गम्हरिया
—–
न्यायालय के निर्देश पर बड़ा गम्हरिया के वार्ड पाँच में सरकारी भूमि से अतिक्रमण हटाया गया। इस दौरान उक्त भूमि पर बनाए गए करीब एक दर्जन घरों को जेसीबी की मदद से तोड़ दिया गया। इस क्रम में गृह स्वामियों के विरोध का सामना भी उपस्थित दंडाधिकारी तथा पुलिस को करना पड़ा। इस संबंध में गम्हरिया की अंचलाधिकारी ने बताया कि कई वर्ष पूर्व सरायकेला न्यायालय द्वारा उक्त सरकारी भूमि से अतिक्रमण हटाने का निर्देश जिला प्रशासन को दिया गया था। उस निर्देश के आलोक में तत्कालीन अंचलाधिकारी को अविलंब अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया गया किन्तु पुलिस बल नहीं उपलब्ध होने के कारण अतिक्रमण नहीं हटाया जा सका। विगत दिनों इसकी शिकायत स्थानीय एक व्यक्ति द्वारा जन संबाद कार्यक्रम के माध्यम से राज्य के मुख्यमंत्री से की गई थी। उक्त शिकायत के आलोक में मुख्यमंत्री द्वारा जिले के उपायुक्त को अविलंब इसपर कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया। इसके बाद अंचलाधिकारी द्वारा गम्हरिया के अंचल निरीक्षक को दंडाधिकारी प्रतिनियुक्त कर आदित्यपुर थाना व जिला सशस्त्र बल के सहयोग से उक्त भूमि से अतिक्रमण हटाया गया। इस दौरान काफी संख्या में महिला पुलिस बलो की प्रतिनियुक्ति भी की गई थी। बताया जाता है कि विगत 40 वर्षों से उक्त सरकारी भूमि पर अपना आशियाना बनाकर रह रहे गरीबों को उजाड़े से करीब एक दर्जन परिवार खुले आसमान के नीचे रहने को विवश हो गए हैं। घर उजाड़े जाने के बाद रो-रोकर उक्त परिवार की दो महिलाएँ बेहोस हो गई जिसे बाद में गम्हरिया अस्पताल में इलाज कराया गया। सभी परिवार उक्त स्थल पर अपना आशियाना बनाकर अन्य घरों में काम-काज कर भरण-पोषण करते हैं। इस भीषण गर्मी में बेघर कर दिए जाने से उन परिवारों के छोटे-छोटे बच्चों का घूप में काफी बुरा हाल हो गया था। झामुमो नेता अमृत महतो ने सरकार के इस रवैये पर क्षोभ व्यक्त करते हुए इन गरीबों को बसाने की मांग किया है। उन्होंने कहा कि एक ओर सरकार आवास उपलब्ध कराकर गरीबों को बसाने का ढि़ढ़ोरा पीट रही हैं वहीं वर्षों से रह रहे गरीबों को उजाड़ने का निर्देश भी दे रहे हैं। इससे सरकार की दोहरी नीति उजागर होती है। उन्होंने कहा कि झामुमो इसके लिए आंदोलन करेगी।