संजय कुमार सुमन
भागलपुर।
गंगा में आई बाढ़ के कारण भागलपुर जिले के 390 गांवों की चार लाख की आबादी बुरी तरह प्रभावित हो चुकी है।बाढ़ से आमलोगों का जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। भागलपुर के बाद अब नवगछिया भी बाढ़ की चपेट में है।कोट,अनुमंडल कार्यालय,जेल,एसपी कोठी समेत कई कार्यालय में पानी घुस गया है ।जिससे सरकारी काम काज ठप हो गया है । बाढ़ के कारण सैकड़ो एकर में लगी फसल बर्बाद हो गई है।फसलों की दुर्दशा देख किसान अपनी छाती पीट रहें हैं । उनका कहना है हमारे सभी सपने बाढ़ ने बर्बाद कर दिया है। कटिहार-बरौनी रेलखंड पर रेल यातायात अब तक सामान्य नहीं हो पाया है। नवगछिया से भागलपुर को जोड़ने वाली विक्रमशिला सेतु पहुंच मार्ग पर भारी वाहनों का परिचालन पूरी तरह बंद है। गंगा के जलस्तर में हर हर घंटे तीन सेमी. की कमी होने के बाद भी भागलपुर में गंगा खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।
बाढ़ से भागलपुर जिले के 13 प्रखंड प्रभावित हैं।
जलस्तर में कमी के बाद चारो ओर तबाही का मंजर दिख रहा है। सीएम के निरीक्षण के बाद राहत शिविरों की व्यवस्था बदली जरूर है। बाढ़ के कारण नवगछिया अनुमंडल में सर्वाधिक बर्बादी हुई है। जानकारों का कहना है कि बाढ़ के कारण करीब 100 करोड़ की फसल बर्बाद हो गई है। हालांकि फसल की क्षति का आकलन किया जा रहा है।
नेताओ के बयानबाजी तेज
उधर, बिहार में बाढ़ को लेकर जारी सियासी बयानबाजी के बीच सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री एवं हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने सीएम नीतीश कुमार पर जमकर निशाना साधा है. जीतन राम मांझी ने आज कहा कि सीएम नीतीश कुमार के अहंकार के कारण बिहार के बाढ़ पीड़ितों को केंद्रीय मदद नहीं मिल पा रही है.जीतन राम मांझी ने आगे हमला तेज करते हुए कहा कि नीतीश कुमार गुरूर में हैं क्योंकि वे पीएम बनने के सपने देख रहे हैं. इसी को लेकर वे प्रधानमंत्रीनरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार से सीधे मुंह बात करने तक को नहीं तैयार है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जब खुद से मदद नहीं मांग रहे तो ऐसे में केंद्र सरकार बिहार को क्यों ज्यादा मदद देगी.

