

ललन कुमार
शेखपुरा।
अबैध शराब निर्माण से जुड़े कारोबारी ने अपने कारोबार को बनाये रखने के लिए अपना ट्रेंड भी बदल लिया है ।अब वे कम समय में ज्यादा से ज्यादा शराब चुलाई के लिए ईंधन के तौर पर गैस का भी इस्तेमाल करने लगे हैं ।इस परिस्थिति में पीएम मोदी के उज्ज्वला योजना के तहत गरीबों को मिलने वाली गैस सिलिंडर का दुरूपयोग होने से कोई रोक नहीं सकता है ।इसकी जानकारी देते हुए उत्पाद अधीक्षक विकेश कुमार ने बताया कि जिले के रामगढ़ गाँव के बाहर खेत में अबैध शराब निर्माण किये जाने की सुचना मिली थी ।उपलब्ध सुचना के आधार पर निर्धारित स्थल पर छापेमारी की गयी तो कारोबारी भाग निकले ।साथ ही धान की रोपनी कर रहे महिलाओं ने उन्हें बताया कि शराब चुलाई के लिए कारोबारी अब अपने साथ बर्तन के साथ साथ गैस का छोटा सिलिंडर भी लाते है। उसी से अब शराब बनाते हैं ।पुलिस की आने की सुचना मिलते ही वे बर्तन और सिलिंडर अपने कंधे पर लाद कर चलते बनते हैं ।अधीक्षक ने बताया कि शराब के खिलाफ उनके टीम का छापेमारी अभियान जारी है और जारी रहेगा ।उन्होंने कहा कि पुरे बिहार में बिहार सरकार द्वारा शराब बन्दी कर दी गयी है ।नये उत्पाद कानून भी बनाये गए है जिसकी सभी धाराएं ननबेलेबुल है ।इस कानून के तहत सजा भी अधिक है ।इस कानून के तहत गिरफ्तार व्यक्ति को अब थाना से जमानत लेना टेढ़ी खीर होगी ।पहले जो शराब का कानून था वह सभी के सभी जमानतीय थे जिसके चलते शराब के कारोबारी का मनोबल यह सोचते हुए ऊंचा रहता था कि कोर्ट से इस मामले में तुरंत जमानत मिल जायेगी और जेल भी छूट जाएंगे ।फिर से जेल छूटने के बाद वे अपने पुराने शराब के धंधे में लग जाते थे । पहले के उत्पाद कानून में अधिकतम एक साल का सजा निर्धारित था जिसके चलते अबैध शराब पर अंकुश लगा पाना मुश्किल था ।उन्होंने ने कहा सामाजिक स्तर पर उन्हें सहयोग इस मामले में नहीं मिल पाता है ।कानून तो गवाह खोजता है ।गवाही के लिए पुलिस के सामने इस मामले में कोई सामने नहीं आ पाते हैं ।उन्होंने ने कहा कि शराब के धंधे से विस्थापित लोंगों को जीविका के माध्यम से रोजगार से जोड़ा गया है और जोड़ा भी जा रहा है ताकि प्रशिक्षण के बाद वे स्वरोजगार से जुड़ कर अपनी जीविका को चला सकें ।
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