ललन कुमार
शेखपुरा।
जिला पुलिस की कार्यशैली से अक्सर बिहार सरकार को शर्मसार होना पर रहा है ।इसबार तो कोर्ट के सामने ही शेखपुरा पुलिस की कार्य शैली की पोल खुल गयी । पिछले पखवारे जिले के घटकुसुम्भा प्रखंड के मेहुश थाना क्षेत्र के माफों गाँव के एक मंदिर से अज्ञात चोरों द्वारा मंदिर के गेट का ताला तोड़कर कई देवी देवताओं की मूर्तियां चोरी कर ली थी ।पुलिस ने संदेह के आधार पर इस मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेशी के लिए लाई ।पुलिस के पास इस मामले में पर्याप्त सबूत नहीं रहने के चलते न्यायिक दंडाधिकारी जिगर शाह के कोर्ट ने पुलिस को जमकर फटकार लगाते हुए सभी आरोपियों को जेल भेजने से इन्कार कर दिया ।न्यायालय सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार,अभियुक्तो के पेशी के दौरान सुप्रीम कोर्ट द्वारा अनरेश कुमार बनाम बिहार सरकार के मामले में दिए गए सात महत्वपूर्ण निर्देशों का पुलिस द्वारा अनुपालन नहीं किये जाने की बात जब सामने आयी तो न्यायालय ने उन सभी आरोपियों को मुक्त कर दिया । न्यायालय ने भी माना है कि इस तरह के अपराध में सजा की अधिकतम सजा सात साल है ।पुलिस इस मामले में अभियुक्तों को दंड प्रक्रिया की धारा 41 का लाभ दे सकती है ।न्यायालय के समक्ष इस बात का भी खुलासा हुआ कि 22 अगस्त को ही पुलिस द्वारा अभियुक्तों की गिरफ्तारी की गयी ,लेकिन उन अभियुक्तों को 4 दिन बाद न्यायालय के समक्ष लाया गया ।जबकि गिरफ्तारी के 24 घंटे के अंदर अभियुक्तों को न्यायालय में पेश किया जाना अनिवार्य है । वहीँ थानाध्यक्ष किशोर कुमार ने बताया की मूर्ति चोरी के मामले में राम बालक सिंह को चेबाड़ा के मेहुश पुर गाँव से ,अरियरी के सनैया गाँव से मो नौशाद को,बरबीघा के रामपुर सिंदाय से रोहित कुमार को,नालंदा जिला के डुमरांव से दिनेश कुमार,और पटना जिला के सकसोहरा से राहुल कुमार को गिरफ्तार किया गया है।
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