जमशेदपुर। आकाशीय बिजली (वज्रपात) से जान-माल की सुरक्षा हेतु एक दिवसीय सेमीनार का आयोजन आज 6 जुलाई 2019 शनिवार को रेड क्रॉस भवन, साकची में क्लाईमेट रेजिलिएंट ऑब्जर्बिंग सिस्टमस प्रोमोशन काउन्सिल, भारतीय मौसम विज्ञान विभाग, भारत सरकार, वर्ल्ड विजन इंडिया के साथ झारखंड सरकार तथा रेड क्रॉस सोसाईटी, जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, पूर्वी सिंहभूम के संयुक्त तत्वावधान में लाईटनिंग रेजिलिएंट इंडिया कम्पेन 2019-2021 के तहत आयोजित किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन जिला के एडीसी सौरव कुमार सिंहा, रेड क्रॉस के उपाध्यक्ष विकास सिंह, क्लाईमेट रेजिलिएंट ऑब्जर्विंग सिस्ट्मस प्रोमोशन काउन्सिल के चेयरमैन कर्नल संजय श्रीवास्तव, टाटा स्टील सुरक्षा पदाधिकारी श्री केशव कुमार, रेड क्रॉस सोसाईटी के मानद सचिव विजय कुमार सिंह, श्री दयाशंकर पाण्डेय ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर किया। उद्घाटन करते हुए मुख्य अतिथि श्री सौरव कुमार सिन्हा ने कहा कि बिजली गिरने (वज्रपात होने) का बहुत ही बड़ा प्रभाव यहां होता है, उन्होने कहा कि चुकि सरकार इससे प्रभावित लोगों को राशि प्रदान करती है लेकिन कोई भी राशि किसी जीवन से बढ़कर नहीं है। उन्होने कहा कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण से अगर इसकी जानकारी हमें समय रहते हो रही है तो यह सूचना सम्बन्धित पक्ष तक पहुंचना जहां चुनौती है वहीं यह एक सामुहिक जिम्मेवारी भी है, जिसके लिए इस प्रकार के सेमीनार काफी प्रभावी है। उन्होने कहा कि जनजागरुकता के माध्यम से ही हम वज्रपात सुरक्षित भारत अभियान के तहत आगे बढ़ सकते हैं। कार्यक्रम में मौसम विज्ञान विभाग, भारत सरकार के आर. पी. वर्मा ने कहा कि वर्तमान में वज्रपात की सूचना जो नयी प्रणाली के कारण हम मिल रही है, जिससे हम स्थान व समय के विषय में तीन घंटे पूर्व जान सकता हैं, चुनौती है कि हम कैसे उस सूचना को हम उस स्तर तक ले जाएं जहां के लोग इससे प्रभावित होने वाले हो और हम उन्हें अपनी सूचना से बचा सके। कार्यक्रम में टाटा स्टील के श्री केशवन ने कहा कि इसकी जानकारी हर आम और खास को होनी चाहिए, आज भी जो पढ़े लिखे लोग हैं उनमें भी इस प्रकार की आपदा को लेकर जानकारी का अभाव है, जिसे जागरुकता फैलाकर ही दूर किया जा सकता है, वज्रपात होने की स्थिति में क्या करें क्या न करें, इस विषय में सभी को जागरुक करना जरूरी है। तभी हम अभियान की सफलता की कामना करत सकते हैं। कार्यक्रम में अपने विचार रखते हुए रेड क्रॉस सोसाईटी के उपाध्यक्ष एवं के. के. बिल्डर्स के चेयरमैन श्री विकास सिंह ने कहा कि झारखंड इसके बड़े प्रभाव वाला क्षेत्र है और न सिर्फ आम नागरिकों को बल्कि जानकारी के अभाव में उद्योग एवं बड़े व्यवसाय को भी वज्रपात के कारण भारी नुकसान झेलना पड़ता है। उन्होने इस विषय पर काम कर रहे , क्लाईमेट रेजिलिएंट ऑब्जर्विंग सिस्ट्मस प्रोमोशन काउन्सिल के चेयरमैन कर्नल संजय श्रीवास्तव से आग्रह किया कि वे इसका स्थानीय भाषा में अगर पोस्टर पम्फ्लेट उपलब्ध करवायें तो वे ग्रामीण क्षेत्रों में उसे बंटवायेंगे और इससे सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले लोगों के बीच जानकारी देकर उन्हें वज्रपात से बचाने का प्रयास करेंगें। कार्यक्रम में झारखंड के पूर्व मुख्य सचिव श्री ए. के. पाण्डे ने कहा कि यह विषय बहुत ही महत्वपूर्ण है तथा इसपर बहुत काम किया जाना है। उन्होने कर्नल श्रीवास्तव की प्रशंसा करते हुए कहा कि वे जिस स्तर से इस अभियान के माध्यम से लोगों के जान माल बचाने में लगे हैं, वह प्रशंसनीय है तथा सरकार को भी आगे बढ़कर जमीनी स्तर पर कैसे लोगों को जागरुक किया जाय इसपर आगे आना होगा। कार्यक्रम में झारखंड एकता मंच के असलम अंसारी ने भी अपने विचार रखे तथा उनकी संस्था द्वारा बज्रपात से बचाव के लिए किये जा रहे प्रयासों के सम्बन्ध में जानकारी प्रदान किया। इस विषय पर मुख्य वक्ता क्लाईमेट रेजिलिएंट ऑब्जर्विंग सिस्ट्मस प्रोमोशन काउन्सिल के चेयरमैन कर्नल संजय श्रीवास्तव ने वज्रपात सुरक्षित भारत अभियान के विषय में जानकारी देते हुए बताया कि हर स्तर पर नीचे से उपर तक इस पर काम किये जाने की आवश्यकता है। उन्होने कहा कि 10 वर्ष पूर्व झारखंड के सभी सरकारी विद्यालयों में विद्युत तड़ित चालक लगाये गये थे, आज उनकी भौतिक क्या स्थिति है, इसका सत्यापन होने से मात्र 10 फीसदी स्कूलों में ही यह होगा और चालू हालत में तो और भी कम। उन्होने कहा कि तकनीक का ऐसा विकास हो कि वह लोगों की जरूरत बनें, इस विषय में ऐसे अनेकों कार्य हुए लेकिन उनको सुलभ बनाये जाने की जरूरत है। झारखंड का देवघर जिला वज्रपात सुरक्षित है और रांची का गांव वज्रमारा, जहां लगातार वज्रपात होता था लेकिन वहां किये गये प्रयासों से आज वज्रमारा गांव वज्रपात सुरक्षित ग्राम घोषित है। सबको अपनी जिम्मेवारी समझनी होगी, जिन गांवों को कारपोरेट संस्थानों ने प्रभावशाली संस्थानों ने गोद लिया है क्या वे उन गांवों को वज्रपात सुरक्षित नहीं बना सकते। जरूरत है एक सकारात्मक सोच की जिसके माध्यम से झारखंड में बज्रपात से जो 300 लोग प्रतिवर्ष मरकते हैं, उनका जीवन हम बचा सकते हैं। आईये हम सब मिलकर प्रयास कर झारखंड को वज्रपात सुरक्षित क्षेत्र बनायें। कार्यक्रम के दौरान रेड क्रॉस के उपाध्यक्ष विकास सिंह को सिंहभूम क्षेत्र में किये जाने वाले वज्रपात सुरक्षित भारत अभियान को संयोजक बनाया गया। कार्यक्रम के दौरान 75 संस्थाओं के प्रतिनिधि व पदाधिकारी उपस्थित थें।