जमशेदपुर।
रविवार को शास्त्रीय संगीत को समर्पित नई दिल्ली की संस्था स्वरांजलि के तत्वाधान में आयोजित शास्त्रीय सगीत व नृत्य का दो दिवसीय कार्यक्रम “झारखण्ड महोत्सव -2019” का समापन अनुष्ठान का आयोजन धूम धाम से मोतीलाल नेहरु पब्लिक स्कुल सभागार , साक्ची में किया गया I इस दो दिवसीय महोत्सव में शहर एवं देश के विभिन्न प्रान्तों के 15 नामचीन कलाकारों ने शिरकत की I
आज महोत्सव के अंतिम दिन कार्यक्रम का शुभारंभ राज्य के खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री श्री सरयु राय , श्री आर ० डी दिवेदी , श्री अखिलेश दुबे , श्री भुत नाथ डे , श्री अनिरुद्ध सेन ने दीप प्रज्ज्वलन कर किया I
कार्यक्रम की पहली प्रस्तुति में बंगलुरु की भरतनाट्यम कलाकार श्रीमती वीणा सि शेषाद्री ने भरतनाट्यम नृत्य की प्रस्तुति दी Iअपनी प्रस्तुति में नित्य अर्पण मे शिव ध्यान श्लोक , जटीस्वरम , देवरनामा एवं अंत में राग बेहाग , ताल-आदि में भजन में नृत्य पेश किये I देवरनामा प्रस्तुति में कृष्ण की बाललीलाओं को और वृन्दावन की रासलीलाओं को मंच पर प्रस्तुत किया गया।
दूसरी प्रस्तुति में कोलकाता की श्रीमती महुआ चटर्जी ने अपने मखमली आवाज़ में शास्त्रीय गायन पेश किये I अपनी प्रस्तुति में राग मारू बिहाग में विलंभित एक ताल एवं द्रुत तीन ताल में बंदिश पेश किये अंत में ठुमरी की प्रस्तुति ने खूब तालियाँ बटोरी Iतबले पर अमिताभ सेन एवं हारमोनियम पर बिरेन्द्र उपाध्याय ने सराहनीय संगत किये I
अंतिम प्रस्तुति में अंतर्राष्ट्रीय सितार वादक श्री सुब्रोतो डे ने सितार वादन पेश किये I अपनी प्रस्तुति में सुब्रोतो डे ने राग बागेश्री में आलाप , जोड़ ,झाला इसके उपरांत विलंभित तीन ताल में मध्य लय , झाप ताल एवं द्रुत तीन ताल पेश किये I उनकी तानकारी में , द्रुत झाला,सुर एवं ताल का समन्यव शानदार देखने को मिला I राग मल्लिका की प्रस्तुति से उन्होंने अपना वादन समाप्त किये I तबले पर अंतराष्ट्रीय तबला वादक पंडित प्रशांतो डे रॉय ने सराहनीय संगत किये I सितार एवं तबले के “साथ संगत” एवं “सवाल जवाब” के जादू ने श्रोताओं को झूमने के लिए मजबूर कर दिया I सुब्रोतो डे ने सितार की तारों से खेलना शुरू किया तो वहां बैठा हर श्रोता अपनी स्थान से मानो बंध गया उस पर तबले की संगत। फिर हर सम पर तालियों की गड़गड़ाहट। रात बढ़ने के साथ ही सभागार का पूरा माहौल संगीतमय हो गया I सभागार में उपस्थित श्रोतागण सुब्रोतो डे के सितार की झंकार से मंत्र मुग्ध हो उठे I
मंच संचालन में अरुणिमा बोस की सराहनीय भूमिका रही I कार्यक्रम के सफल में आयोजन उत्तर प्रदेश संघ , जमशेदपुर , दूरदर्शन केंद्र रांची , भुतनाथ डे , कविता डे , सुभाष बोस , अमिताभ सेन , हरप्रसाद मुखर्जी का सराहनीय संगत रहा
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