(रांची)।
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन आज दिशोम गुरु शिबू सोरेन को श्रद्धांजलि देने उनके मोहराबादी स्थित आवास पहुंचे। गुरुजी के पार्थिव शरीर के समक्ष पहुंचते ही चंपई सोरेन की आंखें नम हो गईं और वे भावुक हो उठे। उन्होंने झुककर पुष्पांजलि अर्पित की और कुछ क्षण मौन रहकर श्रद्धा-सुमन अर्पित किए।
शोकाकुल स्वर में उन्होंने कहा, “गुरुजी केवल राजनीतिक मार्गदर्शक नहीं, मेरे लिए पितातुल्य थे। उन्होंने हमें आदिवासी अस्मिता, संघर्ष और न्याय की राह पर चलना सिखाया। आज मैं खुद को बेहद अकेला महसूस कर रहा हूं।”
श्रद्धांजलि अर्पण के पश्चात चंपई सोरेन ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन एवं दिवंगत गुरुजी के परिजनों से मिलकर गहरी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि “गुरुजी का जाना झारखंड की राजनीति और समाज के लिए एक अपूरणीय क्षति है, जिसे शब्दों में व्यक्त करना कठिन है।”
इस अवसर पर मोहराबादी आवास पर हजारों की संख्या में झामुमो कार्यकर्ता, समर्थक और विभिन्न दलों के नेता उपस्थित थे। अंतिम दर्शन के दौरान चंपई सोरेन बार-बार गुरुजी के चित्र की ओर निहारते रहे, मानो बीते संघर्षों और वर्षों की स्मृतियाँ उनके मन में उमड़ रही हों।
