
ललन कुमार

शेखपुरा.।
जिला पुलिस में गड़बड़ झाला का खुलासा हुआ है। यह गड़बड़झाला वाहनों से अवैध वसूली से जुड़ा हुआ है। इसी अवैध वसूली को लेकर ट्रैफिक ड्यूटी पर तैनात दारोगा भरत शाह की शेखपुरा थाना की पुलिस टीम ने जमकर धुनाई कर डाली। थाना पुलिस की पिटाई से जख्मी ट्रैफिक ड्यूटी पर तैनात जख्मी दारोगा भरत शाह को सदर अस्पताल में भर्ती तक होना पड़ा। इसी मामले में ट्रैफिक दरोगा को एसपी से इन्साफ मांगना मंहगा पड़ा ।एसपी राजेन्द्र कुमार भील ने उसे लाइन हाजिर कर पुरे मामले को जांच में सौंप दिया है।
पुलिस कर्मियों की ही पिटाई का शिकार बने दारोगा भरत शाह के लिखित आवेदन पर एसपी ने मामले की जांच का जिम्मा हेड क्वार्टर डीएसपी राज किशोर सिंह को सौंप दिया है। इस बाबत मामले की जांच अधिकारी राजकिशोर सिंह ने बताया कि यह मामला पूरी तरह से अवैध वसूली से जुड़ा हुआ है। इसी अवैध वसूली में क्षेत्राधिकार को लेकर यह घटना घटी है। जांच के क्रम में दोनों पक्षों का बयान दर्ज कर लिया गया है। अब जांच रिपोर्ट एसपी को सौंपी जाएगी। जांच अधिकारी की हैसियत से हेड क्वार्टर डीएसपी ने बताया कि इस जांच में दूध का दूध और पानी का पानी किया जाएगा। इस मामले में एसपी से संपर्क नहीं हो पाया ।
यह मामला लगभग ढ़ाई महीने पुराना है। शहर में ट्रैफिक व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए एसपी, दारोगा भरत शाह को ट्रैफिक में प्रतिनियुक्त किया था। अपनी इसी ड्यूटी के तहत भरत शाह 31 मार्च को शहर के बाईपास तिरमुहानी पर तैनात थे। इस मामले से जुड़े जो सरकारी व आधिकारिक दस्तावेज जागरण को हाथ लगे हैं। उसके मुताबिक उस दिन शाम लगभग साढ़े सात बजे भरत शाह अपनी ड्यूटी पर तैनात थे। इसी दौरान शेखपुरा की गश्ती टीम तिरमुहानी पर आकर बरबीघा की तरफ से आ रहे पशु लदे वाहन से अवैध वसूली करने लगी। इस पर ट्रैफिक ड्यूटी पर तैनात दारोगा भरत शाह ने विरोध जताया तो थाने की गश्ती टीम में शामिल एसआइ रामप्रवेश सिंह तथा गश्ती टीम में शामिल जवानों ने भरत शाह की इस कदर पिटाई कर डाली कि उसे सदर अस्पताल में इलाज कराना पड़ा। भरत शाह ने इसकी लिखित शिकायत एसपी से की। तब मामले की जांच हेडक्वार्टर डीएसपी राजकिशोर सिंह को सौंप दिया गया, मगर इस गंभीर मामले की जांच का हाल यह है कि ढ़ाईमहीने में भी जांच पूरी नहीं हो सकी ।
ढ़ाई महीने पहले हुई इस घटना के शिकार दारोगा भरत शाह तो एसपी के समक्ष इंसाफ मांगने गए थे। मगर उन्हें अगले ही दिन लाइन हाजिर कर दिया गया। इस बाबत जो कागजात हाथ लगे हैं। उसके मुताबिक भरत शाह ने 31 मार्च को इस घटना की लिखित सूचना एसपी को दी थी, तथा थाना की गश्ती टीम के खिलाफ कार्रवाई की गुहार लगाई थी। मगर इस मामले में कार्रवाई करने के बजाय एसपी ने भरत शाह को ही लाइन हाजिर करने का आदेश निकाल दिया। बताया गया कि इस समूचे प्रकरण में दारोगा स्तर से उपर के एक पुलिस अधिकारी की भूमिका मानी जा रही है। जानकार तो बताते हैं कि जिला में हर महीने वाहनों से लाखों की वसूली हो रही है उसका हिस्सा ओहदे के हिसाब से बंटता है।
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