारा अपनी पूजा ना करने से नाराज हिरणकश्यप ने अपने बेटे को मारने का निर्णय किया। उसने अपनी बहन होलिका से कहा कि वो प्रहलाद को गोद में लेकर आग में बैठ जाए क्योंकि होलिका आग में जल नहीं सकती थी। उनकी योजना प्रहलाद को जलाने की थी, लेकिन उनकी योजना सफल नहीं हो सकी क्योंकि प्रहलाद सारा समय भगवान विष्णु का नाम लेता रहा और बच गया ,पर होलिका जलकर राख हो गई। होलिका की ये हार बुराई के नष्ट होने का प्रतीक है। इसके बाद भगवान विष्णु ने हिरण्यकश्यप का वध कर दिया, इसलिए होली का त्योहार, होलिका की मौत की कहानी से जुड़ा हुआ है। इसके चलते भारत में होली से एक दिन पहले बुराई के अंत के प्रतीक के तौर पर होली जलाई जाती है।इसके बाद होली खेली जाती है।
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