Jharkhand News :हर भाषा- संस्कृति के लोगों को पूरे मान- सम्मान के साथ जीने का अधिकार – हेमन्त सोरेन मुख्यमंत्री

सभी भाषा- संस्कृति को संरक्षित करना सरकार की प्राथमिकता

388

रांची।

सभी भाषा- संस्कृति की अपनी अलग अहमियत है ।इससे उस भाषा से जुड़े समुदाय को अलग पहचान मिलती है। इसे संरक्षित और आगे बढ़ाना हम सभी की जिम्मेवारी है। भाषा की पकड़ जितनी मजबूत होगी, उतना ही मजबूत हमारा समाज और राज्य होगा। मुख्यमंत्री  हेमंत सोरेन आज डॉ रामदयाल मुंडा स्टेडियम, रांची में आयोजित तीन दिवसीय बांग्ला सांस्कृतिक मेला के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हर किसी को अपनी भाषा और संस्कृति पर गर्व होना चाहिए।

इसे भी पढ़ें :-Jharkhand Good News :इस माह के अंत तक होगी 25 हजार शिक्षकों की नियुक्ति -मुख्यमंत्री  हेमन्त सोरेन

भाषा और संस्कृति के साथ राज्य को आगे ले जाने का प्रयास

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड की जो संरचना है, उसने अलग-अलग भाषा और संस्कृति का व्यापक प्रभाव है । हमारी सरकार भाषा और संस्कृति के साथ राज्य को आगे ले जाने का लगातार प्रयास कर रही है। यहां रहने वाले हर समाज को मान- सम्मान के साथ जीने का मौका मिले, इसके लिए सरकार प्रतिबद्ध है।

 

इसे भी पढ़ें : –Jharkhand :मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने झारखंड की जनता के लिए पहली बार एयर एंबुलेंस सेवा का शुभारंभ किया।

झारखंड में बांग्ला भाषा का विशेष प्रभाव

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड का जो भौगोलिक परिवेश है, उसमें कमोबेश सभी जिले की सीमा किसी ना किसी राज्य के साथ जुड़ी हुई है । विशेष कर पश्चिम बंगाल के साथ झारखंड के सबसे ज्यादा जिले जुड़े हैं। ऐसे में बांग्ला भाषा और संस्कृति का यहां प्रभाव पड़ना लाजमी है। यहां ऐसे कई लोग हैं जिनकी संपत्ति झारखंड और बंगाल दोनों राज्यों में है। सबसे बड़ी बात की बंगाल से उड़ीसा और बिहार राज्य बना एवं बिहार से झारखंड अलग राज्य बना। ऐसे में किसी ना किसी रूप में बांग्ला भाषा- संस्कृति यहां की धरती में रची बसी है। ऐसे में बिना बांग्ला के झारखंड के सांस्कृतिक विकास की कल्पना नहीं की जा सकती है।

इसे भी पढ़ें :-Jharkhand :मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन से राष्ट्रीय तीरंदाज दीप्ति कुमारी ने की मुलाकात

क्षेत्रीय भाषाओं को बिना जाने समझे झारखंड को आगे नहीं ले जा सकते

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड में 10 से ज्यादा स्थानीय और क्षेत्रीय भाषाएं बोली जाती है। यहां के ग्रामीण परिवेश में हिंदी से ज्यादा क्षेत्रीय भाषाएं बोली जाती है। ऐसे में राज्य के विकास में अहम जिम्मेदारी निभाने वाले हमारे अधिकारी अगर स्थानीय और क्षेत्रीय भाषाओं को नहीं समझेंगे, नहीं सीखेंगे और नहीं जानेंगे तो वे स्थानीय लोगों से कैसे संवाद स्थापित कर पाएंगे । इन्हीं बातों को ध्यान में रखकर हमने अपने अधिकारियों को कम से कम क्षेत्रीय भाषाओं को समझने और जानने को कहा है, ताकि वे ग्रास रूट पर लोगों के साथ सीधा संवाद कर उन्हें विकास योजनाओं का लाभ दे सकें।

इसे भी पढ़ें :-Jamshedpur News:यंग इंडियंस और फ्लोरा फोर्ट की बच्चों को प्लांटेशन से जोडऩे की मुहिम

विविधता में एकता ही हमारे देश की पहचान

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत विभिन्न धर्म- समुदाय, भाषा, संस्कृति, रहन- सहन और वेशभूषा वाला देश है । यही विविधता में एकता हमारी देश की पहचान है। यह हमारे देश को मजबूती देती है और पूरी दुनिया इसका लोहा मानती है।

इस अवसर पर मंत्री आलमगीर आलम,  सुप्रियो भट्टाचार्य, रांची के उपायुक्त और वरीय पुलिस अधीक्षक समेत बांग्ला समुदाय के बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे।

Comments are closed.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More