Positive News – ट्विटर पर झारखंड के असहायों की उम्मीद हैं मंत्री चंपई सोरेन

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जमशेदपुर। आज दोपहर डेढ़ बजे एक वृद्ध महिला चाईबासा स्थित सदर अस्पताल के सामने पड़ी हुई थी। किसी ने उनकी फोटो लेकर झारखंड के परिवहन व आदिवासी कल्याण मंत्री चंपई सोरेन को ट्वीट किया, चंद मिनटों में मंत्री ने पच्छिमी सिंहभूम के उपायुक्त को टैग करते हुए उस महिला को समुचित चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाने का निर्देश दिया। मंत्री के ट्वीट के कुछ मिनटों के भीतर, व्हील चेयर पर महिला को अस्पताल के भीतर ले जाया गया, और उन्हें भर्ती कर के उनका इलाज शुरू हो गया।


एक अन्य मामले में, आज सुबह देवघर से किसी ने गुहार लगाई कि एक मरीज हुसना खातून के इलाज हेतु ग्रीन राशन कार्ड को PH Card में बदलने की आवश्यकता है, तो मंत्री के निर्देश पर, देवघर के उपायुक्त ने मिनटों में यह काम करवा दिया।

ठीक इसी तर्ज पर, कल गिरीडीह से सोरेन कोड़ा ने एक दिव्यांग रामका टुडु को ट्राई साइकल दिलवाने का आग्रह किया था, जिस के बाद, उन्हें 24 घंटों के भीतर जिला-प्रशासन द्वारा ट्राई-साइकल दी गई।

इसके अलावा, कोरोना काल में चम्पई सोरेन के ट्विटर की सहायता से दर्जनों लोगों को अस्पताल में बेड मिले, तो कई को रेमडेसिविर जैसी दवाइयां भी सरकारी अधिकारियों द्वारा उपलब्ध करवाई गईं। उनके द्वारा ट्विटर पर दिए निर्देशों की वजह से, हर महीने सैकड़ों लोगों को पेंशन, राशन कार्ड, ट्राई-साइकिल, चिकित्सा, शिक्षा व अन्य कई तरह की सरकारी सुविधाएँ मिल रही हैं, तथा दुबई, मलेशिया से लेकर नेपाल व देश के अन्य राज्यों से दर्जनों बार, सैकड़ों प्रवासी मजदूरों के वापस लौटने का इंतजाम किया गया है।


ट्विटर पर उनकी सक्रियता को इस बात से समझा जा सकता है कि दुमका में पानी की समस्या हो, या सिमडेगा में चापाकल लगवाना हो, जमशेदपुर में हाई मास्ट लाइट की मरम्मत हो, या फिर राज्य के कोने-कोने में पेंशन शुरू करवाने, और राशन कार्ड में नाम जोड़ने की कवायद, ट्वीटर पर ऐसे कई मुद्दे, सरकारी अधिकारियों द्वारा त्वरित संज्ञान लेकर हल किये जा रहे हैं। मात्र एक ट्वीट पर मिल रहे इन समाधानों से जनता तो खुश है ही, साथ ही साथ, इस से सरकार की छवि भी बेहतर हो रही है। राज्य के हर कोने में मौजूद सामाजिक कार्यकर्ता अब किसी भी सहायता के लिए सीधे ट्विटर का सहारा लेते हैं।

इस बारे में जब हमने मंत्री चंपई सोरेन से बात की तो उन्होंने कहा – “हर दिन दर्जनों लोग राज्य के कोने-कोने से मुझे अपनी छोटी-बड़ी शिकायतें ट्वीट करते हैं, और मेरा प्रयास रहता है कि उनमें से अधिकतर समस्याओं का समाधान हो जाये। आखिर इसीलिए तो उन्होंने मुझे चुना है।”

वैसे तो झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी जनता की परेशानियों को सुलझाने के लिए ट्विटर का धड़ल्ले से इस्तेमाल करते हैं, लेकिन तकनीक के माध्यम से जन समस्याओं को सुलझाने का यह जज्बा अन्य राज्यों में शायद ही कहीं दिखता है।

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