रवि कुमार झा
कही आपके बच्चो का उपयोग अपराधी तो नही कर रहे है।
जमशेदपुर।
शहर के अपराधी घटना को अंजाम देने के बाद हथियार छुपाने के लिए स्कुली बच्चो का उपयोग कर रहे है। शहर मे लगातार तीन स्कुली बच्चो के बैग से बरामद हथियार से इस बात की पृष्ठि होती है।इससे अपराधियो को यह फाय़दा होता है कि किसी घटना को अंजाम देने के बाद अगर अपराधियो को पुलिस पकड भी लेती है तो जांच के क्रम मे उसके घर से हथियार बरामद नही होता है और वे इस घटना से बरी हो जाते है। इस बात का खुलासा तब हुआ जब शहर के साकची स्थित दयानंद पब्लिक स्कूल के क्लास रुम मे गोली चली । इस गोली से एक छात्र घायल हो गया। जिस छात्र के द्वारा गोली चलाई गई थी। जब पुलिस ने पुछताछ कि तो उसने बताया कि उसे रिवाल्वर जिसने दिया था उसे छुपाने के उद्देश्य दिया गया था क्योकि उस हथियार का उपयोग आदित्यपुर मे शान बाबु की हत्या के दौरान किया गया था। और अपराधियो ने उसे छुपाने के उद्देश्य से दिया था.। उस छात्र ने दिखाने के उद्देश्य से स्कुल मे उस कट्टा देशी कट्टा ले गया और दिखाने के क्रम ने उससे गोली चल गई।
कहा कहा स्कुली छात्र कट्टा के साथ पकडाये।
1 परसुडीह थाना क्षेत्र मे वाहन चेकिंग के दौरान टेम्पु मे स्कुली छात्र के बैग से बरामद कट्टा
2. साकची के दयानंद पब्लिक स्कूल के क्लास मे छात्र के द्वारा गोली चलाने की घटना
3. सोनारी थाना क्षेत्र के खुटाडीह स्थित आर एम एस स्कुल के छात्र के पास से देशी कट्टा बरामद
क्या कहते एस एस पी
इस सर्दभ मे जिला के एस एस पी अनुप टी मैथ्यु ने कहा कि अपऱाधियो के द्वारा घटना के अंजाम देने के बाद सुरक्षित ढंग से रखने के उद्देश्य से पिस्टल उन्हे देते है और बदले मे कुछ लोभ उन्हे देते है। चुकि बच्चे को इस बात से अनभिज्ञ रहते है शौक के कारण उस पिस्टल के अपने पास रख लेते है।और घर मे माता – पिता भी बच्चो का बैग को चैक नही करते है। जिसका खामियाजा उनके बच्चे गलत राह पर चल पड़ते है।
स्कुल प्रबंधन ने चलाया चैकिंग अभियान
वही इस सर्दभ मे राजेन्द्र विधालय के प्रार्चाय पी बी सहाय ने कहा कि उनका स्कुल इस सब मामले को काफी गंभीरता ले रहा है। बच्चे जब स्कुल आते है तो उन बच्चो का बैग चैकिग किया जाता है इस प्रकार से डी ए वी बिस्टुपुर , मोती लाल सहित कई स्कुलो ने बच्चो के बैग की चैंकिग शुरु कर दी है।
क्या कहते है मनौविज्ञानिक
मनौविज्ञानिक ने कहा कि इस प्रकार को मनोवृति जब छात्र किशोर अवस्था की ओर जाते है तब करते है एसा नही है कि पहले बच्चे स्कुल मे कट्टा के साथ पकड़ााये है पहले भी स्कुल मे बच्चे कट्टा के साथ पकड़ाये है लेकिन उस वक्त मिडीया हावी नही था अव सोशल मिडीया पर ही इसकी चर्चा होने लगती है.बस इस वक्त बच्चे उत्सवुकता बस इस प्रकार की गलती कर देते है उनकी मंशा यह नही रहती है कि उसे गलत काम करना है इसलिए इस प्रकार के मुद्दे पर बहस करने से अच्छा ् अपने बच्चो पर घ्यान दे