राजेस तिवारी
पटना | बिल्कुल सरल -साधारण से व्यक्ति और जिनके असाधारण व्यक्तित्व की छवि जो
हमारे जेहन में घूमती है वो है भारत के मिसाइल मैन के नाम से विख्यात देश के पूर्व राष्ट्रपति
एपीजे अब्दुल कलाम आजाद जो पिछले साल अचानक हम सब को छोड़कर दुनिया से विदा
हो गए | आज पूरा राष्ट्र उनकी प्रथम पुण्यतिथि पर उन्हें नमन कर रहा है |
डॉक्टर अब्दुल कलाम देश के ऐसे तीसरे राष्ट्रपति थे जिन्हें भारत रत्न का सम्मान राष्ट्रपति
बनने से पूर्व ही प्राप्त हुआ | अन्य दो राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन और डॉक्टर जाकिर हुसैन
है | कलाम प्रथम वैज्ञानिक है जो राष्ट्रपति बने और प्रथम राष्ट्रपति रहे जो अविवाहित थे |
पूरा नाम अवुल पकिर जैनुल्लाब्दीन अब्दुल कलाम जिन्हें हम एपीजे अब्दुल कलाम के नाम
से जानते है ,उनका जन्म 15 अक्तूबर 1931 ईस्वी को रामेश्वरम में हुआ था | विज्ञानं की दुनिया
में चमत्कारिक प्रदर्शन करने वाले मिसाइल मैन के नाम विख्यात इनकी जीवन गाथा भी किसी
रोचक उपन्यास के नायक की कहानी से कम नहीं है |
उनका सरल स्वभाव ही उन्हें सभी धर्म ,जाती और संप्रदाय के व्यक्तियों के बीच उन्हें सबसे प्रिय
बनाता है वे एक ऐसे स्वीकार्य भारतीय रहे है जो सबके लिए एक महान आदर्श बन चुके है | विज्ञानं
की दुनिया से देश का राष्ट्रपति बनना कोई कपोल कल्पना मात्र नहीं है क्योंकि यह एक जीवित प्रणेता
की सत्यकथा है |
बचपन में अख़बार वितरण किया
बचपन से ही मेहनती अलग सोच और कर्तव्यनिष्ट अब्दुल कलाम रामेश्रवरम के रेलवे स्टेशन और बस
अड़े पर जाकर समाचार पत्र एकत्र रामेश्वरम शहर की सड़को पर दौड़ -दौड़कर अख़बार का सबसे पहले
वितरण करते थे | अपने शिझक के प्यारे रहे अब्दुल कलम को उड़ने वाले पझियों को देखकर मन में यह
जिज्ञासा जगती थी की ये उड़ते कैसे है | इसी आकाझा ने उन्हें मिसाइल बनने की प्रेरणा दी और उन्होंने
आधुनिक प्रझेपास्त्रो का निर्माण किया |

