जमशेदपुर।
टाटा स्टील ने आज अपने जमशेदपुर वर्क्स में दो पुराने कोक प्लांट फैसिलिटीज – बैटरी # 6 चिमनी और एक कोल टॉवर – के इम्प्लोजन को नियंत्रित परिस्थितियों में सफलतापूर्वक अंजाम दिया, जिससे कंपनी के इंजीनियरिंग कौशल को बल मिला।
एक बेहतर कल की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए, टाटा स्टील जमशेदपुर में मौजूदा कोक ओवन बैटरी 5, 6 और 7 (1MnTPA की संयुक्त क्षमता) को नई कोक ओवन बैटरी 6A और 6B (1MnTPA की संयुक्त क्षमता) से बदल रही है, जो नवीनतम तकनीक और उच्च ऊर्जा दक्षता से लैस होगा।
आज का इम्प्लोजन जमशेदपुर वर्क्स के कोक प्लांट में अप्रचलित गगनचुंबी फैसिलिटीज को खत्म करने की प्रक्रिया के पूरा होने का प्रतीक है, जिन्हें कई पहली बार किये गए पहल का श्रेय जाता हैं। दुनिया में अपनी तरह की पहली इंजीनियरिंग प्रक्रिया में, टाटा स्टील ने एक ऑपरेटिंग स्टील प्लांट में इन इम्प्लोजन गतिविधियों को अंजाम दिया, जिसमें विशाल संरचना शामिल थी, जो भारत में सबसे ऊंची थी।
ऑपरेशनल प्लांट के अंदर सुरक्षित संचालन प्रक्रिया स्थापित करने के लिए 12-मीटर ऊंचाई की एक मॉडल रिपेयर शॉप का पहला इम्प्लोजन 4 सितंबर, 2022 को किया गया था; और 27 नवंबर, 2022 को कंपनी ने कोक प्लांट में एक पुराने 110 मीटर लंबी चिमनी (बैटरी #5 चिमनी) के इम्प्लोजन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। आज, 48 मीटर ऊंचे कोल टॉवर के साथ 110 मीटर ऊंचाई की एक और कंक्रीट चिमनी (बैटरी#6 चिमनी) को सुरक्षित और पर्यावरण स्नेही तरीके से ध्वस्त कर दिया गया। ये इम्प्लोजन हमारे कॉन्ट्रैक्ट पार्टनर एडिफिस इंजीनियरिंग इंडिया और जेट डिमोलिशन साउथ अफ्रीका की मदद से किए गए।
110 मीटर ऊंची चिमनियों के नियंत्रित इम्प्लोजन को एक मैकेनिकल हिंज का उपयोग करके निष्पादित किया गया, जिससे संरचना शून्य डिग्री विचलन के साथ एक दिशा में गिरने में सक्षम हो गई। धूल को नियंत्रित करने के लिए ‘वाटर कर्टेन’ का इस्तेमाल किया गया और कंपन को अवशोषित करने के लिए ‘बर्म के साथ ट्रेंचेस’ लगाए गए। साथ ही, ‘स्टील मैश’ के इस्तेमाल से मलवा बिखरने से बचा। इन इम्प्लोजन से उत्पन्न कंक्रीट के मलबे को पीसीसी, दीवार और सड़क निर्माण में रीसायकल किया जाएगा। विज़िबिलिटी में सुधार करने और दुर्गम क्षेत्रों में पहुंचकर खतरों की पहचान करने और इम्प्लोजन के दौरान आसपास के क्षेत्रों का सर्वेक्षण करने के लिए ड्रोन तैनात किए गए थे। टाटा स्टील ने उद्योग-अग्रणी समाधानों को तैनात करना जारी रखा है और सस्टेनेबिलिटी डिस्कोर्स का समर्थन करती है।
इस सबंध मे टाटा स्टील (सेफ्टी) के हेल्थ एंड सस्टेनेबिलिटी वाइस प्रेसिडेंट संजीव पॉल ने बताया कि टाटा स्टील ने अप्रचलित कोक प्लांट सुविधाओं के सुरक्षित और नियंत्रित इम्प्लोजन का एक महत्वपूर्ण काम पूरा कर लिया है। यह परिचालन दक्षता, सुरक्षा, संसाधन अनुकूलन और सतत विकास रणनीति के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण है।
टाटा स्टील के टीक्यूएम और इंजीनियरिंग एंड प्रोजेक्ट्स वाईस प्रेसिडेंट अवनीश गुप्ता ने कहा: “टाटा स्टील स्टील उद्योग में एक प्रौद्योगिकी और नवाचार लीडर बनने का प्रयास कर रही है, जो इन-हाउस क्षमताओं का लाभ उठाकर, बाहरी पारिस्थितिक तंत्र का निर्माण करती है। और, इन जटिल इम्प्लोजन का सफल निष्पादन हमारी बेहतर इंजीनियरिंग क्षमताओं को प्रदर्शित करता है।
टाटा स्टील का प्रमुख जमशेदपुर प्लांट, भारत का पहला रिस्पॉन्सिबल स्टील प्रमाणित स्थल, एशिया के पहले इस्पात संयंत्रों में से एक है और भारत में 100 से अधिक वर्षों से लगातार एक ही स्थान पर इस्पात का उत्पादन करने वाली एकमात्र सुविधा है। इंडस्ट्री 4.0 तकनीकों को अपनाने के लिए वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम द्वारा लाइटहाउस के रूप में मान्यता प्राप्त संयंत्र, सस्टेनेबिलिटी में एक राष्ट्रीय बेंचमार्क है। टाटा स्टील का सतत विकास इसकी परिचालन उत्कृष्टता और निरंतर सुधार की संस्कृति से प्रेरित है।

