
Jamtara: 2 साल से रमज़ान समेत सभी त्योहारों पर कोरोना का पहरा रहा है. अब कोरोना के हद में आते ही लोग त्योहार पहले जैसे मना रहे हैं. जैसा की सभी जानते हैं कि रहमतों और बरकतों का महीना रमज़ान खत्म होने वाला है. 2 साल बाद मुस्लिम भाई मस्जिदों में नमा़ज अदा कर रहे हैं. शुक्रवार को अलविदा का जुम्मा विभिन्न मस्जिदों में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने अदा की। और अगर चांद 1 मई को दिखा तो देशभर में 2 मई को ईद मनाई जाएगी, नहीं तो फिर 3 मई को ईद का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा. मौलाना इसहाक और हाफिज कमरुद्दीन ने बताया कि अलविदा जुमा का मतलब होता है कि जुमा को अलविदा कहना. रमज़ान महीने में 4 जुमा यानी चार शुक्रवार पड़ते हैं. जिसमें से आखिरी जुमे को अलविदा जुमा के रूप में जाना जाता है. इस मौके पर मुस्लिम समुदाय के लोग अल्लाह से अपने या परिवार के लिए खास दुआ मांगते हैं. इसके साथ ही ईद मनाने की तैयारी जोरों-शोरों से शुरू हो जाती है.
